विश्ववार्ता

दुनियां को पाक अधिकृत कश्मीर से अवगत कराये भारत

आर.एल.फ्रांसिस

पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में व्यवस्था के विरुद्ध उठते विद्रोह के बीच पाकिस्तान बड़े ही गुपचुप तरीके से वहां के सामरिक क्षेत्र गिलगित-बालिटस्तान का नियंत्रण चीन को सौंप रहा है। और इस क्षेत्र में चीन अपने सैनिकों की तैनाती कर रहा है। सामरिक दृषिट से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने और खाड़ी देशों से संपर्क के लिए सड़कों और रेललाइन तक का निमार्ण कर रहा है। भारत को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर-गिलगित-बालिटस्तान को बचाने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। यह विचार उतरी अमेरिका और यूरोप के जाने माने राजनीतिक कार्यकर्ता मुमताज खान और सनेज हसन ने इंडिया फाउडेशन द्वारा दिल्ली में आयोजित एक अतंरराष्ट्रीय सम्मेंलन पाक अधिकृत कश्मीर और उतरी क्षेत्र में वर्तमान सिथति और आगे का रास्ता पर चर्चा के दौरान कहे।

सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पूर्व विदेश मंत्री और वरिष्ट भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि भारत को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाक अधिकृत कश्मीर का मामला उठाना चाहिए, सिन्हा ने कहा कि दुनिया पाक कब्जे वाले कश्मीर के बारे में बहुत कम जानकारी रखती है और हमें वहां के लोगों पर चल रहे दमन चक्र के बारे में दुनियां को अवगत करवाना चाहिए।

कश्मीरियों के प्रति पाकिस्तान के दिखावे का जिक्र करते हुए हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर को स्वतंत्र बताता है लेकिन वहां के प्रधानमंत्री को एक सचिव से मिलने के लिए भी अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। गिलगित और बालिटस्तान में लोकतांत्रिक अधिकारों और स्वायत्तता की मांग को लेकर शिया मुसलमानों के आंदोलन को बर्बरता से कुचला गया। सुन्नी जेहादी संगठन पाक सेना के साथ मिलकर उन्हें आतंकित कर रहे है। उनका कसूर सिर्फ इतना है कि वह पूरे राजनीतिक अधिकारों की मांग कर रहे है। जबकि मौजूदा समय में निर्वाचित सदन के पास सीमित अधिकार है सारी शक्ति कश्मीर काउंसिल को दे दी गर्इ है जिसे पाकिस्तान का राष्ट्रपति नियुक्त करता है। जबकि भारत में कश्मीरियों को व्यापक अधिकार मिले हुए है और यहा चुनाव भी निष्पक्ष होते है। भारत को पाक अधिकृत कश्मीर की सच्चार्इ दुनियां के सामने लाकर इसे बचाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

सामाजिक कार्यकर्ता विजय क्रांति ने अपने ही देश में शरणार्थी का जीवन जी रहे लाखों लोगों की चर्चा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना, पुलिस और कबायलियों द्वारा मीरपुर, मुज्जफराबाद, भिंबर, कोटली और देव बटाला जैसे शहरों पर पाकिस्तान के कब्जे के कारण पचास हजार भारतीय नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी और लाखों लोग विस्थापित होकर शरणार्थी का जीवन जी रहे है। जिन्हें सरकार शरणार्थी मानने को भी तैयार नही है। क्योंकि वह पाक अधिकृत कश्मीर को भारत का हिस्सा मानती है भारतीय संसद ने भी एकमत से यह माना है। उन्होनें कहा कि सरकार इन विस्थापित लोगों को पुन: उनकी जन्मभूमि दिलाने के प्रयास करे।