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नीबू से कैंसर का इलाज संभव / डॉ. राजेश कपूर

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मेरा एक लेख प्रवक्ता पर शुरू में छापा था कि कैंसर का इलाज आसान है. कुछ लोगों ने इसे एक मज़ाक समझ कर उपेक्षा की और कुछ ने विश्वास किया था. अब मुझे पहले से भी बढ़ कर ऐसी नई और आश्चर्यजनक व उपयोगी जानकारी प्राप्त हुई है जिसे अधिकतम लोगों तक पहुँचना बहुत ज़रूरी है. ’बाल्टीमोर’ के ’इंस्टीच्यूट ऑफ़ हेल्थ साईंस’ ने उद्घाटित किया है की निम्बू कैंसर की चमत्कारिक दवा है. कीमोथिरेपी से इसका प्रभाव दस हज़ार (१०,०००) गुणा अधिक होता है. कमाल तो यह है की इससे केवल कार्सिनोमा ( कैंसर के ) कोष ही मरते हैं, स्वस्थ कोशों को कोई हानि नहीं पहुँचती. जबकि कीमोथेरपी या कैसर की अन्य दवाओं से रोगी कोशों के साथ स्वस्थ कोष भी नष्ट हो जाते हैं. कई बार तो रोग से अधिक बुरा प्रभाव चिकित्सा का होता है. पर नीबू से ऐसा कोई बुरा प्रभाव नहीं होता.

# वैसे तो निम्बू का किसी भी रूप में प्रयोग करें, लाभ मिलेगा. एक सरल तरीका यह है की किसी पानी पीने के बर्तन में पीने का पानी डालें और उसमें निम्बू के २-४ पतले-पतले कतले (स्लाईस) डाल दें. पानी क्षारीय (एलक्लाईन) प्रभाव वाला होजायेगा. अब दिन भर इसी पानी का प्रयोग पीने के लिए करें. प्रतिदिन यही पानी बना कर पीयें. रोगी और स्वस्थ सभी को इस पानी को रोज़ पीना चाहिए. अनेक रोगों में लाभ मिलेगा, इसके इलावा सामान्य स्वास्थ्य को ठीक रखने में सहायता मिलेगी.

# खोजों से पता चला है की निम्बू के प्रयोग से १२ प्रकार के गले, स्तन, फेफड़ों, गुर्दे, अमाशय, आँतों, प्रोस्टेट, पैंक्रिया आदि के कैंसर ठीक हो सकते हैं. इसके इलावा इसके उचित प्रयोग से मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप, स्नायु रोगों में भी उल्लेखनीय लाभ होता है.

# *भारत में कई प्रकार के निम्बू के अचार बनाने का रिवाज़ सदियों पुराना है. स्वाद के साथ स्वास्थय रक्षा भी हो जाती थी. अब तो रेडीमेड अचार लिए जाते हैं जिनमें कई प्रकार के कैंसरकारक रसायन मिले रहते हैं. बाकी कसर प्लास्टिक के मर्तबान से पूरी हो जाती है. मिनरल बोतल तक में प्लास्टिक के विष घुल जाते हैं, यह वैज्ञानिक खोजों से स्पष्ट हो चुका है. खट्टे, नमकीन और तीखे पदार्थों में तो इसके विष और भी अधिक मात्रा में घुलते हैं. खटाई के कारण प्लास्टिक से लीच-आउट हुए डाईओक्सीन आदि घातक रसायनों से कैंसर पैदा होने की संभावनाएं कई गुणा बढ़ जाती हैं. अतः इन बाजारी अचार मुरब्बों के कारण कैंसर ठीक तो क्या होना, उलटे बढ़ता ही है. *गर्मियों के दिनों में निम्बू की शिकंजबी घर-घर में पी-पिलाई जाती थी. अनेक रोगों से अनायास ही रक्षा हो जाती थी. पर अब उसका स्थान कैंसरकारक कोक, पेप्सी आदि घातक कोल्डड्रिंक्स ने लेलिया है. पिछले एक साल से तो हालत यह है की बाज़ार में जो नीबू-सोडा हम पीते थे, वह भी विषाक्त हो गया है. पहले उसे पी कर ताज़गी लगती थी पर अब तो उसे पीने के बाद उल्टियां, सरदर्द, बेचैनी होने लगती है. सोडे में न जाने सक्रीन के इलावा और क्या-क्या विषैले रसायन डाले जाने लगे हैं. अतः वह भी काम का नहीं रहा.

* एक रोचक प्रसंग पाठकों को पसंद आयेगा और उपयोगी लगेगा. एक सेमिनार के आयोजन के लिए कुछ दिन पहले कृषि विश्व विद्यालय पालमपुर गए थे. बाज़ार में एक व्यक्ति से पूछ लिया की यहाँ कहीं पीने लायक अछा निम्बू-सोडा मिलेगा? आशा तो नहीं थी पर जवाब मिला की बसअड्डे पर अमुक दूकान पर जाओ, बहुत अच्छा सोडा मिलेगा पर लाईन में लगना पडेगा. अधिक विश्वास तो नहीं आया पर अपने मित्र रोहिताश जी के साथ वहाँ गये तो सचमुच लोग लाईन लगा कर सोडा खरीद कर पी रहे थे. हमें भी १० मिनेट लाईन में लगना पडा, पर पीकर मज़ा आ गया, जैसा की १-२ साल पहले आता था. एक घंटे बाद जाकर हमने फिर से वही सोडा-निम्बू पीया. पूछने पर पता चला की वह दुकानदार स्वयं सोडे की बोतलें बनाता- भरता है.

# सन १९७० से अब तक २० से अधिक प्रयोगशालाओं ने इस तथ्य का पता लगा लिया था की निम्बू अनेक प्रकार के कैंसर की चिकित्सा का एक शक्तिशाली उपाय है. अब एक सवाल यह है की हम लोग इस महत्वपूर्ण जानकारी से वंचित क्यूँ हैं ? असल में ये कम्पनियां इस जानकारी के आधार पर कृत्रिम रूप से निम्बू का कोई विकल्प तैयार करने का प्रयास कर रही हैं, ताकी वे कैंसर के रोगियों के इलाज से अकूत धन कमा सकें. लोग केवल निम्बू के प्रयोग से ठीक होने लगे तो इन्हें क्या लाभ ? इसलिए इस अद्भुत और करोड़ों लोगों की जीवन रक्षा करने वाली खोज को छुपा कर रखा गया. अब ये हम सोच लें की हमें अपना और अपनों का हित करना है या इन कंपनियों का ? इस जानकारी का स्रोत है : ’’इंस्टीच्युट ऑफ़ हैल्थ साईंस, 819 एल.एल.सी.,बाल्टीमोर, एम डी 1201

# सावधानी: *कुछ बातों का ध्यान रख कर ही निम्बू का प्रयोग करना उचित रहेगा. १* गठिया, दमें और सईनोसाईंटिस जैसे रोगियों को कोसे गर्म पानी में शहद के साथ निम्बू का प्रयोग कम मात्रा में करवा कर देखें. कोई समस्या न हो तभी अधिक मात्रा में प्रयोग करें. वैसे आशा है की पूरे दिन के पानी में २-४ निम्बू स्लाईस डाल कर उस जल का प्रयोग करने से कोई समस्या नहीं होगी. २*दूसरी सावधानी यह रखनी चाहिए की पानी का बर्तन यदि कांच या मिट्टी का हो तो अधिक अछा है. प्लास्टिक या एल्युमिनियम पात्र का प्रयोग तो भूल कर भी न करें. ताम्बे के पात्र में भी अधिक मात्रा में खटाई रखने से उसके गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं. ३*तीसरी सावधानी यह है की निम्बू खरीदते समय यह देख लें की उसका आकार और सुगंध स्वाभाविक नीबू वाली है की नहीं ? हो सकता है की शक्तिशाली कंपनियों के प्रयास से विषाक्त निम्बू बाज़ार में उतारा जा चुका हो या उतार दिया जाये. जैसे की दूधि / घीया के बारे में हुआ. बाबा रामदेव के कहने पर लाखों लोगों ने घिया, तुलसी, निम्बू और काली मिर्च का प्रयोग किया. लाखों ह्रदय रोगी ठीक हो गए. उसके शायद एक या दो वर्ष बाद बाज़ार में ऐसी घीया आ गयी जिसका रस पीने से अनेक व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ने लगे. हमारे कुछ परिचित भी बुरी तरह से घीया का रस पीकर बीमार हुए और हस्पताल में भरते होना पडा. ऐसा तो आजतक कभी नहीं हुआ था ? मीडिया ने इसे इस प्रकार प्रचारित किया मानों बाबा रामदेव के बतलाये प्रयोग के कारण ऐसा हुआ. यह मौलिक और आवश्यक बात किसी नें नहीं उठाई की आखिर घीया से ऐसी हानि हुई क्यूँ ? सैंकड़ों या हजारों वर्ष से हम गंभीर रोगियों को भी घीया देते हैं तो हानि नहीं होती, अब ऐसा क्यूँ हुआ ? संदेह करने की गुजाईश है न की अरबों रुपया ह्रदय रोगों की दवाओं से कमाने वाली कंपनियों की सोची समझी साजिश इसके पीछे हो सकती है ? ठीक इसी प्रकार निम्बू के मामले में भी होने की आशंका को ध्यान में रख कर चलने में कोई बुराई नहीं. हो सके तो नीबू का एक वृक्ष घर में या फिर जगह न हो तो छत पर ड्रम में लगाने की संभावना पर सोचें ज़रूर.

