पिछड़ों के कोटे से आरक्षण को कतर्इ नहीं बर्दाश्त करेगी भाजपा- नितिन गडकरी

31 जनवरी। उन्न्नाव। देश में लम्बे समय तक कांग्रेस ने ही शासन किया है। कांग्रेस ने नेतृत्व मेे केन्द्र की सरकार है।करोड़ो अरबो का घोटाला यूपीए सरकार ने किया। कांग्रेस गैर सम्प्रदायिक होने का दम्भ भरती है।वहीं गरीबो के हक देने के नाम पर गरीबो का हक छीनने का कुचक्र रच रही है। राज्य सरकार प्रदेश को गुण्डो माफियाओं के नाम पर मुकित दिलाने के नाम पर सत्ता में आयी थी। बसपा सरकार ने भी सपा के माफियाओं को संरक्षण दिया और उगाही चालू कर दी।अनेक योजनाओं मे ंघोटाले हुए। भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं को ही प्रमुखता देती है।जब कि कांग्रेस सपा,बसपा परिवारवादी है।कांग्रेसी सोनिया राहुल को ही प्रधानमंत्री बनाना चाहते है।भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ता प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री बनाता है। सपा,बसपा यूपी में कांग्रेस के विरूद्व बयानबाजी करते है।चुनाव लड़ते है।संसद के भीतर यह सभी दल काग्रेंस सरकार को मदद करते है। दिल्ली में दोस्ती लखनऊ में नूरा कश्ती का खेल जनता जान चुकीं है।कांग्रेस की सम्प्रदायिक और मुलायम की जातिवादी राजनीती ने उत्तर प्रदेश को नुकसान पहुंचाया है। जनता चुनाव में इसका बदला लेगी। उक्त बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उन्नाव जनपद के भगवन्तनगर विधान सभा क्षेत्र के सुमेरपुर स्वर्गीय बच्चू भइया की बाग मे आयोजित चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कही। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष गडकरी ने कहा कि भाजपा किसी भी हालत में पिछड़ो के कोटे से मुसिलमों को आरक्षण बर्दाश्त नहीं करेगी।उन्होने कहा कि इस मसले पर नेहरू,पटेल ने भी विरोध किया था। कहा भाजपा पर मुसिलमों के विरोध का आरोप लगाने वालो को पता होना चाहिए कि भाजपा ने ही एपीजे कलाम को राष्ट्रपति बनाने में समर्थन दिया था। कहा कि भाजपा सत्ता मे ंआयी तो नौजवानों को रोजगार,24 घन्टे बिजली,स्वाथ्स्य सेवायें,पेयजल,नहरों मे पानी,शिक्षा जैसे मसलों को हल किया जायेगा। वहीं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं यूपी प्रभारी उमा भारती ने कहा कि चुनाव में बसपा का सफाया तय है।इस सरकार के रहते दलितो,पिछड़ो का सर्वाधिक उत्पीड़न हुआ है। 

भारतीय संस्कृति की रक्षा भाजपा ही कर सकती है।आम आदमी के चेहरे पर मुस्कान और उसकी रोटी का प्रबन्ध राष्ट्रवादी सर्व समाज की पार्टी भाजपा ही ऐसा करने मे सक्षम है।उन्होने कल्याण सिंह पर भी निसाना साधा।उन्होने आगे कहा कि मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश के राजकोष को लूटा है।गरीबो काधन पत्थरों के हाथियो मे लगाया है।हर हालत में जनता मायावती को सत्ता से बाहर कर देगी।भाजपा के सत्ता मे आने पर गठित जांच आयोग द्वारा आयोग द्वारा भ्रष्टाचार के मामलो की जांच कर दोषियो को जेल मे और सम्पतित जब्त कर सम्पतित गरीबो के हितो मे खर्च की जायेगी। उन्होनें प्रधानमंत्री पर भी निशानासाधा। राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने लोगो से भाजपा के सभी 6 प्रत्याशियों को जिताने की अपील की। इस अवसर पर रामशंकर पाल,मस्तराम,पंकज गुप्ता,अमरनाथ लोधी,पूनम शुक्ला,राधेश्याम रावत,सभी प्रत्याशी के अलावा मध्यप्रदेश के खनिज विकास निगम के अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा,पूर्व सांसद देवीबक्स ंिसंह,शुकन सिंह,सरोज सिंह,चन्द्रकान्ता जोशी,मनोज निगम,मन्जूलता अवस्थी,मानी,अनुराग अवस्थी,केडी अवस्थी,नीरज,आदि भारी संख्या मेंं कार्यकर्ता सहित लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षा जिलाध्यक्ष विपिन गुप्ता,संचालन सिद्वार्थ दीक्षित ने की।

