जानिए कपूर के उपयोग एवम लाभ को

हिंदू धर्म में पूजा में यदि कपूर को शामिल न किया जाए, तो पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके प्रयोग से घर की नकारात्मक ऊर्जा तो दूर होती ही है, यह सेहत के लिए भी लाभकारी औषधि है।  कपूर हमारे जीवन में कई तरह से लाभ पहुंचाता है। पूजन-पद्धतियों में कपूर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। कपूर स्वास्थ्य उपयोगों में तो फायदेमंद है ही, इसी के साथ-साथ कई ज्योतिषीय उपयोगों में भी कारगर है। कपूर के प्रयोग पूजा के अलावा कुछ अन्य कारगर और चमत्कारिक उपाय में भी किया जाता है। जो आपकी धन समृद्धि जैसी समस्या को दूर कर सकता है। 

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि कपूर का इस्तेमाल हमेशा घर में पूजा पाठ और अन्य काम के लिए लोग करते हैं। इसके साथ हीं कपूर का इस्तेमाल उसके औषधीय गुण की वजह से दवाईयों के तौर पर भी किया जाता है। कपूर के बारे में तो यह भी कहा जाता है कि इसके इस्तेमाल से अचानक धन लाभ भी होता है। वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में भी कपूर के महत्व और उपयोग के बारे में बताया गया है। पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र, वास्तु शास्त्र, सामुद्रिक शास्त्र, ऐसी ही कुछ विधाएं हैं जिनके प्रयोग से हम जीवन में आ रहे संकटों के रुख मोड़ सकते हैं। तकलीफ होने पर लोग इन शास्त्रीय उपायों का प्रयोग करते हैं, लेकिन पहले भी यदि ये उपाय किए जाएं तो परेशानी का मुख नहीं देखना पड़ेगा।

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार कपूर को संस्कृत में कर्पूर, फारसी में काफ़ूर और अंग्रेजी में कैंफ़र कहते हैं। कपूर एक उत्तम वातहर, दीपक और पूतिहर है। त्वचा और फुफ्फुस के द्वारा उत्सर्जित होने के कारण, यह स्वेदजनक और कफघ्न होता है। न्यूनाधिक मात्रा में इसकी क्रिया भिन्न-भिन्न होती है। साधारण औषधीय मात्रा में, इससे प्रारंभ में सर्वाधिक उत्तेजन, विशेषत: हृदय, श्वसन तथा मस्तिष्क, में होता है। इसके बाद उसके अवसादन, वेदनास्थापन और संकोच-विकास-प्रतिबंधक गुण देखने में आते हैं। अधिक मात्रा में यह दाहजनक और मादक विष हो जाता है। कपूर के पेड़ की छाल से प्राप्त होने वाला कपूर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक रासायनिक यौगिक है। अपनी महक के लिए लोकप्रिय टरपीन (पौधों में विस्‍तृत रूप से पाए जाने वाला तत्‍व) से कपूर की गोलियां तैयार की जाती हैं।

प्रकृति में, ये टरपीन पौधों की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। टरपीन को खाया नहीं जा सकता है लेकिन इसके इस्‍तेमाल से कई तरह के फायदे मिलते हैं। पारंपरिक और पश्चिमी औषधि प्रणाली में कपूर को औषधीय और स्वास्थ्यप्रद गुणों के लिए जाना जाता है। कफ जमने, दर्द और सूजन जैसी कई समस्‍याओं से राहत पाने में कपूर मदद करता है। यहां तक कि कुछ अध्‍ययनों में भी ये बात कही गई है कि त्‍वचा के जलने और फंगल इंफेक्‍शन को ठीक करने में कपूर असरकारी है।

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार कपूर की उत्‍पत्ति भारत, चीन और जापान में हुई थी। इसकी अधिकतर खेती विश्‍व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। इसे ‘ग्लोबल इनवेसिव स्पीशीज डेटाबेस’ में एक विषैले पौधे के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। कपूर एक सदाबहार पेड़ है जो 60 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है। इसका पेड़ बहुत तेजी से बढ़ता है। भारत में पाए जाने वाले कपूर के वृक्ष छोटे होते हैं और इनकी पत्तियां ढाई से 4 ईंच लंबी होती हैं। इसके छोटे सफेद फूल होते हैं और इसका गोल आकार का फल जामुनी से काले रंग का होता है।