## अंत में एक आग्रह है की इस जानकारी को अधिकतम लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करें. कोई सुझाव या प्रश्न हो तो फोन या मेल करें . मो: 094188 – 26912 , ई-मेल dr.rk.solan@gmail.com

141 COMMENTS

  1. सर मेरा पित की थैली का ऑपरेशन हो रखा है
    क्या मैं भी यह नुस्खा इस्तमाल कर सकता हु

  2. डॉक्टर हमारी मम्मी को गॉल ब्लैडर में कैंसर है जो की अब लिवर में भी फ़ैल चूका है हमे कोई उपाय बतायें कृपया हमारी मदद करे

  3. Dear sir
    Mujhe kal Se Bhot Taklif Mouth Mera Mouth Sirf Do Ungli He Kholta Hai Aur Dard Bhi Hota Hai Koi Dawa Batay Taki Sahi Ho Aur Mouth Thik Tarike Se Khol Sake Sir

    • देसी निम्बू का रस आधा-आधा चम्मच पानी मिलाकर दिन में 2-3 बार लेकर देखें। 2-3 निम्बुओं के छिलके चटनी बनाकर, आँवला पाऊडर आधा चम्यच, सेंधा नमक, काली मिर्च मिलाकर रोज एक या दो बार भोजर के समय लें। निम्बू देसी हों।
      व्हाट्सैप नं. 94188-26912

  4. parhej karte karte thak gaya hun sir laalpan bilkul khatm ho gaya hai,
    main 23 year ka hun 43 kilo wajan hai jo ki pahle 53 kg tha uttar pradesh kee bahraich jile ka rahne walahun
    mobile repairing &downloading ka kam karta hun. famili me mammi aur main hun. mere baad mammi ka sahara koi nahi hai. so plz sir help
    parhej me ubala pani ubali sabji sendha namak raat mein doodh malai hata ke .
    kewal lalpan aur kamjori hi hamari bimari hai aur sharir peela ho gaya hai
    nails lla se white ho gaye hain aur abhi main unmarried hun.

    • मुझे लीवर पर गांठ हो गई है तो डॉक्टर बता रहे हैं कि उसमें कैंसर है मेरा पेट फूल रहा है मैं पानी भी नहीं पी पा रहा हूं कुछ भी नहीं कहा पा रहा हूं यह बीमारी मुझे 4 महीने से कंटिन्यू सता रही है कृपया इसका निदान बताने की कृपा करें मैं आपका आभारी रहूंगा गोविंदा शर्मा हैदराबाद फोन नंबर 8125 00080

  5. sir mera naam raghvendra hai main hbsag + hun 4 saal se hun maine bahut ilaj karwaya lekin nira s raha .
    jab pata chala tha tam main theek tha lekien ab mere sharir se lalpan khatm hota ja raha hai.
    jeebh se nails se aur ling ke agle bhag se . man karib 4 months se gomutra pee raha hun. sir main hi apne ghar ka akhiri sadasya jinda bacha hun.
    liver function normal hai.
    viral load kam hokar fir se badh gaya hai.

    • व्यक्तिगत परामर्श के लिये व्हाट्सैप करना उचित रहेगा 94188-26912 पर करें।

  6. सर
    मेरा नाम अशोक यादव है मेरी पत्नी को फेफ्ड़ेमे टयूमर कैंसर हुआ है उसकी उम्र 24 साल है गाठ बड़ी है.13.6×21.6 cm इतनी बड़ी है मई क्या ईलाज करू डॉ कहते है ऑपरेशन नहीं होगा किमो करलो मई क्या करू. मेरी 1 साल की छोटी बच्ची है.

  7. डॉ सा को नमस्कार मेरी बेटी को डां ने ब्लड कैंसर बताया है अब मैं क्या करूँ

  8. मेरे पिताजी को प्रोस्टेट में और फेफड़े में कैंसर है तो इसके लिए क्या किया जा सकता है ।
    कोई उचित मार्ग दर्शन दीजिये ।

  9. Yah iske liye uchit manch nahee hai na hee is prakar ke pracharon se cancer khatm hota hia ya ho sakta hai.

  10. Hi sir sorry to disturb you merit mammi ko cancer hai breast me kuch yesa bataaiye Jo that par teek ho sake plz sir

  11. शारीर मे कहीं भी कैंसर है या नहीं कैसे पता करते है।

  12. Doctor ,sir नमस्कार मेरा नाम पवन है मै गोरखपुर का रहने वाला हू मेरे पिता जी को अमासय मे कैंसर है . पी जी आइ के doctor एक जाच कारा कर बोले की घर ले जाओ .और सेवा करो .रिपोर्ट आने तक ठिक रहे तो दिखा लेना,मै क्या करू please मेरी मदद करे

  13. डॉ साहब, प्रणाम! मेरी माँ को पित की थैली में कैंसर हो गया है. मैं पटना, बिहार का रहने वाला हूँ. मैं उन्हें पटना एम्स में डॉक्टर साहेब को दिखाया हूँ सभी जांचों के बाद उन्होंने कहा की ऑपरेशन नहीं हो सकता. अब कीमोथेरपी ही करना होगा. लेकिन हमारी जहाँ तक जानकारी है की कीमोथेरपी में बहुत पीड़ा होता है. मेरी माँ बहुत कमजोर है. वह खाना भी नहीं खा पाती है. इस इस्थिति में कीमो का दर्द झेल पायेगी. हमारी समझ में नहीं आ रहा रहा है की मैं क्या करू. आप ही सही मार्गदर्शन कीजिये. डॉक्टर साहेब आपका बहुत कृपा होगी सही मार्गदर्शन करने के लिए.

  14. सर नमस्कार, मुझे अपनी दांइ किडनी में एक गाठं का एक दिन पहले ही डाक्टर ने बताया है आपसे मुझे रास्ता चाहिए कि क्या करना गांठ कि साइज भी बड़ी है डॉक्टर मेंरा किडनी बाहर निकाल रहे हैं क्योंकि गाठं को वो कैंसर कि बताया है
    मुझे यह बात समझ नहीं आता कि क्या एक किडनी से मेरी बची हुई जिदंगी कैसा होगा

  15. प्रणाम सर लगभग 6 या7 वर्षों से मेरी ऊपर की दाढ़ निकल रही हैं ।हर दो-तीन माह में तेज दर्द केसाथ सूजन बढ़ जाती है कई डॅाक्टरो को दिखाया।पेनकिलर व दवा लेने पर थोड़े दिनों तक आराम होता हैपर दो-तीन महीने बाद फिर दर्द बढ़ जाता है।कृपया स्थायी आयुर्वेदिक इलाज बताये।

  16. Dear Sir,

    My father has been recently diagnosed with Small cell lung cancer (left lung & lymph nodes). My father currently has no pain except old cough. Please suggest how his cancer can be prevented from further growth and how it can be cured with the help of Lime & Cow urine.

    Please suggest.

    Rgds

    Manoj Sharma
    9216114154

  17. sir,
    हमारे गले मे एक छाला हुआ था दावा करवाने पर ठीक होगया पर अब उस जगह पर सूजन हो रही है। और उसने अब काफी जगह कवर कर ली है और अब दर्द भी होता है सर क्या करे
    sir
    please give me suggestions ,or
    Agra me camp kab lagega

  18. राजेश जी प्रणाम मै राम परिहार बस्तर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हु पहले मै काफी पान मसाला जर्दा खता था और इस कारण मेरा मुह खुलना कम हो गया तब से गुटका खाना बंद तो कर दिया पर उसके प्रभाव अभी भी बने हुए है आज भी मुह पूरा नहीं खुलता सुबह सुबह उठने पर जबड़े में जकड़न और कान तक हल्का दर्द कुछ देर तक होता मुह के अन्दर चमड़ी का रंग सफ़ेद सा होगया है
    डॉक्टर के गया था तो वो कुछ दावा दिये और कैंसर नहीं है बोले और कहा की कुछ साल और गुटका खाते तो कैंसर हो जाता बोले
    आप कुछ उपाय बताइये मुझे क्या करना चाहिए और गोमूत्र की जगहा गो अर्क का प्रयोग कैसा रहेगा

    • अाप नियमित रूप से देसी बछिया का मूत्र आठ परत के सूती वस्त्र में छान कर ३०-३० मि.ली.की मात्रा १०० मि.ली.पानी मिलाकर प्रातः, सायं लें।
      समुद्री या थैली का नमक बन्द करके सेंधा नमक प्रयोग करें।मीठा छः मास बिल्कुल बन्द रखें।
      चाय, काफी आदि न लें।
      मिर्च,मसाले, मैदा, बाजारी फल, डिब्बे या बोतल में बन्द आहार और शीतल पेय भी बन्द रखें।
      देसी निम्बू का प्रयोग करें।

  19. सर मुझे ह्ननिया की समस्या हुई थी मैंने 7 महीने पहले इसकी सज्ररी भी करवा ली थी अब ठीक है लेकिन कभी कभार जहां ओपरेशन हुआ है वहा पे शूल चुभती है थोङी देर के लिये तो क्या इसमें कुछ समस्या तो नही है और क्या मैं अभी वापिस जिम जा सकता हूं पहले की तरह क्योकि मुझे मॉडलिंग मैं अपना करियर बनाना है सही सलाह दें । धन्यवाद।

    • अाप नियमित रूप से देसी बछिया का मूत्र आठ परत के सूती वस्त्र मेंछान कर ३०-३० मि.ली.की मात्रा १०० मि.ली.पानी मिलाकर प्रातः, सायं लें।
      समुद्री या थैली का नमक बन्द करके सेंधा नमक प्रयोग करें।मीठा छः मास बिल्कुल बन्द रखें।
      चाय, काफी आदि न लें।

    • हर्निया के इलाज के लिये स्वयं आकर मिलना आवश्यक है।

  20. सर मेरे मुँह में उल्टे साइड मसूड़ो से नीचे एक गाठ मालूम पड़ती है,यह हाथ से इधर उधर हो जाती है,यह लगता है जैसे कोई गिल्ट हो

  21. शक्ती पीठ,आमलखेड़ा,आगरा में १०से २० अप्रैल तक आवासीय निशुल्क कैंसर शिविर चलेगा.संम्पर्क करें 09897713430

  22. Sir meri maa ko left side ganth tha to hamne hamne uska boipsy karwaya to kuch nahi nikla fhir normal samajh kar use nikalwa liya fhir uska janch hone gaya to usme Duct carcinoma nikal gya fhir hamne Dr. ki salah pe Left side pura breast remove karwa liya hai fhir uska janch me NO RESIDUAL TUMOR nikla ab Dr. Cemotherepy ke liye bol rahe hain par mummy bilkul tiyar nahi ho rahi hai wo ander se puri tarah se dar chuki hai aur idhar kuch din se mummy ko kabhi pair me dard to kabhi pet me dard rehta hai meri kuch samajh me nahi aa raha ki kya karun me bilkul andhere me hun so plz sir koi help kijiye sir main apni mummy ko khona nahi chahta pls sir …………. main aapka sada aabhari rahunga ………….

