माँ की ममता का कोई मोल नहीं |

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माँ की ममता का कोई मोल नहीं |
उसके प्यार की कोई तोल नहीं ||

माँ की बिन है ये जिन्दगी कोरी |
उसकी है सबसे मीठी सुंदर लोरी ||

माँ के बिन कोई जन्म नहीं ले सकता |
उसके ऋण को कभी नहीं चुका सकता ||

माँ का स्थान कोई नही ले सकता |
उसका पूरक कोई नहीं हो सकता ||

माँ में केवल माँ की ही ममता है |
इसकी और किसी में न क्षमता है ||

माँ मरने के बाद भी याद आती है |
कष्ट होता है उसकी याद आती है ||

माँ पुकारने में मुहं सबका खुलता है |
बाप पुकारने में मुहं सबका बंद होता है ||

माँ सबसे पहला स्थाई रिश्ता है |
जो जन्म और मृत्यु तक रहता है ||

आर के रस्तोगी

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जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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