कपूर दो तरह के होते हैं- 

प्राकृतिक व कृत्रिम। 

प्राकृतिक कपूर (भीमसेनी कपूर) को पेड़ से निकाला जाता है, जिसे हम खा भी सकते हैं। जबकि केमिकल्स से बना हुआ कृत्रिम कपूर हीलिंग प्रॉपर्टीज़ से भरपूर होता है और इसी काम में लाया जाता है। कपूर ख़ुशबूदार व ज्वलनशील है, इसलिए पूजा-हवन के दौरान वातावरण की शुद्धता के लिए इसका उपयोग करते हैं। कपूर सिर्फ एक वृक्ष ही नहीं है बल्कि इसका तेल और रासायनिक यौगिक भी है। रासायनिक यौगिक होने के कारण इसे लैवेंडर, कपूर तुलसी और रोजमेरी जैसे पौधों के सुगंधित तेल से भी लिया जा सकता है।

कपूर के कई चिकित्सीय लाभ भी हैं, इसी कारण आयुर्वेदिक उपचारों में भी इसका इस्तेमाल होता है। इसके साथ कपूर के और भी फायदे हैं। आइए हम आपको कपूर के चमत्कारिक टोटके, कपूर के ज्योतिषीय और वास्तु से जुड़े लाभ बताते हैं।

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताते हैं कि हमारे वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में भी कपूर के महत्व और उपयोग के बारे में बताया गया है। कर्पूर के कई औषधीय प्रयोग बताए गए हैं।

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताएंगे कि कर्पूर या कपूर से आप कैसे संकट मुक्ति होकर मालामाल बन सकते हैं और कैसे आप अपने ग्रह और घर को भी बाधा मुक्त रख सकते हैं। वास्तु और ज्योतिष में कपूर आपके बिगड़े हुए कामों, पैसों की कमी और वास्तुदोष को भी ठीक करता है। दुनिया समस्याओं से पहले से ही घिरी हुई थी और आज भी एैसा ही है। इसलिए प्राचीन ग्रंथों में इंसान की समस्याओं का निवारण करने के लिए मुनियों ने अनके उपाय बताए जिससे मानव का भला हो सके।

पूजा या हवन करते समय जब हम कपूर जलाते हैं, तो उससे निकलने वाला धुआं आसपास की नकारत्मक ऊर्जा को समाप्त करता है। यह कपूर हमारे आसपास हवा में मौजूद दूषित कणों को भी समाप्त कर देता है। 

कपूर के ये उपाय बनाएंगे मालामाल —

धनवान बनने के लिए कपूर के उपाय — 

यदि आपके पास धन की कमी हो या धन की समस्या से झूझ रहे हों। तो आप रात के समय में चांदी की कटोरी में कपूर और लौंग को जलाएं। इस टोटके को कुछ दिनों तक रोज करें। यह उपाय आपको धन से मालामाल कर देगा। पैसों की कमी भी नहीं रहेगी। अगर, चाँदी की कटोरी में संभव न हो, तो किसी दूसरे बर्तन में जलाने से भी लाभ होगा।

यह करें कपूर का उपाय किस्मत चमकाने के लिए : —

जब हजार कोशिशों के बाद भी काम नहीं बनते हैं, तो एैसे में कपूर आपकी किस्मत के ताले को खोल सकता है। शनिवार के दिन, कपूर के तेल की बूंदों को पानी में डालें और फिर इस पानी से स्नान करें। इससे दिनभर तरोताजा रहेंगे साथ ही आपका भाग्य भी जाग्रत होगा। यदि इसमें चमेली के तेल की कुछ बूंदें डाल लेंगे तो आपको राहु-केतु और शनि का दोष भी नहीं रहेगा। इस प्रयोग को केवल शनिवार ही करना चाहिए. यह टोटका आपकी बंद किस्मत को खोलता है। और आपको बीमारियों से भी बचाता है।