  23. sir
    mere papa pahle tambacoo khate the es karan unka 1 inch hi muh khulta hai muje dant chikitsalay indore ke doctor ne kaha hai ki enko cencer ho sakta hai

    to mai enka kya upchar karvao mene abhi tak kuch bhi nahi karya hai

  24. नमस्कार महोदय,

    क्रोनिक (एल्कोहलिक) लीवर डिसिज से १.६ वर्ष से पिड़ित हूँ डा. श्री ए कुमार (इन्द्र. अपोलो-देहली) के आशीर्वाद से ट्रास्पलान्ट से बच गया.
    जिसमें प्र. दिवस ख़ाली पेट दो गिलास एप्पल शेक ने ७०% दवाइयों से बचाव की भूमिका भी निभाई. इतनी शिघ्रता से रिकवरी भी लगभग ६०-७०% से कुमार सा. भी ख़ुश है
    एण्टासिड एवँ मोशन के लिए (लूज सिरप) सिरप ही ६-८ माह से ले रहा हूँ

    लीवर डिसिज, डायबिटीज़ मेलासिस, पथरी (वहुत छोटे -बिना परेशान किए ) गत ८-१० माह से है जोकि सिर्फ़ मिल्क एप्पल शेक ( शक्कर+शुगर फ़्री सहित) ही कवर कर रहा है!
    वर्तमान में दमा की समस्या भी होने जा रही है ( प्रतिदिन ८-१० सिगरेट के कारण )

    **लीवर डिसिज, डायबिटीज़ मेलासिस, पथरी एवँ दमा की समस्या (सिगरेट भी छोड़ने की चाह-कब्जियत की अधिकता) का कोई एेसा उपाय अथवा योग का मार्गदर्शन दें कि फिर से सामान्य जीवन एवँ कर्तव्यों को निभा सकूँ

  25. sir Ji mere father (70 year) ko liver metasis ka pasta chala hai . galley me left side me tumor nazar aa raha hai Jo ki hard hai. plz treatment bataien. he is not eating food from last 15 days. today taken half glass musambee juice. I m very nervous. my mob no. 09721494074. from u.p. pratapgarh.

  26. बहुत ही उपयोगी जानकारी मेरी बहन को भी अंतिम अवस्था का केंसर है नीबू जल का प्रयोग तो शुरू कर ही दूंगा कल से पर उनको दर्द बहुत होता है क्या बलसाड जाने से आराम होगा अथवा दर्द की कोई दवा आप बताये मेने अभी तक कोई थेरेपी प्रयोग नहीं की है

    • सभी कैंसर रोगियों के लिए उपयोगी सूचनाएं…….
      वलसाड जाने की विशेष उपयोगिता अब नहीं रही है. किन्ही कारणों से वहां अब परिणाम नहीं मिल रहे. अतः
      १. कैंसर रोगियों को समुद्री नमक, सफ़ेद चीनी, बाजारी फल, डिब्बा-बोतल या पैकिट में बंद हर प्रकार का आहार, तले-भुने पदार्थ, आचार, मैदा, बेकरी के बने सभी पदार्थ, बासी आहार बंद करना चाहिए.
      २. हो सके तो प्रति दिन ताजा पंचगव्य बनाकर रोगी को दें. गोबर, गोमूत्र, दूध, घी, दही,सभी स्वदेशी गो का होना चाहिए. यदि ये सब सम्भव न हो तो स्वदेशी गो का गो-मूत्र अर्क रोगी को ३ से ५ चम्मच की मात्रा में प्रातः और सायं काल दें.
      ३. अंकुरित आहार जितना पचे उतना रोज दें. मूंग, मोथ, देसी काला चना, आप मात्रा में गेहूं को अंकुरित करके प्रयोग किया जा सकता है. निम्बू, पुदीने, आंवले, धनिया, अदरक का प्रयोग भी पाचन क्षमता अनुसार प्रयोग करना चाहिए.
      ४. प्रतिदिन ५ मिनट से लेकर एक घंटे तक ओम का उच्चारण अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा.
      ५. यदि सम्भव हो तो इंटर नेट (यु ट्यूब और गूगल सर्च में देखे) से समझकर अग्निहोत्र विधिवत करें.
      ६. तुलसी पत्र ३५-४० रोज प्रातः गो-दही के साथ दें. शुद्ध शहद हो तो वह भी डाल सकते हैं.
      ७. लेख के अनुसार निम्बू का उचित प्रयोग करें.
      # आगरा के पास आमाल खेड़ा में हर दो मास में एक बार ११ दिवसीय कैंसर चिकित्सा शिविर लगना शुरू हुआ है. केवल एक हजार रुपये में भोजन, आवास, दवाएं दी जाती हैं. कोई बहुत निर्धन हो तो उसकी भी व्यवस्था की जाती है. जो सज्जन आना चाहें वे मेल पर तिथियों की जानकारी ले सकते हैं.
      # हमसे मंगवाकर आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग करना चाहें तो मेल करें जिसमें रोगी का चित्र और पूरा विवरण भेजें.

      • भुवनेश कुमार नाका चन्‍द्र वदनी लभेडपुरा रोड उषा कॉन्‍वेट स्‍कूल के पीछे लश्‍कर ग्‍वालियर ४७४०० भुवनेश कुमार नाका चन्‍द्र वदनी लभेडपुरा रोड उषा कॉन्‍वेट स्‍कूल के पीछे लश्‍कर ग्‍वालियर ४७४००

        आगरा के पास अमाल खेडा गॉव आगरा स्‍टेशन से कितनी दूरी पर है सही पता व कैंसर चिकित्‍सय शिविर कि दिनांके फरवरी में कब कब है क्रपया बताने की क्रपा करे ा मेरी पत्‍नी के स्‍तन कैन्‍सर था कीमोथेरेपी लगवाकर उसका ऑपरेशन सितम्‍वर२०१४ में करा दिया है व सिकाई भी हो चुकी है अभी वह ठीक है

      • सर मुझे डॉक्टर ने कैंसर होने की सम्भावना बताई है और मेरे गले में गाँठ है क्या उपचार है आप अपना पता बताने का कष्ट करे

      • आप सही बोले गुरू जी! क्योंकि मैं वहां गया था और उन्होंने मात्र थोड़ा सा चीनी बढ़े होने के कारण वापस भेज दिया और बोला कि जाओ और पहले चीनी कम करो तभी उपचार होगा। जो रिपोर्ट लगभग १७ दिन पहले की थी। उन्होंने कैंसर के रोगी को देखा तक नहीं, फिर हमें निराश बिहार लौटना पड़ा।
        और अभी तक कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करूं, कहां ले जाऊं। एलोपैथ में तो वो जाना नहीं चाहते, क्योंकि उन्होंने राजीव भाई को सुन रखा है। दुसरी बात आयुर्वेदिक चिकित्सक बस अपनी सलाह देते। कोई अपनी निरक्षण में उपचार करना नहीं चाहते। ऐसे में करता करें?

  27. लेखक से आग्रह है की वो सिर्फ प्रमाणिक जानकारी ही देश की जनता तक पहुचाए । इस तरह के लेख पढ़ कर कैंसर रोगी का कितना नुकसान हो सकता है ये समझे ।
    आप के दावों की सच्चाई यहाँ पढ़े ।https://www.hoax-slayer.com/lemon-cancer-cells.shtml
    जनता से भी अनुरोध है की किसी भी जानकारी का उपयोग बिना जांच पड़ताल के न करे।

  28. नमस्कार
    मी
    चंद्रकांत झोंबाडे
    पुने चिंचवड
    मी महाराष्ट्र मधुन बोलत आहे
    विषय
    माजा आईला कँनसर आहे’
    आई ला मी मुम्बई ला घेऊन गेलो
    टाटा मेमाेरिल कँनसर
    सिटिसकँन किया & पेट सिटिसकँन केली
    बायेापसि केली

    मला सानगितले काेलाेन कँनसर आहे,
    ४ स्टेज आहे
    डँाकटर नी सानगितले किमाेथेराेफी दिली पाहिजे, १ किमाेथेराेफी दिली
    नेक्स्ट २ महिनयात २ किमाेथेराेफी दिली दाेन दीवसानी आईच पाेट कूप दुकायला लागले़़ मग पुन मधे मला ऐडमीट करावे लागले़़
    डँकटर नी सानगितले की ऐमरजसी आँपरेशान करावे लागले
    मंग संनडासची जागा बंनद करनात अली
    संनडासची जागा ही पाेटाला हाेल करनात आले आनी ।
    संनडासची बाहेर करनात आली
    आता मला काहीच कळत नाहीं की काय करूँ
    किमाेथेराेफी करूँ का आयरवैैदीक करूँ का
    है मला साननात यावे हिच विंनती
    सर कूप टेनशन मधे आहे मी
    मला सजेशन देवे
    तुमचा विश्वास
    चंद्रकांत महिपती झाेंबाडे
    पुने महाराष्ट्र चिंचवड

      • Namaste sir
        Mai CHANDRAKANT ZOMBADE

        Maharashtra se bat kar rha hu
        Sub- colon canser
        Mere माँ ko hospital me admit kiya gya
        Chekp kiya
        Pet ct scane, ct scane
        MRI,bayopsi karne ke bad canser ho chu ka hii माँ ko
        Sab karneke.
        Fir ham माँ ko
        Mumbai me
        Tata memoriyle hospital
        Le ke gai vaha chek karne ke bad माँ ko dr. Bola ko chemotherapy karna padega

        माँ ka cancer stge 4 ho chuka
        Ham ne माँ ko
        1)
        chemotherapy diya June 20-2014 dene ke bad माँ ko
        Thoda taklip hua