3 COMMENTS

  1. मेरी एक जिज्ञासा है जो उचित समाधान के अभाव में अभी भी शांत नहीं हो सकी है.मेरे विचारानुसार जहां तक छूत अछूत का प्रश्न है,वह केवल हिन्दुओं तक सीमित है अतः उसके आधार पर आरक्षण का लाभ केवल हिन्दुओं में उन्ही जाति विशेष को मिलना चाहिये जो इनके शिकार होने के कारण सामाजिक मान्यता नहीं प्राप्त कर सके और विस्तृत समुदाय के अंग नहीं बन सके.पर जब बात पिछड़ेपन पर आती है तो इसमे अब तक शामिल की गयी जातियाँ छुआ छूत के भेद भाव का शिकार कभी नहीं हुई.उनको केवल पिछड़ेपन का शिकार माना गया.मेरी जिज्ञासा यह है की क्या केवल इन जातियों के लोग ही पिछड़े हुयें हैं ?क्या इनके अतिरिक्त अन्य जातियों या अन्य धर्म या मजहब के लोगों में कोई पिछडापन नहीं?यदि है तो इसमे दूसरे मजहब के पिछड़ों को शामिल करने पर इतनी हाय तौबा क्यों?

  2. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण देने का वायदा किया है इसका मतलब हुआ की उन्हें लगभग १६-१७% आरक्षण दिया जायेगा. पर इतना आरक्षण कहाँ से आएगा?अभ सर्कार ने ४.५% कोटा ओ बी सी के कोटे से कट कर देने का वायदा किया है जिसे चुनाव के बाद ९% करने की घोषणा सलमान खुर्शीद ने की है.शेष ८ प्रतिशत के लिए दलित की परिभाषा में कन्वर्टेड ईसाईयों और मुस्लिमों को शामिल करने की बात चल रही है. यदि ऐसा हुआ तो निश्चित तौर पर मायावती जी का कथित वोट बैंक ठगा जायेगा और अल्पसंख्यकों के वोट बैंक के लालच में मायावती और मुलायम सिंह दलितों और ओ बी सी के कोटे में सेंध लगती देखने के बावजूद अपने समर्थकों को धोखा देंगे और चुप रहेंगे.आखिर उत्तर प्रदेश के १२.५६ करोड़ वोटरों में सभी छद्म धर्मनिरपेक्षता वादियों को केवल मुस्लिम वोट की चिंता है जो केवल लगभग २ करोड़ है.हिन्दू वोटों की चिंता केवल भाजपा को है. दुर्भाग्य से मतदाता इस आसन्न खतरे को समझ नहीं पा रहा है जबकि इसमें दुसरे देश विभाजन के बीज मौजूद हैं.हकीकत में मुसलमानों को बरगलाने वाले ये नेता और दल उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं. इन्ही के कारण आज़ादी के पेंसठ साल बाद भी अल्पसंख्यकों की दशा ख़राब है. हालाँकि दलितों और ओ बी सी की दशा भी बेहतर नहीं है. संविधान सभा में मौजूद मुस्लिम सदस्यों ने स्पष्ट रूप से २५-२६ मई १९४९ को आरक्षण को नकार दिया था और बेरिस्टर तजमुल हसन, मौलाना हसरत नोमानी और कर्नल बी एच जेदी ने इसके विरोध में जो भाषण दिए थे वो आज के नेताओं की आँख खोलने के लिए काफी होंगे. उन्होंने स्पष्ट कहा था की उन्हें मईनोरिटी कहलाना भी गवारा नहीं है क्योंकि देश के बटवारे के माद सब केवल हिन्दुस्तानी हैं. और आरक्षण देने से हिन्दुओं और मुसलमानों में आपसी रंजिश बढ़ेगी जो देश के लिए घटक होगी. जवाहरलाल नेहरु और सरदार पटेल सहित सभी बड़े नेताओं ने मजहबी आधार पर आरक्षण का कडा विरोध किया था इसी कारण से मजहब के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान संविधान में नहीं रखा गया था लेकिन आज के ये वोट लोलुप नेता अपने स्वार्थ के कारण देश को एक अंधी गली में धकेल रहे हैं जिसके दुष्परिणाम बहुत जल्दी ही सामने आ जायेंगे. और इन भ्रष्ट नेताओं के जाने के बाद जो भी राष्ट्रवादी दल सत्ता में आयेंगे उन्हें इसके दुष्प्रभाव को साफ़ करने में भरी ताकत लगनी पड़ेगी.

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