दुर्घटना से बचाव के लिए टोटका — दुर्घटना कभी भी हो सकती है। एैसे में बचाव बहुत ही जरूरी है। आप रात के समय में कपूर को जलाकर, हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस अचूक टोटके से इंसान किसी भी तरह की प्राकृतिक व अप्राकृतिक दुर्घटना से बचता रहता है।

जानिए वास्तुदोष दूर करने का टोटका — 

आपके कई काम इसलिए नहीं बनते हैं, क्योंकि इसके पीछे वास्तुदोष होता है। वास्तुदोष को खत्म करने के लिए, घर में कपूर की दो गोली रखें। और जब यह गल जाएं, फिर दो गोलियां रख दें। एैसा आप समय समय पर करते रहें या बदलते रहें। इससे वास्तुदोष खत्म हो जाएगा।

यह हैं सुख शांति के लिए कपूर का वैदिक उपाय या टोटका —

यदि आपके घर में परेशानी रहती हो तो कपूर को घी में भिगाएं और सुबह और शाम के समय में इसे जलाएं। इससे निकलने वाली उर्जा से घर के अंदर सकारात्मक उर्जा आती है, जिससे घर में शांति बनी रहती है।

विवाह ना हो रहा हो तो : समय पर यदि विवाह ना हो तो फिर विवाह रूकने की समस्या भी हो सकती है। यदि विवाह में किसी भी तरह की समस्या आ रही हो, तो आप 6 कपूर के टुकड़े और 36 लौंग के टुकड़े लें। अब इसमें चावल और हल्दी को मिला लें। इसके पश्चात, आप देवी दुर्गा को इससे आहुति दें। इस टोटके से शादी जल्दी होती है।

ग्रह शांति के लिए- यदि किसी को पितृ दोष है या उसकी कुंडली में कालसर्प दोष है, तो कपूर जलाने से देव दोष और पितृ दोष खत्म हो जाते हैं। सभी कष्टों को दूर करने के लिए घर के वास्तु को भी ठीक किया जाना चाहिए। अगर आप वास्तु को ठीक नहीं कर सकते हैं, तो आपi) सुबह, शाम, रात प्रतिदिन घी में भिगोया हुआ कपूर जलाए। घर के शौचालय और बाथरूम में कपूर की दो दो टिकिया रख दें।

घर के किसी भी भाग में वास्तु दोष है तो उस स्थान पर कपूर की दो टिकिया जलाकर रख दें। जब वे खत्म हो जाएं तो एक और टिकिया रख दें। ऐसा करने से वास्तु दोष से आपको मुक्ति मिल जाएगी।

बुद्धि प्राप्ति के लिए करें कपूर का उपयोग —

कपूर का इस्तेमाल कर आप बुद्धि एवं धन दोनों पा सकते हैं। इसके लिए एक खास प्रकार का उपाय शास्त्रों में दर्ज है जिसे विशेषत: बुधवार के दिन किया जाता है। यह उपाय कुंडली में मौजूद बुध के दोष को भी शांत करता है। इसके लिए बुधवार के दिन सुबह नहाने के बाद हरे रंग के वस्त्र धारण करें। हरे रंग के वस्त्र या अन्य वस्तुओं का दान करें। इन वस्तुओं में घी, कांसा, कर्पूर व मिश्री का दान शामिल करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।

यदि धन आगमन रुका हुआ है या खर्च अधिक हो रहा है, तो गुलाब के फूल में कपूर का टुकड़ा रखें और कपूर को जलाकर फूल मां दुर्गा को अर्पित करें, लाभ होगा।

यदि फिजूल खर्चा हो रहा हो, तो सूर्यास्त होने के समय कपूर का दीपक जलाए और सारे घर में घुमाएं। अंत में मां लक्ष्मी पर आरती करते हुए घर के मंदिर में स्थापित कर दें। इस प्रक्रिया को करने से लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

यदि इंसान विश्वास से इन उपायों को करता है तो उसे इनका फायदा जरूर होता है।

अब जानिए कपूर के औषधीय प्रयोग-  

त्वचा की समस्याओं में कपूर का इस्तेमाल असरकारी होता है। चेहरे पर होने वाले पिंपल्स या फिर त्वचा संबंधी कोई अन्य समस्या होने पर जरा-सा कपूर, नारियल तेल में मिलाकर चेहरे पर मसाज करना असरदार है. चेचक व खसरे के दाने सूख जाने पर नारियल के तेल में कपूर मिलाकर लगाने से ठंडक मिलती है और खुजलाहट भी दूर होती है.