        2) chemotherapy 20 July 2014 ko diya
        Dene ke bad माँ ko pet mai
        bahut dard hone lga 3 din hua bathroom nahi horath
        Fir dr. Ne kha ki
        Emergency oprtion karna pada our sandaski jaga band karni padi
        Fir pet mai hol karke sandaski jaga pet se bahar karni padi
        Abhi 1.5 manth hone ara hii माँ ko abhi tak kuch problem nahi horha hii
        Dr. Sir mujhe samj nahi ara ki kya karu
        1- mai chemotherapy माँ ko dedu
        2- mai mere माँ ko ayrvaidik elaj kru plz dr. Sir mai kya karu
        Plz apse anuvadan hii sir
        Muje sajetion cha hi ye sir

        Thanks regard
        Chandrakant zombade
        08805500880

      • muje 4 mahine se gaath thi last month malum pada muje cancer hai or mera tretment tata hospital mai chalu hoo gaya hai too muje jaldi achha ho is liye kyaa khana hoga

    • माताजी के बारे में जानकर बहुत दुःख हुआ. मुझे नहीं लगता की उनके लिए कुछ अधिक किया जा सके. पर उनके कष्ट और आपकी परेशानी को काम करने के लिए जो कुछ मेरी समझ के अनुसार किया जा सकता है वह ये है …..
      * उनको समुद्री नमक और सफ़ेद चीनी देना बंद कर दें. मीठा यथासंभव कम से कम दें. काला या सेंधा नमक दे सकते हैं.
      * बाजार के सभी प्रकार के फल बंद कर देने चाहियें. डिब्बे, पैकिट, बोतल में बंद सभी प्रकार के आहार कैंसर कारक हैं.
      * कीमोथेरेपी, रेडिएशन तथा सभी प्रकार की ऐलोपैथिक दवाएं उनके कष्टों को और अधिक बढ़ाएंगी. अतः उन्हें न देना ही अच्छा है.
      * यदि पंचगव्य उपलब्ध हो सके तो उन्हें नियमित रूप से प्रातः-सायं दें. यदि उनकी आयु ६० वर्ष से कम है तो एक बार में १५० मि.ग्रा. तक दे सकते हैं. यदि ताजा पंचगव्य न मिले तो पंचगव्य हरित का सेवन करें. विस्तृत जानकारी के लिए नेट पर नागपुर के गोविज्ञान केंद्र’ देवलापार’ के बारे में खोजें. उनसे बना बनाया पंचगव्य घृत तथा उसके प्रयोग की जानकारी मिल जायेगी.
      सादर सप्रेम शुभचंतक,
      – राजेश कपूर.

  29. डॉक्टर साहब नमस्कार, मुझे तक़रीबन सात साल पहले पता चला की मै हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हूँ. मैंने तला भुना खाना छोड़ दिया. कुछ यूनानी इलाज करवाया , मगर कुछ फायदा नहीं हुवा .
    कुछ दिनों से कमजोरी तथा शरीर के निचले भाग में सुन्नपन महसूस हो रहा है . मैंने खून की जाँच करवाई तो पता चला की हेोमोग्लोबिन काम है. मै ४२ साल का हो गया हूँ. मैंने कभी शराब नहीं पी है.
    किर्पया मार्गदर्शन करें की मुझे क्या करना चाहिए.

    • कृपया आप अपनी बीमारी का पूरा विवरण मेल पर भेजें, प्रवक्ता पर इतनी लम्बी वार्ता व्यवहारिक नहीं लगाती

    • मैं नहीं मानता कि आपको सात वर्षों से हैपेटाइटिस बी है और आप बिना किसी ख़ास परहेज और पूर्ण विश्राम के अभी तक जिन्दा है. आप झूठ बोल रहे हैं.

      • sir papa ko muh ka kenser he dad ke niche do dad operation me Kat gai he unka operation Ahmadabad sivil me hua hai uske bad dhode thik the phir gadhan usi jagah aur kan ke piche ho gai hai doctor ne operation ki gyaranti nahi li ab dard sahan nahi kar pa rahe he ab batao Kay kare

  30. पीलिये के इलाज के लिए जिस पोधे शंकपुष्पी पोधा का आप ने जीकर किया है इसकी पहचान क्या है और ये कहा पर मेलेगा अग़र आप के पास हो तो हम इसे प्राप्त कर सकते है प्लीज आंसर

    • आपकी अपेक्षित सामग्री हिमाचल के बिलासपुर जिला में उपलब्ध है. आप चाहें तो मंगवाई जा सकती है. पर यह कार्य बरसात के बाद उचित होगा.

  31. Adarniya Doctor Sahab,

    Bahut hi upayogi Jankari ke liye dhanyawad, ek prashna hai vo esa ki ye katle chhilke sahit kiye jaye ya chhilka nikal kar.

    kya koi vyakti Cancer ke bina bhi iska cancer se bachne ke liye prayog kar sakta hai kya?

    Abhi mai Bharat se bahar Canada me hu, yaha Malls me bade size ka Nimbu mil jata hai, kya is Nimbu ka proyog uchit hai ? ( Mitti ka patra uplabdh nahi ho pa raha hai to Steel ka patra upyog kiya ja sakta hai kya?

    Mere Didi ko BC hai aur unki 4-5 bar Kimo therepi ho chuki hai, kya unhe bhi ye Nimbu jal diya ja sakta hai?

    Balsad bhi Sampark karne ke liye Bhanjo ko bataunga.

    Punaha Dhanyawad

    Anurag Wani , Halifax Canada

    • .आपलोग हिंदी की टिप्पणी रोमन लिपि में क्यों लिखते हैं?देवनागरी लिपि में लिखिए.पढ़ने में आसानी होगी.निम्नलिखित लिंक पार जाइए और हिंदी रोमन लिपि में लिखिए और कर्सर को आगे बढ़ाते जाइए.आपका लिखा देवनागरी लिपि में परिवर्तित होता जाएगा.
      https://hindi.changathi.com/

    • – निम्बू के स्लाइस छिलके सहित ही बनाने हैं.
      – इस निम्बू जल के प्रयोग से अनेक रागों से रक्षा हो सकती है. अतः इस जल का प्रयोग स्वस्थ लोग भी करें तो अच्छा है.
      – मिटटी का पात्र न मिले तो कांच के पात्र का प्रयोग किया जासकता है. पीतल या लोहे के पात्र भी उचित हैं. पर यदि ये कुछ भी न मिले तो स्टील के पात्र का प्रयोग करें.
      – यदि निम्बू में बीज हों तो आशा है की वे हानिकर नहीं होंगे. हानिकारक वस्तु खाने पर संवेदनशील लोगों को कुछ ही देरी में पता चल जाता है कि वह वस्तु किस प्रकार की है. अतः प्रयोग करने के बाद एक-आध घंटे तक देखें देखें कि आप कैसा अनुभव करते हैं. यदि कुछ अस्वाभाविक लगे तो समझ जाएँ कि जो वस्तु आपने खाई है वह सही नहीं है.
      = दीदी को यह जल देना अनुकूल रहेगा, ऐसी आशा है. जहां पर ठण्ड हो वहाँ पर जल को शरीर के तापमान के निकट जितना गर्म करें या कुछ अधिक गर्म कर के प्रयोग करें..
      -अनुराग जी आपकी शंकाओं के समाधान का प्रयास किया है. फिर भी कोई शंका हो तो मेल करें.

    • पंचगव्य चिकित्सा का प्रयोग करके देखें. जीवन शेष हुआ तो शायद कुछ बात बन जाए.

  32. डॉ. राजेश कपूर—-सस्नेह नमस्कार।

    गो मूत्र बासी होकर अपनी परिणामकारकता खोता है, क्या?
    कितने वर्षतक उसका प्रयोग किया जा सकता है?
    उसे रेफ्रिजरेट करना चाहिए क्या?
    धन्यवाद।

    • मान्यवर प्रो.मधुसूदन जी,
      गोमूत्र अपने गुणों को नहिं खोता, गंगाजल की तरह सदा स्वछ् बना रहता है. सावधानी इतनी ही है कि कांच के पात्र में रखें और एक बार १०-१५ मिनेत तक कांच या लोहे या कलई वले पीतल के पात्र में उबाल लें जिससे अमोनिया उड जाये. अन्यथा वह निरंतर तीखा होता जीयेगा और अधिक पुराना होने पर जलन पैदा करेगा. चम्बल. खारिश, घाव आदि पर लगाने के लिये उबालकर रखना आवशयक नहीं है. आवश्यक यह है कि गोमूत्र केवल ‘ए १’ प्रोटीन वालि गो का लिया जाये. इसकी विस्त्रित जानकारी के लिये गूगल सर्च में देखें ‘A1,A2 milk’ or ‘ A2 corporation’

    • आदरणीय प्रो. मधुसूदन जी नमस्कार!
      – पुराना होने पर गोमूत्र में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है. अतः इसका प्रयोग पीने की लिए नहीं किया जाता. बाहरी प्रयोग के लिए गोमूत्र जितना पुराना होगा उतना उपयोगी होगा. यथा घावों, चम्बल, दाद आदि पर लगाना. ताजे घाव पर तो इसका प्रभाव चमत्कारिक होता है. रक्त प्रवाह तुरंत रुक जाता है और अनापेक्षित समय में घाव भर जाता है.
      – ताजे गोमूत्र का प्रयोग २-4 दिन तक किया जा सकता है. आवश्यक है की गोमूत्र कांच के पात्र में रखा जाये.
      – यदि गोमूत्र को आधे घंटे तक लोहे, कलाई वाले पीतल या कांच के पात्र में पका कर आठ परत के सूती वस्त्र में छन कर रखा जाये तो २-३ मॉस तक इसका प्रयोग पीने के लिए किया जा सकता है. उबालने से अधिकाँश अमोनिया उड़ जाता है और पुराना होने पर भी गोमूत्र का तीखापन बढ़ता नहीं.
      – गोमूत्र गंगाजल की तरह कभी खराब नहीं होता. अतः इसे फ्रिज आदि में रखने की आवशयकता नहीं होती. उससे इसके गुण कम ही होंगे.
      उत्तर में देरी के लिए क्षमा चाहूँगा. नेट पर बैठने का अवसर आजकल कम ही मिलता है.

  33. सर जी मेरे पिताजी को तम्बाकू खाने से मुह में गांठ हो गयी है और उसका साइज़ बढ़ता ही जारहा है क्या करे उपाय दे !

