![](https://www.pravakta.com/wp-content/uploads/2018/09/xyoga.jpg.pagespeed.ic.B9IW7lldxH.jpg)
शरीर को अगर रोग मुक्त तुम्हे रखना है।
योग को जीवन में सदा तुम्हे रखना है।।
पहला सुख निरोगी हो काया,
दूसरा सुख घर में हो माया।
तीसरा सुख संत्वंती हो नारी,
चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी।
अगर इन सुखों को तुम्हे पाना है,
योग को जीवन में तुम्हे अपनाना है।।
योग की परम्परा है बहुत ही पुरानी,
इसको अपनाने मे करो न आनाकानी।
योग को अगर जीवन में तुम अपनाओगे,
अपना जीवन सदा निरोगी ही पाओगे,
डॉक्टर वैध के पास नहीं कभी जाना है।
योग को जीवन में सदा तुम्हे अपनाना है।
चूना लगे न फिटकरी रंग चोखा हो जाएं,
बिन पैसे खर्च किए शरीर चोखा हो जाएं।
योग ऐसी किर्या है इसे तुरंत अपना जाएं,
रोग कोसो दूर रहे डॉक्टर के पास न जाएं।
योग की महत्ता इससे अधिक नहीं बताना है।
योग को जीवन में तुम्हे सदा अपनाना है।।
आर के रस्तोगी