महत्वपूर्ण वास्तु सिद्धांत


• मकान में कमरे बनवाते समय यह अवश्य ध्यान रखें कि रसोईघर मुख्यद्वार के ठीक सामने न हो।
• वास्तु सिद्धांत के अनुसार मकान में लगाए जाने वाले खिड़कियों एवं दरवाजों की संख्या ग्राऊंड फ्लोर की अपेक्षा फस्टफ्लोर पर कम होनी चाहिए।
• सेफ या तिजोरी को इस प्रकार रखें कि उसका दरवाजा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर खुलें। इसके लिए तिजोरी को दक्षिण या पश्चिम दीवार की ओर रखना चाहिए।
• बिजली के उपकरण कमरे के दक्षिण-पूर्व के बीच आग्नेय कोण में रखें।
• दर्पण, सिंक, वाशबेसिन और नल को हमेशा उत्तर-पू्र्व दीवार के सहारे रखें।
• जहां तक हो सके शौचालय की सीट उत्तर-दक्षिण धुरी के अनुरूप रखें। सैप्टिक टैंक उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व कोने में रखा जा सकता है।
• अपने घर का मुख्यद्वार किसी अन्य मकान के मुख्यद्वार के ठीक सामने न बनवाएं।
• कूड़ेदान सड़क की बत्ती या खम्भा या बड़ा मुख्यद्वार दरवाजे के सामने न रखें।
• कभी भी टूटा हुआ दर्पण घर में नहीं रखना चाहिए।
• मकान बनवाते समय यह विशेष रुप से ध्यान रखें कि रसोईघर, शौचालय तथा पूजास्थल एक-दूसरे के पास-पास न बने।
• किसी बीम के नीचे न तो बैठना चाहिए और न ही सोना चाहिए। यदि ऐसा करना मजबूरी हो तो बीम पर फाल्स सीलिंग करवा लेनी चाहिए।
• मकान बनवाने के लिए हमेशा नईं सामग्री का ही प्रयोग करना चाहिए। यदि मरम्मत करवानी हो तो पुराना सामान भी उपयोग में लाया जा सकता है।
• सामान्य परिस्थितियों में मुख्यद्वार के बाहर कांच नहीं लगाना चाहिए लेकिन मुख्यद्वार के सामने दक्षिण दिशा में कोई रुकावट हो तो मुख्यद्वार पर दर्पण लगाना चाहिए।
• कमरे में कोई भी ऐसी तस्वीर न लगाएं जिसमें युद्ध, अपराध, अशांति, आक्रोश या कष्ट आदि दर्शाया गया हो।
• मकान के अंदर कैक्टस का पौधा नहीं रखना चाहिए। मकान की चारदीवारी के बाहर कैक्टस का पौधा रखा जा सकता है।
• मकान का उत्तरी और पूर्वी कोना मकान के द्वार के समान होता है अतः इसे हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए।
• वृद्ध लोग दक्षिण-पश्चिम कोने में रहने से आराम महसूस करते हैं।
• मकान का मुख्यद्वार इस प्रकार निर्माण करवाना चाहिए कि उस पर किसी की छाया न पड़ें।
• मकान में घड़ियों की आवाज मधुर होनी चाहिए जिसे सुनकर मन में शांति महसूस हो।•• मकान में सभी प्रकार के दर्पण पूर्व एवं उत्तरी दीवार पर लगवाना चाहिए।
• मकान में घड़ियां पश्चिम, उत्तर या पूर्व दिशा में लगानी चाहिए।
• मकान का निर्माण इस प्रकार करवाना चाहिए कि वर्षा का पानी या नाली से बहने वाला पानी उत्तर-पूर्व या पूर्व-उत्तर की ओर बह सके।
• मुख्यद्वार पर धार्मिक मूर्ति लगाना शुभ होता है।•• मकान में घड़ियों की आवाज तेज एवं कड़वी नहीं होनी चाहिए। इससे घर में रहने वाले लोगों के मन में अशांति पैदा होती है।
• इमारत की ऊंचाई नैऋत्य कोण से ईशान कोण की ओर घटनी चाहिए।
• मकान के बाहर तुलसी का पौधा लगाना अति शुभ माना गया है।•• बच्चे को चाहिए कि वह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके पढ़ें।
• मकान में घड़ियां हमेशा चलती हुई होनी चाहिए। बंद घड़ी अशुभ फलदायक होती है।
• नए मकान के निर्माण से पहले भूमिपूजन कराना चाहिए और उसमें रहने के लिए जाने से पहले गृहप्रवेश की पूजा करवानी चाहिए।
• घड़ियां सैल से चलने वाली हों तो सैल के खराब होते ही सैल को बदल देना चाहिए।•• सीढ़ियों के नीचे शौचालय और पूजा घर नहीं रखना चाहिए।

• वास्तु सिद्धांत के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा की दीवारें उत्तर-पूर्व दिशा की दीवारों की अपेक्षा अधिक मोटी होनी चाहिए।
• मकान या प्लाट के बीचों-बीच कुआं रखना अशुभ होता है।

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