    जय श्री राम

    • उपरोक्त निम्बु का प्रयोग करें. चीनी, नमक समुद्री, चाय, खटाई, बाजारी फल आदी बंद करके अंकुरित आहार अधिक से अधिक सेवन करें. ट्थ्पेस्त के स्थान पर कोई मंजन करें. स्वदेशि गो का मुत्र ४ चम्मच, गोबर एक चम्मच को मिला कर ८ परत के सूती वस्त्र में छान कर रोगि को रोज पिलायें.

  34. Dear Dr. Kapoor,

    Let me thanks first of all for spread most useful knowledge in between us , coz we became depends on English medicines and destroy our body with side effects, sir if you have solution for dandruff and white hair please provide.

    Thanking you

    Brijendra Mishra

    brijendram@gmail.com

    • क्रिसोफेनिक एसिड का लगाने के लिये प्रयोग करें. होम्योपैथ से मिलेगा.

    • होम्योपैथी का क्रिसोफेनिक एसिड पानी में मिलाकर लगायें. यदि न मिले तो सुहागा पानी में मिलाकर लागा दें. या फिर कुछ दिन तक गुड का सीरा पानी में मिला कर लगाते रहें. १-२ घन्टे बाद सादे पानी से धो दिया करें.

  35. राजेश जी को और उनके सहयोगिओं को प्रणाम !!
    मेरे दोस्त के रीड कि हड्डी के पास एक गांठ हो गयी है जो कि शारीर में अन्दुरुनी है ! ऍम आर आई करवाने से पता चला है कि यह ट्यूमर है !!
    दोस्त को २-३ सालो से कमर में दर्द रहता था लेकिन अब पता चला है कि वो ट्यूमर रीड कि हड्डी कि कोई नस को दबा रहा है जिसकी वजह से उनको दर्द हो रहा है ! अब उसके पाव सुन्न होने लग रहे है , जिसमे हर वक़्त चींटी चलने का अहसास हो रहा है !
    साथ ही उसको कमर और पैरो में लगातार दर्द के साथ जलन भी हो रही है !
    अब वो हॉस्पिटल में एडमिट है और डॉक्टर का कहना है कि ओप्रशन करके ही गांठ को निकला जा सकता है ! जल्दी ही गांठ को नहीं निकला गया तो यह नस को दबाकर ख़राब कर देगा जो को पक्षाघात का कारन बन सकता है !!
    पहले वो बीओप्सी करके चेक करके देखते कि कही यह कैंसर तो नहीं है लेकिन अब वो बीना बीओप्सी के ही ऑपरेशन को बात कर रहे है !!

    इस बीच हमने अपने दोस्त को गौ अर्क , गिलोवी वटी, तुलसी वटी दिन में ३ बार देना शुरू कर दिया है और अब आपके निम्बू पानी का प्रयोग भी शुरू कर देंगे …
    क्या ट्यूमर का ऑपरेशन ही इलाज है ?
    क्या यह कैंसर है ?
    बीना बीओप्सी कैसे पता चलेगा कि यह साधारण ट्यूमर है या ……..
    हम सब का दिमाग बहुत चक्कर खा रहा है कुछ समज नहीं आ रहा है कि क्या करे ?
    स्वर्गीय राजीव दिक्सित जी के स्वस्थ्य व्याख्यान में पता चला कि ट्यूमर चुना खाने से भी ठीक हो जाता है !! किर्पया मार्ग दर्शन करें !!

    जय श्री राम !!

    • उपरोक्त लेख और टिप्पणियों को पढकर परहेज करें और यथाविधी चूने का प्रयोग भी करें. गांठ के ऊपर बिना बुझा चुना और शुध शहद मिला कर रोज लेप करें.

  36. एक-दो अंग्रेजी के पाठकों ने इस लेख की प्रमाणिकता पर संदेह प्रकट किया है. इस बारे में मेरा निवेदन है कि ……..
    १. विश्व की अनेक विशालकाय, विकराल दवा निर्माता कम्पनियां अपनी दवाये बेचने के लिए अरबों डालर खर्च करती हैं. केवल खर्च ही नहीं करतीं, अनेक प्रकार के गुप्त समझौते व षड़यंत्र करती हैं. यदि वे ऐसा न करें तो इन कंपनियों का अस्तित्व समाप्त हो जाए. अमेरिका के विश्वा प्रसिद्ध चिकित्सक ‘डा.जोसेफ मेरकोला’ की साईट देखें. आपको पता चलेगा कि ये दवा कम्पनियां स्वयं अपने देश के लोगों के जीवन व स्वास्थय के साथ खिलवाड़ करके धन कमाने में जुटी हुई हैं. मानवता, नैतिकता आदि से इनकाकोई वास्ता नहीं है. झूठ, फरेब आदि इनके लिए सामान्य बात है. अतः सच को दबाने व छुपाने के प्रयास करना, झूठे व भ्रमित करनेवाले शोध पत्र छपवाने जैसे अनैतिक कार्य इनके द्वारा चलते ही रहते हैं. अतः इनके व इनके व्समर्थकों द्वारा दी सूचनाओं पर बार-बार संदेह करने क़ी आवश्यकता है. झूठ से भी अधिक भयावह इनका सच हो सकता है.क्यूंकि ये सच तो बोलती नहीं और यदि सच बोलेन तो उसकेपीछे कोई भयावह रहस्य , षड्यंत्र छुपा होता है. सच बोल कर इनकी दूकानदारी चल ही नहीं सकती. इस लिए मेरा अनुभव और विश्वास बना है कि स्वदेशी या विदेशी व्यापारी ताकतों कि तुलना में अपने देसी लोगों ( काले अंग्रेजों या मैकाले क़ी संतानो पर नहीं ) पर अधिक विश्वास किया जा सकता है. .
    २. ज़रा याद करें कि ऐलोपैथी कि तुलना में अपने देसी योग कितने सस्ते व अधिक परिणामकारी होते हैं . शायद आपलोगों को याद हो कि जब डेंगू के इलाज में आधुनिक चिकित्सा असफल हो गयी तब अपने स्वदेशी उपाय ( देसी पपीते के पत्तों केप्रयोग व बकरी के दूध ) से अनगिनत लोगों कि जीवन रक्षा एक चमत्कार कि तरह हुई और हो रही है. तो है न अपना ज्ञान अधिक प्रमाणिक, सस्ता और हानि रहित.
    ३. मेसाचुसेट्स ( अमेरिका ) से हम सबके परिचित विद्वान प्रो. मधुसूदन झावेरि ने एक मेल फॉरवर्ड क़ी जिसके अनुसार एक अमेरिकी चिकित्सक ने अपने एक परिचित के कैंसर का इलाज निम्बू के प्रयोग से सफलता पूर्वक किया.यह प्रयोग उस चिकित्सक ने अपने अधिकारियों क़ी अनुमति से किया. . . # उपरोक्त विवरणसे मैं पाठकों के ध्यान में लाना चाहता हूँ कि विश्व की दवा कम्पनियां, लैब्स, सरकारी एजेंसियां, अनेक स्वयंसेवी संगठन जनता किन्हीं; अपनेस्वयं कहितमें काम करते हैं. ऐसे में हम इन पर भरोसा नहीं कर सकते, अपने स्वयं के विवेक से काम लेना होगा. आवश्यक नहीं कि मैं सदा सही साबित होऊं पर अपनीसूचनाओं को एक से अधिक सूत्रों से प्रमाणित करने केबाद ही पाठकों तक पहुंचाने का मेरा प्रयास रहता है.
    – निम्बू के सकारात्मक और कैंसर नाशक प्रभावों के बारे में मुझे कोई संदेह नहीं.
    # सबसे महत्व्पूर्ण बात निम्बू के प्रभाव के बारे में यही है कि यह ब्रेकडाउन होने ( पच जाने ) पर क्षारीय प्रभाव करता है. कैसर के कोष केवल और केवल अम्लीय वातावरण में पनपते व जीवित रहते हैं. जिस भी प्राकृतिक उपाय से रोगी के रक्त को हम अम्लीय से क्षारीय करें, कैंसर ठीक होने लगता है. दूसरी ख़ास सूचना यह है कि प्राणवायु ( ऑक्सीज़न ) की उपस्थिती में भी कैसर कोष जीवित नहीं रह सकते. अतः प्राणायाम करना और शुद्ध व नया रक्त बनाने के उपायों से भी कैंसर ठीक करने का अत्यंत प्रभावी उपाय है. आहार के बारे में सावधानी तो आवश्यक है ही..

  37. सर बच्चो कि मेमोरी बढ़ने के लिए कुछ सुझाव दीजिये.तथा उनमें चुस्ती बनी रहे. स्टडीज के कारन खेल कूद का समय नहीं मिलता

    धन्यवाद

  38. हमे पेट की चर्बी तथा कमर की चर्बी कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
    घुटनों के दर्द की वजह से १-१.५ km से ज्यादा वाक नही हो पता है|

    • शुक्ला जी आप मोटापे के लिए स्वदेशी गो का मूत्र छान कर ले सकते हैं. २ चम्मच से प्रारंभ कर के 6-७ चम्मच तक प्रातः खाली पेट कांच के गिलास में लें. ५०-६० मी.ली पानी मिला लिया करें. इससे १-२ दस्त हों तो होने दें और सादा आहार लें ( भुना, तला आहार, मैदा, बिस्कुट, ब्रेड आदि न लें. )
      घुटनों के लिए सर्दियों में अलसी का प्रयोग २-४ चम्मच रोज करें. गिलोय के काढ़े के साथ आधा चम्मच सोंठ और आधा चम्मच मेथी लें. आशा है कि पर्याप्त लाभ होगा. खटाई, बासी आहार व वातकारक वस्तुओं से भी परहेज करें. उपरोक्त दोनों प्रयोग ( अलसी, मेथी, सोंठ, गिलोय) का प्रयोग एक साथ भी कर सकते हैं. पर गोमूत्र से दस्त हों तो उतने दिन यह प्रयोग न करें.