10 ग्राम कपूर, 10 ग्राम स़फेद कत्था, 5 ग्राम मटिया सिंदूर- तीनों को एक साथ मिलाकर 100 ग्राम घी के साथ कांसे की थाली में हाथ की हथेली से ख़ूब मलकर ठंडे पानी से धोकर रख लें। इसे घाव, गर्मी के छाले, खुजली और सड़े हुए घाव पर लगाने से शीघ्र लाभ होता है।

पैर की फटी एड़ियों की समस्या होने पर गरम पानी में कपूर मिलाकर उसमें कुछ देर पैर डुबोकर रखें।

शरीर के किसी भाग पर होने वाली खरोंच, घाव या फिर जल जाने पर कपूर लगाना जलन को कम करता है। कपूर को पानी में घोलकर लगाने से घाव की जलन कम होगी और ठंडक मिलेगी।

खुजली होने पर कपूर को चमेली के तेल में मिलाकर उसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर शरीर पर मलने से खुजली तुरंत मिट जाती है।

तनाव, सिरदर्द, डिप्रेशन आदि में सिर पर कपूर के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है, क्योंकि कपूर की ख़ुशबू मस्तिष्क की नसों को आराम पहुंचाती है.

कपूर से दिमाग को रखे शांत —

नींद न आना आजकल की आम समस्याओं में से एक है। कपूर के तेल की खूशबू दिमाग को शांत रखने और बेहतर नींद लाने में असरदार है। इसके लिए कपूर के तेल की कुछ बूंदों को अपने तकिए पर लगाएं और आराम की नींद सोएं।

बालों के झड़ने पर कपूर के तेल को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से बालों का झड़ना धी-धीरे कम हो जाता है। सिर में रूसी होने पर भी कपूर का तेल लगाने से फायदा होता है।

जोड़ों में दर्द या शारीरिक समस्या होने पर कपूर के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है। मांसपेशि‍यों के दर्द से राहत देने में यह बेहतरीन है।

कपूर और अफीम को राई के तेल में मिलाकर मालिश करने से गठिया रोग दूर हो जाता है।

सर्दी जुकाम और फेफड़े संबंधी रोगों में कपूर सूंघने से फायदा होता है। विक्स, बाम जैसे कई उत्पादों को बनाने में कपूर का प्रयोग किया जाता है। नाक बंद होने की स्थिति में कपूर की पोटली सूंघने से नाक खुल जाएगी।

काली खांसी होने पर कपूर की धूनी सूंघने से लाभ होता है. पुरानी खांसी में कपूर व मुलहठी को मुंह में रखकर चूसने से राहत मिलती है।

न्यूमोनिया हो जाने पर तारपीन के तेल में कपूर मिलाकर मरीज़ की छाती पर मलने से शीघ्र आराम मिलता है।

ज्यादा तंबाकू खाने या ग़लती से तंबाकूवाला पान खा लेने पर चक्कर आता है, ऐसी स्थिति में जी मिचलाता हो, तो कपूर की एक छोटी डली खाने से तुरंत आराम मिलता है।

1-1 छोटी चम्मच कपूर और हींग पीसकर गोली बनाकर दमे (अस्थमा) के मरीज़ को दौरे के समय 2-2 घंटे पर देने से दमा का दौरा रुक जाता है और लाभ होता है।

बवासीर की समस्या में केले में चने बराबर प्राकृतिक कपूर रखकर खाने से लाभ होता है।

मच्छर ओर खटमल भगाने के लिए —

कपूर जलाने से मक्खियां-मच्छर भाग जाते हैं। गद्दों व तकियों में कपूर रख देने से खटमल भाग जाते हैं।

