देश के सपूतों ! शूरवीर सैनिकों !!
साहसी सेनानियों ! कर्मवीर बन्धुओं !!
माँ तुम्हें पुकारती , माँ तुम्हें पुकारती ।।
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आज तुम आतंकियों को , और देश द्रोहियों को,
आक्रमणकारियों को, आस्तीन के सर्पों को,
चिरनिद्रा में सुला दो,
भारत-माँ से उऋण हो जाओ ।। माँ तुम्हें पुकारती...
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आओ तिलक भाल पर कर दूँ,
प्रहरी बन सीमा पर जाओ ,
शत्रु पराजित करो और तुम
विजयी होकर वापस आओ।
देश का मान बढ़ाओ ।। माँ तुम्हें पुकारती ....
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शिवाजी, राणा प्रताप और
झाँसी रानी का शौर्य जगा लो,
सुभाष बोस के देश-प्रेम को
अपनी साँसों में बसा लो।
मातृभूमि की आन- बान हित
स्वाभिमान , वर्चस्व सँभालो ।
नभ में तिरंगा फहराओ ।। माँ तुम्हें पुकारती....
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जब माँ पर संकट छाया हो,
संकट-मुक्त करो तुम माँ को।
स्वतन्त्रता की रक्षा करके
भारत को गौरवान्वित कर दो ।
साहसी सेनानियों ! माँ तुम्हें पुकारती।
शूरवीर सैनिकों ! माँ तुम्हें पुकारती।
देश के सपूतों ! माँ तुम्हें पुकारती,
माँ तुम्हें पुकारती ।।
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- शकुन्तला बहादुर