      • नमस्कार सर
        मेरा नाम मनोज कुमार है और मैँ 27 वर्ष का हूँ मुझे हाल मेँ ही महसूस हो रहा है कि मेरा सारी रात रात भर बहुत गर्म रहता है और मुझे कुछ समय थोड़ा काम करने पर थकान महसूस होता है मैन्ने आपके कमेंट और सवालोँ के जवाब पढ़े पढ़कर बहुत अच्छा लगा सर सर जी
        मुझे समझ मेँ नहीँ आ रहा है कि यह सब कैंसर के कारण तो नहीँ हो रहा है क्योंकि मैँ पहले चार सालोँ तक गुटका पान मसाला सेवन करता था जब से मुझे यह एहसास हुआ तो मैन्ने एक महीने पहले ही बंद कर दिया है मैन्ने अभी तक किसी डॉक्टर को दिखाया नहीँ है कृपया मेरी शंका दूर करेँ और अपना ईमेल id साथ मेँ सेंड करेँ
        धंयवाद

      • डॉ मधुसुदंजी,
        अभी अभी मैं डॉ कपूर से बात कर रही थी तब उन्हॉने आपके बारे में बताया. आप के बारे में सुनकर achaha लगा. में डॉ कपूर को कमेंट नहीं भेज पायी क्योकि में हिंदी में टाइप नहीं कर पाई उनके जवाब
        में.
        धन्यवाद
        आशा

    • प्रिय रावि जी,
      आप एक प्रयोग आजमायें. एक किलो क्वार्पाठे / घीक्वार/ क्वाए गंदल ( एलोवेरा) के गुदे को एक किलो शुद्ध घी में हलवे की तरह पका / भून लें. अब एक कीलो सूजी या आटे को भी आधा किलो घी में भून लें. अंत में २ की. खांड या कुजा मिश्री इसमें मिला दें. इन सब को मिला कर रोज प्रातः और रात्री ५०-६० ग्राम की मात्रा में शुद्ध दूध के साथ लें. पेट साफ़ रखें और खटाई का प्रयोग न करें. आशा है की बात बनेगी.

  39. मैं एक वैद्य का लड़का हूँ पर बिना वैज्ञानिक आकलन के सभी रोगों की एक दवा के प्रचार का विरोधी हूँ- किसी एकाध सफलता से अनुमान नहीं आकड़ों पर बात होनी चाहिए- वैसे जलमे नीम्बू डाल कर पीने से केवल उन्ही को बचना चाहिए जो हाइपरएसिडिटी के बीमार हों -वैसे नीम्बू विटामिन सी का अच्छा स्रोत है अमरुद की तरह कैंसर के अंतिम अवस्था में किसको क्या देता हैं उससे अंतर कम ही पड़ता है, आवश्यकता है कैंसर से बचाव के लिए तम्बाकू के किसी भी स्वरूप( गुटखा, बीडी, सिगरेट आदि) को छोड़ने की,

    निम्बू के अचार से बचना चाहिए उसका रक्षक नमक उच्च रक्तचाप को बढ़ाएगा – मिनरल बोतल या पेय स्वास्थ्य के लिए खराब हैं और वर्क लगे मिठाई भी .

    • निम्बू हाइपरएसिडिटी नहीं बढ़ाता है.मैं भी पहले इस गलतफहमी का शिकार था. डाक्टर राजेश कपूर ने लिखा है कि निम्बू पाचन से पूर्व अम्लीय (एसिटिक) तथा पचने के बाद क्षारीय (ऐल्कलाईन) होता है,अतः वास्तव में इसका क्षारीय गुण अंतत एसिडिटी कम करता है. ऐसे इस पर डाक्टर राजेश कपूर टिपण्णी करें तो जयादा ठीक रहे.

      • सिंह साहेब आप सही कह रहे हैं. सामान्य एसिडिटी होने पर पानी में अल्प मात्रा में निम्बू निचोड कर पीने से काफी आराम मिलता है. यदि निम्बू का प्रभाव आदि से अंत तक अम्लीय होता तो अम्ल-पित्त (एसिडिटी) में आराम मिलना सम्भव कैसे होता ? गत दिनों मैंने अनेक प्रयोग निम्बू पर किये और उत्तम परिणाम मिले हैं. अतः सावधानी के साथ सीमित मात्र में निम्बू का प्रयोग करके परखना चाहिए. पतले-दुबले लोगों को निम्बू का कम मात्रा में प्रयोग करना उचित होगा. यह मेद / चर्बी को घटाता है. अपवाद स्वरुप कुछ लोगों को निम्बू नहीं पचता. दमा, गठिया, नजला आदि के रोगियों के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही निम्बू का प्रयोग करना उचित होगा.

  40. +G sir ji mere wife ko mc nai hoti age 21 sal hai. shadi ke ek sal pehle hota tha.ashokarista n dasmularishta 4 mohine se chal raha hai but koi fayeda nai hai..blood test n sonography ho chuka hai sab normal hai ..plz helpअ

    • रामा जी होम्योपैथी में और आयुर्वेद में कई उत्तम दवाएं हैं. पर इसके लिए एक बार किसी योग्य चिकित्सक को दिखा लें. ध्यान रखने की एक विशेष बात यह है कि हर रोग का इलाज रोगी को देखे-जांचे बिना सम्भव नहीं होता. इस रोग के लिए प्रत्यक्ष जांचना होगा.

  41. ‘नींबू’ से कैंसर की चिकित्सा अद्भुत लेख पढ़ा|
    अपना दो वर्ष का निजी अनुभव लिख रहा हूँ, मुझे नजले की समस्या बीस वर्ष से भी अधिक रही| अनेकों चिकित्सा की, लाभ नहीं हुआ| कुदरती तौर पर आधे से आधा चम्मच पिसी हल्दी को दूध में उबालकर पीना शुरू किया, लाभ हाथों हाथ हुआ| अब वातानुकूलित वातावरण, आइसक्रीम, ठंडा पेय सब ग्रहण करता हूँ, कोई परेशानी नहीं है| इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है, ऐसा मैं अपने निजी अनुभव से लिख रहा हूँ| डॉक्टर जो एंटीबायटिक दवा देते हैं, वह रोगप्रतिरोधक को विकसित करने का प्रयास होता है| शरीर में श्वेत रक्त कणिका अधिक होने का अर्थ है बीमार शरीर| लाल रक्त कणिका के अधिक होने का अर्थ है स्वस्थ शरीर| हल्दी का उबला दूध लाल रक्त कणिका को बढ़ावा देकर शरीर को स्वस्थ रखता है|

    • गुजरात में भी हलदी डालकर गरम दूध, सोने के पहले लेने की रूढी है।
      अच्छा किया आपने अपना अनुभव भी लिखा।
      धन्यवाद।
      डॉ. राजेश कपूर जी को भी धन्यवाद।
      आज कल उनकी टिप्पणियां भी दिखाई नहीं देती।

  42. किसी एलोपैथिक चिकित्सक नें मुझसे मेल पर प्रश्न किया था कि निम्बू तो अम्लीय होता है, इसका प्रभाव क्षारीय कैसे हो सकता है? तब तो समाधान नहीं मिला था पर अब मिल गया है. निम्बू पाचन से पूर्व अम्लीय (एसिटिक) तथा पचने के बाद क्षारीय (ऐल्कलाईन) होता है. एक और महत्व की बात यह है कि भोजन के पचाने के लिए अमाशय में अम्लीय प्रभाव चाहिए और रक्त व शेष शरीर में अम्लीय प्रभाव अधिक चाहिए. निम्बू से यही तो हो रहा है, अमाशय में अम्लीय और पचने के बाद क्षारीय. अर्थात विष नाशक और कैंसर रोधक. पर मात्रा अपने शरीर व क्षमता के अनुसार लें. अति सर्वत्र वर्जयेत .

  43. Dr. Sahab Namaskaar,
    MERI PATNI KO BREAST CANCER HAI PICHLE 18 MAHINE ME ALLOPATHY ME KEEMO , RADTION, SURGERY SABHI KARWA CHUKE HAI, LEKIN THEK NAHI HO RAHA HAI ,
    KRPYA AAP SALAH DE KAYA MAI UNHE BALSAD LEKAR JAAOUN?

    • शुक्ला जी देरी के लिए क्षमा करें, अधिक यात्राओं के कारण नेट पर काम करने का कम समय मिल पाता है. आप यथा शीघ्र वलसाड जाने का कार्यक्रम बनाएं. आशा से अधिक परिणाम होंगे.

      • राजेश जी—आप सप्ताह में एक बार प्रवक्ता पर टिप्पणियां देने का सुझाव करता हूं।

        • आपके निर्देश का पालन करने का भरसक प्रयास रहेगा. कभी लम्बी यात्राओं के कारण और कभी आलस के कारण छूट जाता है. इस स्नेह हेतु आभार.

  44. गुजरात के बलसाड जिला में स्थित कैंसर हस्पताल के नये फोन न. मिल गये हैं. वहां स्वदेशि गोवंश के पंचगव्य से कैंसर रोगियों की निशुल्क चिकित्सा की जाती है. अब तक लगभग १००० रोगी ठीक हो चुके हैं. शायद और रोगियों की जीवन रक्शा हो सके. फोन न. है—- ०२६३२-२६८०८० (कार्यालय), मो. ०९४२७२-६६०९४, डा.किरीट भाई.
    स्मर्णीय है कि रेडिएशन, कीमोथिरेपी तथा ओपरेशन के बाद कैसर रोग अधिक जटिल व असाध्य हो जाता है. अतः अधिक अछा है कि इन सब से पहले वहां जायें. ऊपर की पिछ्ली टिप्पणियों में वहां का पूरा का पूरा पता दिया हुआ है.

  45. डाक्टर राजेश कपूर के नींबू वाले प्रयोग के बारे में अनुभव तो नहीं है ,पर यह अनुभव अवश्य है कि नींबू और आवंला के नियमित प्रयोग से सर्दी,खाँसी और अन्य मौसमी बीमारियों से छुटकारा अवश्य पाया जा सकता है।।यह बात मैं अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर कह रहा हूँ।

  46. परम आत्मीय धर्मवीर जी,
    बहुत पीडा है इस बात की कि चाह कर भी हम आपके लिये कुछ न कर सके. ईशवर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को सामर्थ्य प्रदान करे कि वे इस वियोग को सहन कर सकें. अभी तक गुजरात के चिकित्सालय के नये फोन न. नहीं मिल सके. यही नीयती रही होगी.
    आपकी पीडा में द्रवित ह्रिदय से सहभागी आपका अपना,
    – रजेश कपूर.