कपूर जलाने से वातावरण होता है शुद्ध–

घर में पूजा-पाठ के दौरान कपूर जलाने से, इसकी महक वातावरण में फैलती है। इसकी खुशबू से वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया आदि खत्म हो जाते हैं और वातावरण शुद्ध होता है। सेहत हो बेहतर सर्दी के दिनों में कपूर का प्रयोग ऊनी कपड़ों को कीड़ों आदि से सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।

पुण्य प्राप्ति हेतु —

 कर्पूर जलाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं के समक्ष कर्पूर जलाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अत: प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर (कपूर) जरूर जलाएं। 

पितृदोष और कालसर्पदोष से मुक्ति हेतु —

कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष का शमन होता है। अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि हमें शायद पितृदोष है या काल सर्पदोष है। दरअसल, यह राहु और केतु का प्रभाव मात्र है। इसको दूर करने के लिए घर के वास्तु को ठीक करें।

यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो प्रतिदिन सुबह, शाम और रात्रि को तीन बार घी में भिगोया हुआ कर्पूर जलाएं। घर के शौचालय और बाथरूप में कर्पूर की 2-2 टिकियां रख दें। बस इतना उपाय ही काफी है।

आकस्मिक घटना या दुर्घटना से बचाव –आकस्मिक घटना या दुर्घटना का कारण राहु, केतु और शनि होते हैं। इसके अलावा हमारी तंद्रा और क्रोध भी दुर्घटना का कारण बनते हैं। इसके लिए रात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद कर्पूर जलाएं।

हालांकि प्रतिदिन सुबह और शाम जिस घर में कर्पूर जलता रहता है उस घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना और दुर्घटना नहीं होती। रात्रि में सोने से पूर्व कर्पूर जलाकर सोना तो और भी लाभदायक है।

सकारात्मक उर्जा और शां‍ति के लिए —

वास्तुशास्‍त्र के अनुसार, लाख कोशिशों के बाद भी यदि काम नहीं बन रहा। अच्छा समय नहीं आ रहा, धन की कमी लगातार बन रहती है, तो चांदी की कटोरी में नियमित रूप से लौंग और कपूर जलाएं। इससे बाधाएं दूर होंगी और काम भी बन जाएगा। 

घर में वास्तुदोष होने के कारण घर की शांति भंग होती है। दुकान या प्रतिष्ठान में वास्तुदोष होने से हमेशा घाटा होता रहता है। घर या प्रतिष्ठान में वास्तुदोष व नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कपूर की गोलियां रखें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी तो दूर होगी धन लाभ भी बढ़ेगा।

यदि घर में यदि सकारात्मक उर्जा और शांति का निर्माण करना है तो प्रतिदिन सुबह और शाम कर्पूर को घी में भिगोकर जलाएं और संपूर्ण घर में उसकी खुशबू फैलाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाएगी। दु:स्वप्न नहीं आएंगे और घर में अमन शांति बनी रहेगी है।

वैज्ञानिक शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है कि इसकी सुगंध से जीवाणु, विषाणु आदि बीमारी फैलाने वाले जीव नष्ट हो जाते हैं जिससे वातावरण शुद्ध हो जाता है तथा बीमारी होने का भय भी नहीं रहता।

पति-पत्नी के बीच तनाव को दूर करने हेतु — 

रात को सोते समय पत्नी अपने पति के तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया और पति अपनी पत्नी के तकिये में कपूर की 2 टिकियां रख दें। प्रातः होते ही सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर कही उचित स्थान पर फेंक दें तथा कपूर को निकाल कर शयन कक्ष में जला दें।

यदि आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो प्रतिदिन शयनकक्ष में कर्पूर जलाएं और कर्पूर की 2 टिकियां शयनकक्ष के किसी कोने में रख दें। जब वह टिकियां गलकर समाप्त हो जाए तो दूसरी रख दें।

