ईदमिलादुन्नबी यानी पैगम्बर मुहम्मद सल्ल. की पैदाईश का दिन, आज ही के दिन अल्लाह के महबूब और अव्वल व आखिर पैगम्बर ह. मुहम्मद सल्ल. का दुनिया में आमद हुआ। पैगम्बर ह. मुहम्मद सल्ल. के बारे में 15 जुलाई 1974 के अंक में अमेरिकी पत्रिका टाईम्स मैंगजीन ने इतिहास के महानायक कौन-कौन थे? विषय पर विभिन्न अति विशिष्ट व्यक्तियों के संबंध में विचार छापे थे। अमेरिकी यहुदी मनोवैज्ञानिक जूल्स माजरमैन ने अपने मत के तीन आधार बनाए कि-
1-जनता के लिए रहन सहन का अच्छा प्रबंध करने वाला होना चाहिए
2-एक ऐसी समाजिक अर्थव्यवस्था का स्थापक होना चाहिए जिसमें लोग अपने को सुरक्षित समझे
3-एक ही मान्यता पर आधारित मत पर लोगों को चला सकने वाला हो।
माजरमैन ने निर्णय लिया कि पाश्चर और साक जैसे लीडर केवल पहली शर्त पूरी करते हैं। गांधी एवं कन्फ्यूशियस जैसे लोग एक ओर हैं तथा सिकन्दर, कैशर और हिटलर जैसे लीडर दुसरी ओर हैं जो दुसरी या तीसरी शर्त ही पूरी करते हैं। सभी युगों के महानायक पैगम्बर ह. मुहम्मद सल्ल. को माना,जिनमें तीनों श्रेणी की सभी विशेषताएँ थी। अमेरिका के माईकल एच हार्ट ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक द-हंड्रेड में इतिहास के सबसे महान 100 व्यक्तियों में मानव जाति को सबसे अधिक प्रभावित करने वाले पैगम्बर ह. मुहम्मद सल्ल. को प्रथम स्थान पर रखा खुद इन-साईक्लोपीडिया आफ ब्रिटानिका ने पैगम्बर ह. मुहम्मद सल्ल. को संसार की तमाम महान विभूतियों में सर्वाधिकार संसारिक व धार्मिक स्तर पर सबसे सफल विभूति घोषित किया है।
पैगम्बर ह. मुहम्मद सल्ल. ने फरमाया कि – ईश्वर एक है इसीलिए वह एकता को पसंद करता है। वह व्यक्ति हम में से नहीं जो साम्प्रदायिकता की ओर बुलाए और उसके आधार पर युद्ध करे। समस्त मानवजाति बराबर है। सारा विश्व एक ही ईश्वर का परिवार है और ईश्वर का सबसे प्रिय वह है जो उसके परिवार के साथ अच्छा व्यवहार करें। हम ऐसे व्यक्ति को शासक नहीं बनाते जो पद का भूखा और लालची हो। वह व्यक्ति इमान वाला नहीं जो खुद पेट भर खाये और उसका पड़ोसी भूखा रह जाये। मां के कदमों में जन्नत है। बेटी नर्क से बचाव का माध्यम है। फ्रांस के विद्वान नेपोलियन बोनापार्ट के अनुसार समस्या ग्रस्त दुनियाँ पैगम्बरे इस्लाम ह. मुहम्मद सल्ल. की शिक्षाओं व चरित्र पर अमल कर ही हल और सुकून व शांति प्राप्त कर सकता है।