    • डॉ साहब आपके हम सदैव आभारी रहेंगे – शायद हम आपसे बहुत देर के बाद संपर्क में आये – वैसे भी नियति को ये ही मंजूर होगा – आपकी संवेदना हमको सार्थक जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं – एक पहिये की गाडी = साइकल चलाना हमको सीखना ही होगा – जिम्मेदारी जो अब दुगनी हो चुकी है को भरसक निभाने के प्रयास करेंगे – आपका हार्दिक आभार – प्रणाम !!

      • परम आत्मीय बन्धु,
        म्रित्यु ध्रुव सत्य है, यह हन सब जानते हैं. एक अनवरत यात्रा है और इस बंधन से छूटने का एकमात्र उपाय आत्म तत्त्व का साक्षात्कार है. जिस अर्धांगिनी के साथ जीवन का अधिकांश भाग बीता, उसके प्रति लगाव एक स्वाभाविक बात है और उनके विछोह की पीडा भी स्वाभाविक है. किन्तु जीवन का सत्य तो इन सब के पार है. हम सब को अपनी-अपनी भूमिका अछी से अछी तरह निभानी है और फिर अगली यात्रा पर निकल जाना है. पता नहीं कितने करोड वर्ष ( शायद इस युग में १ अरब, ९७ करोड वर्ष ) से यह चल रहा है. इस चक्र से वे ही छूटे जो अष्टावक्र व जनक की तरह आत्म ज्ञान को प्राप्त हो गये. अपनी सीमित समझ के कारण हम ‘उसके’ खेल को नहीं समझ पाते. जब ‘वह’ सज्जनों और भक्तों को असहनीय पीडा व कष्ट देता है तो उसके पीछे भी कोई हेतु जरूर होता है. क्रिपया धैर्य से ‘उसीका’ स्मरण करते हुए प्रेतीक्षा करें, वियोग की इस पीडा से मुक्ती का मार्ग और वह रास्ता सूझेगा, जिसपर नीयती ने आपको ले जाना है. सम्भव है कि अब उस परम सत्ता ने आपसे कोई विशेष कार्य करवाना हो. ऐसे अनेक प्रसंग देखने का अवसर जीवन में मिला है. अतः हे मित्र ”उसके” अर्पित होकर, अर्धांगिनी की परलोक यात्रा के सुकर होने की प्रार्थना करते रहें. और आगामी जीवन की दिशा के संकेत मिलने की प्रतीक्षा करें, विश्वास रखें, जल्द ही भावी जीवन का कार्य स्पष्ट होने लगेगा.यह जीवन स्वयम के भौतिक स्वार्थों की सिद्धी के लिये तो निश्चित रूप से नहीं मिला है. हर जीवन का कोई श्रेष्ठ उद्देश्य जरूर है. समर्पण भाव से वह नजर आयेगा, इसमें आस्था रखें.
        नहीं जानता कि आपके प्रति इतनी आत्मीयता क्यों अनुभव कर रहा हूं. कोई तो कारण होगा. अस्तु………………..
        सादर, सप्रेम आपका अपना,
        – राजेश कपूर.

        • परम आदरणीय डॉ साहब आपके उपरोक्त अनुकरणीय विचार जान कर हमको आपके प्रति अपार अपनत्व सहित अपर हर्ष हो रहा है सौभाग्य से हम उसी राह के पथिक हैं जिस पथ पर चलने के लिए आप हमको प्रेरित कर रहे हैं – स्वयं को अनुभूत कर ईश्वरत्व को जानना और जनम मरण के चक्कर से बाहर जा कर अपने मूल से योग ही हमारे जीवन का लक्ष्य है – भोगो ना भागो को अपनाते हुए जनक समान जीते जी विदेह हो जाना ये ही हमारी और शायद प्रभु इक्षा भी है – पता ना क्यों पत्नी के विछोह का मन में कोइ कलेष शेष नहीं है – बस एक ही आशा है जीते जी जीवन में गीता सार्थक हो जाए – आपका सन्देश मार्गदर्शक है निश्चित ही आप हमारे गुरु समान हैं – वन्दनीय हैं – श्री चरणों में नमन स्वीकारें !!

          • सत्यान्वेषण की राह का एक अल्पज्ञ पथिक हूं. अतः मेरे प्रति किसी भ्रम में न रहें. आप सत्यान्वेष्ण के मार्ग पर अग्रसर हैं, यह बडी प्रसन्नता की बात है. मेरी शुभ कामनायें !

  47. पत्नी की आँखों में पीलापन है तो प्रतिदिन प्रातः एक चम्मच बड़ी हरड का चूर्ण और एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर खाली पेट देना शुरू करें. उससे १-२ दस्त होकर विकार बाहर निकल जायेंगे और पीलिया की संभावना समाप्त होजायेगी. पीलिया हो जाने पर भी यही इलाज उत्तम परिणाम देता है. जब भी आवश्यकता समझे, संपर्क करें. शुभकामनाएं.

  48. मान्यवर हम १५ अक्टूबर २०११ से राजीव गाँधी केंसर इंस्टिट्यूट एड रिसर्च सेंटर, रोहिणी, दिल्ली से अपनी पत्नी के गौल बिलेडर केंसर का इलाज आपरेशन के बाद कीमो थेरेपी के माध्यम से करा रहे थे – पहले छः साईकल कीमो के बाद जो रिपोर्ट आई उसमे लीवर में फिर से बीमारी फ़ैल गयी तो डॉ. विनीत तलवार ने फिर से छ साईकल कीमो देने का निर्णय किया और पूरे होने पर जो रिपोर्ट आई उसमें बीमारी बहुत कम हुई – उसके बाद और छः साईकल कीमो के देने निर्धारित किये गए परन्तु दो साईकल पूरे होते ही पत्नी के पेट में और ज्यादा दर्द रहने लगा – किसी तरहा पांच साईकल पूरे किए और डॉ ने सी टी स्केन करा कर देखा जिसमें बीमारी काफी बढ़ी आई – २४ – ९ – २०१२ को डॉ. ने आगे और इलाज देने से मना कर दिया है और कहा है अब घर पर ही भगवान भरोशे रहकर सिर्फ सेवा करें – निष्कर्ष एलोपैथी से सिर्फ धन और स्वास्थ्य दोनों की बर्बादी हो रही है ऊपर से बहुत सारे साईड़ इफेक्ट होते हैं – आपका ये लेख पढ़ कर हमने कांच के मर्तावान में पानी भरकर उसमें आधे नीबू के तुकडे डाल कर वो ही पानी अपनी पत्नी को पिलाना शुरू कर दिया है साथ ही बाबा रामदेव की केंसर की दवाएं देना भी शुरू कर दिया है – शायद कुछ सुखद परिणाम मिल जाए – प्रभु कृपा बनी रहे – धन्यवाद ! हमने इस महत्वपूर्ण जानकारी को फेसबुक पर भी डाल दिया है !!

    • धर्म वीर जी, आप अपने उपचार की जानकारी अवश्य देते रहें।
      साथ में प्रभुसे हम प्रार्थना करते हैं, कि आप आपकी धर्मपत्नी का उपचार करने में सफल रहें।
      जब जब मुझपर संकट आता है, मैं कर्म योग का आश्रय लेता हूँ।
      कर्मण्येवाधिकारस्ते —ही मुझे जीवन में आश्रय देता है।
      साथ में महाम्रुत्युंजय मन्त्र भी करते रहें।

      • मान्यवर डॉ. साहब पत्नी की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है – आपके बताये अनुसार नीबू का पानी पिलाते हुए महीने भर से भी ज्यादा हो गया है – पत्नी को अब कुछ भी खाया पीया हजम नहीं हो रहा है – दिन रात में कई बार उलटियाँ लगती हैं – लिवर साइड में पसलियों में असहनीय दर्द के साथ साथ कमर दर्द भी बढ़ता जा रहा है – बहुत कमजोरी आ चुकी है परन्तु ना तो पत्नी ने और ना ही हमने हार मानी है – पत्नी में जीने की प्रबल इक्षा शक्ति ही उसे अभी तक ज़िंदा रखे हुए हैं – बाबा रामदेव जी की दवाएं भी कुछ लाभ नहीं कर रहीं हैं – आपके मार्गदर्शन और प्रभु कृपा का ही सहारा है – महा मृतुन्जय मन्त्र का भी जाप शुरू कर देंगे जो अभी तक नहीं किया है – आभार सहित धन्यबाद !!

        • धर्म वीर जी,
          आपकी चिंता व परिस्थिति को मैं समझ रहा हूँ। एक बड़ी समस्या यह है की कैंसर जसे जटिल और गंभीर रोग का इलाज रोगी को प्रत्यक्ष देखे बिना व्यावहारिक नहीं। अनेक भाग्यवान रोगी केवल फोन पर सुन कर या पढ़ कर उपाय करते हैं और ठीक हो जाते हैं। पर जो रोगी ठीक नहीं होते तो या तो रोगी की जीवन शक्ती पूर्ण विषाक्त चिकित्सा के कारण नष्ट हो गयी होती है और या फिर उसके पीछे कोई समझ में न आने वाले कारण होते हैं जो रोगी को प्रत्यक्ष देखे बिना जानना-समझना संभव नहीं हो पाता और उचित दवा बतलाना / उचित चिकित्सा संभव नहीं होता। मेरा सुझाव है कि आप मेरे दिए फोन नंबर पर संपर्क करें और रोगी को वहीँ लेजाकर कुछ दिन(केवल 10 से 20 दिन) चिकित्सा कवाएं। अब तक वे लोग लगभग 1000 कैंसर के रोगियों की चिकित्सा सफलता पूर्वक कर चुके हैं। इनके पास स्वदेशी गोवंश की गोशाला है और वे पंचगव्य से रोगियों की चिकित्सा करते हैं। 8 नर्सें हर समय सेवा के लिए रहती हैं, 4 योग्य आयुर्वेदाचार्यों के निर्देशन में रोगी की निशुल्क चिकित्सा होती है। ।साथ में आये रिश्तेदारों आदि से आवास, भोजन आदि का केवल 1 रु रोज़ लिया जाता है। वहाँ जाने पर रोगी की जीवन रक्षा की आप पूरी आशा कर सकते हैं। ईश्वर पर भरोसा रखकर एक बार आप वहाँ यथाशीग्र चले जाएँ। वहाँ का पता आदि विवरण ये है :
          # सेठ रसिक भाई माणकचंद जी धारीवाल कैंसर हॉस्पिटल, गिरी विहार, संकुल नेशनल हाईवे नम्बर -8, बगल धारा, जिला बलसाड (गुजरात), पिन- 396375,, फोन:02629-268080, मोबाईल : 018230-16860, श्री केशरी चंद मेहता जी। यह स्थान बलसाड से 16 की.मी. की दूरी पर है।
          शुभाकांक्षी।