बहुत लाभकारी हैं सौभाग्य पाने के लिए कपूर का यह उपाय–

अगर आप अपना भाग्य चमकाना चाहते हैं, तो कपूर का एक शास्त्रीय प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए 12 साबूदाने लेकर कर्पूर की मदद से इन्हें जला दें। यह उपाय किसी भी दिन किया जा सकता है, किंतु अगर बृहस्पतिवार को किया जाए तो अधिक शुभ माना जाता है।

धनवान बनने के लिए — 

रात्रि काल के समय रसोई समेटने के बाद चांदी की कटोरी में लौंग तथा कपूर जला दिया करें। यह कार्य नित्य प्रतिदिन करेंगे तो धन-धान्य से आपका घर भरा रहेगा। धन की कभी कमी नहीं होगी।  

विवाह हेतु —

विवाह में आ रही बाधा को दूर करना चाहते हैं तो यह उपाय बहुत ही कारगर है। 36 लौंग और 6 कपूर के टुकड़े लें, इसमें हल्दी और चावल मिलाकर इससे मां दुर्गा को आहुति दें। 

मनचाही भूमि या भवन पाने के लिए — यह उपाय नवरात्रि के दिन करने का है। सबसे पहले उस स्थान की थोड़ी-सी मिट्टी लाकर एक कांच की शीशी में उसे डालें। उसमें गंगा जल और कपूर डालकर उसे पूजा में जौ के ढेर पर स्थापित कर दें। नवरात्र भर उस शीशी के आगे नवार्ण मन्त्र ‘ऐं हीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे’ का पांच माला जप करें और जौ में रोज गंगा जल डालें। नवमी के दिन थोड़े से अंकुरित जौ निकाल लें और ले जाकर मनचाही जगह पे डाल दें। कांच की शीशी को छोड़कर शेष सामग्री को नदी में डाल दें। देवी की कृपा हुई तो आपको मनचाहा घर मिल जाएगा।

जिन्हें पसंदीदा नौकरी चाहिए, चाहे वो सरकारी हो या प्राइवेट। इसके लिए आपको प्रत्येक बुधवार को थोड़े कपूर और मिश्री दान करनी होगी। इससे जॉब पाने में आ रही दिक्कतें दूर हो जाएंगी।

मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए कपूर का उपाय–

इस यंत्र को घर में लाने से पहले कपूर के इस्तेमाल से एक छोटा-सा उपाय करें। इससे आपको अधिक फल हासिल होगा। उपाय के अनुसार रविपुष्य, गुरुपुष्य नक्षत्र या अन्य शुभ मुहूर्त में रजत, ताम्र, स्वर्ण या भोजपत्र पर इस यंत्र को कपूर का दीपक दिखाकर घर में स्थापित करें। इस यंत्र की पूजा-अर्चना से दुख, दरिद्रता दूर होकर घर में चिरस्थाई लक्ष्मी का वास होता है।

अगर आपके घर में तरक्की नहीं हो पा रही है या पैसा नहीं टिकता है तो आप हर कमरे में चांदी या पीतल की कटोरी में दो कपूर और लौंग जलाएं। ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मकता खत्म हो जाएगी और तरक्की के रास्ते खुल जाएंगे।

जिन घरों में अक्सर लड़ाई-झगड़े का महौल रहता हो एवं परिवार के सदस्यों की आपस में नहीं बनती है तो आप प्रत्येक रविवार को घर के कोनों में एक-एक कपूर जलाएं। इससे वातावरण सकारात्मक बनेगा।

जिन विवाहित दंपत्ति की आपस में नहीं बनती है उन्हें अपने बेडरूम में थोड़ा केवड़ा डालकर कपूर जलाना चाहिए। इसकी खुखबू से महौल सकारात्मक बनेगा और संबंध मधुर होंगे।

जिनका भाग्य साथ नहीं देता है उन्हें गुरुवार के दिन 12 साबूदानों को एक-एक करके 12 कपूर के साथ जलाएं। ऐसा प्रत्येक बृहस्पतिवार को करने से आप पर गुरू की कृपा होगी। जिससे आपकी तरक्की के रास्ते खुल जाएंगे।