          • उचित परामर्श के लिए आपका बहुत बहुत अभिनन्दन वंदन आभार डॉ. साहब – हम दीवाली के बाद वहाँ जाने की व्यस्था करते हैं – हमारे प्रति आपके स्नेह से हम अभिभूत हैं – कल रात हमने आपकी नेक सलाह मानकर महा मृतुन्जय मन्त्र का कई घंटे जाप किया था – वैसे तो भगवान शिव में हमारी बहुत श्रद्धा है परन्तु जबसे होश संभाला है तभी से हम किसी मंदिर में पूजा पाठ आदि करने नहीं जाते हैं और ये सब एक औपचारिकता सी लगती है हमको – मगर कल रात सपने में हम पत्नी के साथ दिल्ली में कहीं पैदल ही चले जा रहे थे तो रस्ते में एक मंदिर नजर आया जहाँ केई लोग पूजा अर्चना करने जा रहे थे हम दोनों भी उस मंदिर के दरवाजे पर पहुंचे और पूजा पाठ में श्रद्धा ना होने के कारण वापिस लौट पड़े परन्तु मंदिर के अन्दर भववान शिव की नीले रंग की आदमकद मूर्ती खडी देखी जिसके समक्ष मंदिर के बहार से ही हाथ जोड़कर हम लौट आये – शायद ये महा मृतुन्जय मन्त्र के जाप से ही संभव हुआ है – आपके मार्गदर्शन और शिव कृपा से अवश्य ही हमारी पत्नी फिर से स्वस्थ हो जाएगी – पत्नी की आँखों में अब पीलापन भी नजर आने लगा है शायद पीलिया के लक्षण शुरू हो चुके हैं !!

          • महा मृत्युंजय मन्त्र आप कुछ सुनाई दे इतने उच्च स्वर के साथ नाभि तक के अंगों को क्रियान्वित करके करें. कुछ प्रयोगों में सिद्ध हुआ है, कि इससे चार-पांच प्रकार की तरंगे उठकर सहायता करती हैं. शुभेच्छा.
            उत्तर देने का कष्ट ना करें.

          • डॉ साहब आपके बताये , फोन:02629-268080, मोबाईल : 018230-16860 नंबर पर संपर्क नहीं हो पा रहा है – दोनों नंबर गलत हैं डायाल करने पर नंबर गलत है सन्देश सुनाई देता है – कृपया कोइ और नंबर हो तो बनाने की कृपा करें !!

        • Dharmvir Sharma जी आप मेरे मोबाइल नंबर +919896249949 पर संपर्क करें .मुझे पूरा विश्वास है की मै आपकी परेशानी को हल करने में जरुर सहायता कर सकूँगा .संजय कुमार .

          • डॉ मधुसूदन जी एवं श्री संजय कुमार जी आपकी शुभ संवेदना के लिए हम आभारी हैं – दीवाली के दिन दिनमें 11 बजे हमारी जीवन संगनी असहनीय पीड़ा से मुक्त हो मृत्यु उपरांत की जीवन यात्रा पर निकल हमारी दृष्ठि से सदां सर्वदा के लिए ओझल हो चुकी हैं !!

  49. अनेक मित्रों ने मिट्टी के पात्र में निम्बू वाला यह पानी बना कर पीना शुरू कर दिया है. फेसबुक पर भी इसे श्रीमती सुनीता धीमान ने डाल दिया है जिसके कारण इसकी पठनीयता बढ़ गयी है. इस अमूल्य जानकारी को अधिक से अधि फैलाने में हम सबको हाथ बटाना चाहिए. लाखों लोग कैंसर से पीड़ित होकर इलाज पर करोड़ों रुपया नष्ट कर रहे हैं. दुखद पक्ष यह है कि……………………… # आधुनिक चकित्सा करवाने पर आजीवन कैसर का इलाज करवाना पड़ता है.
    # इस इलाज से आयु घाट जाती है …
    # इलाज के प्रभाव से मृत्यु बड़ी वेदना के साथ होती है……..
    # कैंसर का एलोपैथिक इलाज करवाने से म्रत्यु इसी रोग से होती है, चाहे कितना भी इलाज करवाए. ठीक होकर पुनः यही रोग होता रहता है. इसका अर्थ यह हुआ कि आधुनिक चिकित्सा से केवल लक्षण दबते हैं, रोग जड़ से नहीं जाता.
    ** इसके विपरीत प्राकृतिक, आयुर्वैदिक, योग-प्राणायाम, होम्योपैथिक आदि चिकित्सा से ठीक होने वालों का रोग जड़ से जाता है. यदि किसी कारण पूरे ठीक न भी हों तो उनकी आयु एलोपैथिक दवा लेने वालों की तुलना में अधिक होती है. अंत समय में बिना कष्ट के प्राण निकलते हैं. डा. मनु कोठारी और डा. लोपा मेहता ने अनेक वर्षों के अध्ययन के बाद इस पर एक प्रमाणिक पुस्तक लिखी है. …………### अतः अंत में पुनः निवेदन है कि कैंसर रोग से रक्षा करने वाले निम्बू जल के इस प्रयोग की अमूल्य जानकारी को अधिकतम लोगों तक पहुँचाने में सहयोग करें , धन्यवाद !

    • सर जी मेरी जीभ पर घाव हो गया था मैं जहाँ भी दिखाने गया सब dr
      ने बायोप्सी के लिये कहा पर मैने लोहा नही लगवाया और कानपुर मे एक आयुर्वेदिक dr से इलाज करवाना शुरु किया पर 3 महीने मे भी उस से कोई लाभ नही मिला और बहुत पैसा भी ले लिया अब मैं धर्मशाला हिमंचल मे इलाज करवा रहा हूं लगभग दो महीने होने जा रहे है वो हर्बल ट्रीटमेंट करते है पर मेरे सर मे बहुत दर्द रहता है और मेरा वजन भी कम होता जा रहा है जीभ की वजह से ना बात कर पाता हूं और ना कुछ खा पाता हूं मेरी उम्र तीस साल है सर जी कुछ मार्गदर्शन करे आपकी महान दया होगी

  50. – प्रो. मधुसुदन जी आप सरीखे अग्रजों का प्रभाव लगता है. बांटने का सुख कितना मधुर है, यह तो आप जानते ही हैं, शायद यह सुख-स्वार्थ भी मेरे इस कर्म का कारण है.
    – अनिल जी न तो निम्बू दुर्लभ है और न पानी. फिर फ्रिज में रख कर इसे ‘सीऍफ़सी’ युक्त विषाक्त बनाने की क्या आवश्यकता है. इससे तो ओजोन के परत तक नष्ट हो रही है. क्या आवश्यकता है ऐसा करने की. १०-१५ ली का मिटटी का पात्र लें और उसमें ३-४ कटले निम्बू के डाल कर पानी का प्रयोग करें. घर, दफ्तर, स्कुल आदि हर स्थान पर इसकी व्यवस्था सरलता से की जा सकती है.

  51. प्रयोग कीजिए|
    केंसर अंग के सड़ने का ही नाम नाम है| जब सडन पूरी फैल जाती है, तो काटकर शल्य चिकित्सा (सर्जरी) होती है|
    प्रयोग====>
    (१) एक सड़ते हुए फल (आम, सेब, या अमरुद, केला इत्यादि ) को ३ टुकड़ों में काटकर, ३ अलग कटोरियों में रखें|
    (२) एक को सादे पानी में डूबा दीजिए,
    (३) दुसरे को निम्बू पानी में,
    (४) तीसरे को खुला छोड़ दीजिए|
    (५)रोज देखकर नोट करते रहिए|
    (६) और यहां टिपण्णी दीजिए| क्या परिणाम निकला|
    (७) कौनसा टुकड़ा पहले सडा, कौनसा अन्तमें?
    अंग का सड़ना ही कैंसर समझा जाता है|
    टिपण्णी अवश्य दीजिए| अलग अलग पाठक टिपण्णी दें| सभीको लाभ होगा|

  52. कमाल का लेख है. इसका प्रचार अधिक से अधिक होना चाहिए. शायद हज़ारों की जीवन रक्षा हो सके , करोड़ों रुपये की बचत हो सके.

  53. संसार में एक डॉक्टर ऐसा भी है, जो इतना सस्ता इलाज बताएं।
    कहावत है, कि घोडा घास से मित्रता करेगा, तो खाएगा क्या?
    राजेश जी आप के लिए चरक(?) की आचार संहिता, जिसमें वे लिखते हैं, कि डॉकटर/वैद्य सेवाव्रती हो, आय की चिंता किए बिना ही सेवा करे—-लागु पडती है।
    यहां तो उलटा माना जाता है।
    कि कोई वस्तु निःशुल्क दोगे, तो लोग उसमें विश्वास नहीं करेंगे।
    समय लेकर पढकर व्यवहार में लाने जैसा आलेख।
    अत्यन्त उपयोगी लेख के लिए धन्यवाद।

  54. डॉ. साहब, क्या इस नीबू के कतरे वाले पानी को फ्रिज में भी रख कर प्रयोग कर सकते हैं?

    • क्लोरिन, फ्लोरिन, कार्बन डायऔकसाईड वर्ग की अनेक विषाक्त गैसें ओजोन परत को तबाह करती हैं. फ्रिज में से ये सब घातक गैसें निकलती हैं. निरोग रहकर लम्बी आयु तक जीना हो तो रेफ्रिजिरेटर से यथासंभव बचें.

      • मेरे पापा को लिवर कैसर है क्या इसका इजाजत संभव है

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