शनि कृपा के लिए कपूर का उपाय —

अगर आप शनि देव के अशुभ प्रभाव से परेशान हैं या जीवन में अधिक सुख प्राप्त करने के लिए उनकी कृपा पाना चाहते हैं, तो कपूर के उपयोग से होने वाला एक शास्त्रीय उपाय आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए शनि यंत्र धारण करें किंतु कोई साधारण शनि यंत्र नहीं, वरन् कर्पूर की कालि ख से लिपित यंत्र धारण करें।

किस्मत का साथ पाने के लिए नहाने के पानी में दो बूंदे कपूर के तेल की मिलाकर नहाएं। ऐसा करने से वास्तु दोष दूर होंगे। इससे आपको भगवान का आशीर्वाद भी मिलेगा। ये प्रक्रिया आपको हर शनिवार को करनी होगी।

कई बार वास्तुदोष की वजह से भी घर में धन की बचत नहीं हो पाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए घर के किसी दो कोनों में कपूर की एक-एक गोलियां रख दें। जब ये कुछ दिनों में गल जाएं तो दोबारा वहां गोलियां रख दें।

कई लोगों की कुंडली में पितृदोष एवं कालसर्प दोष होते हैं। इसके चलते उनके घर में तरक्की नहीं हो पाती है। हर कार्य में बाधाएं आती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए रोज रात में घी में भीगे हुए दो कपूर जलाएं। ऐसा करने से राहु—केतु का प्रभाव भी कम होगा।

अगर आप अचानक और जल्दी धन प्राप्त करना चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन एक लाल गुलाब के फूल में एक कपूर का टुकड़ा रख दें। अब शाम को इस कपूर को जलाकर वो पुष्प मां दुर्गा को अर्पित कर दें। ऐसा सात शुक्रवार लगातार करने से आपको धन मिलने लगेगा।

कपूर का यह उपाय आपको बचाएगा फिजूल खर्ची से–

अगर आपके घर में धन तो आता है लेकिन अनचाहे खर्चे से जल्द से जल्द चला जाता है। तो कपूर का एक उपाय करें। इसके लिए सूर्यास्त के समय कर्पूर का दीप जलाएं, उसे सारे घर में घुमाएं। अंत में तुलसी पर आरती करके घर के मंदिर में स्थापित कर दें। इससे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

अगर किसी की शादी में दिक्कतें आ रही हैं तो 36 लौंग और 6 कपूर के टुकड़े लेकर इसमें हल्दी और चावल मिला लें। अब इस मिश्रण को मां दुर्गा का पाठ करते समय हवन में आहुतियां दें। इससे जल्द ही आपकी शादी हो जाए।

कपूर का यह उपाय रखेगा बुरी ऊर्जा को दूर —

घर में बुरी ऊर्जा का वास होने से दुख-क्लेश बढ़ता है, इसके छुटकारा पाने के लिए कपूर का प्रयोग करें। इसके लिए थोड़े से गंगा जल में कपूर मिकलाकर मेन गेट पर छिूड़क दें, ऐसा करने से किसी भी तरह की बुरी बला और नकारात्मक प्रभाव घर में प्रवेश नहीं करता।

नित्य प्रति सांयकाल करें कपूर का यह उपाय–

रोजाना संध्या के समय घर के हर बैडरूम में कपूर जलाने से रोग-शोक नष्ट होते हैं।लेकिन अगर आप रोजाना भी यह कार्य करें, तो आपके घर में धन और खुशियां दोनों बनी रहेंगी।

जानिए कपूर के नुकसान – 

कपूर तेल त्वचा पर सीधे लगाने के लिए बहुत मजबूत है। इससे त्वचा में जलन हो सकती है।  आपको किसी भी वाहक तेल के साथ कपूर तेल को मिक्स करने की ज़रूरत है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर कपूर का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह उनके लिए बेहद जहरीला है।

गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कपूर से बचना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए और उनके बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है।

कपूर मौखिक रूप से न लें यह अत्यधिक जहरीला होता है।

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