मोदी के सपनों की धज्जियां उडाता बीएसएनएल

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bsnl mtnlअरूण पाण्डेय
मोदी सरकार बीएसएनएल को गांव गांव तक फैलाना चाहती है और बांडबैड सूदूर तक फैले इसके लिये उन्होनें उसे रोमिंग फ्री रखा था लेकिन क्षेत्र से अलग हटते ही अभी भी रोमिंग लिखा आ रहा है और चार्ज भी रोमिंग का वसूला जा रहा है। इस बाबत बीएसएनएल के सीएमडी अमित श्रीवास्तव से बात की तो उन्होने मामले को अपने अधीनस्थ कर्मचारी को सौप दिया । उसने मामले को वादी से सुना और ठंडे बस्ते में डाल दिया।वैसेे देखा जाय तो बीएसएनएल व एमटीएनएल में सभी कुछ वैसा ही है जैसा कि पहले चल रहा था,कर्मचारियों का कहना है कि मोदी जी तो एैसे ही बोल देते है, वह काम थोडे ही करेगें, वह तो हमें ही काम करना है।
लाल किला के प्राचीर से प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक नम्बर एक सिम एक राष्ट का वह आज से आगाज कर रहे है और बीएसएनएल के लैंडलाइन व सिम धारको को एक तोहफा दे रहे है कि वह रोमिंग फ्री रहेगें। किन्तु कई महीने बीत जाने के बाद भी इस घोषणा केा लेकर लोग परेशान है क्योंकि पहले बीएसएनएल का टावर काम भी करता था अब नो नेटवर्क बता देता है अपना क्षेत्र पार करते ही रोमिंग का सिगनल भी दिखा देता है और तो और इस बात कस्टमर केयर से बात करने पर कहा जाता है कि अगर रोमिंग में बात करनी है तो 92रूपये का रिचार्ज करना होगा तभी यह सुविधा मिलेगी । यह बात पुराने नही , नये कनेक्शनों पर भी कही जा रही हैं। आखिर क्यों ? रोमिंग के नाम पर दूसरी बात क्यों। जबकि इसके लिये जो राशि मांगी जा रही है वह प्राइवेट कम्पनियों की तुलना में दो गुने से ज्यादा है क्या यह समझा जाय कि बीएसएनएल के अधिकारी एक सोची समझी रणनीति के तहत बीएसएनएल को बर्बाद कर रहें हैं।
इस योजना के बारे में जब और गहन जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो इसकी सत्यता जांचने के लिये एक सिम दिनांक 15 अक्टूबर को एनसीआर के अन्तगर्त आने वाले बहादुरगढ से खरीदा गया जिसका नम्बर 9467185280व कैफ नम्बर 308966 था। इस सिम के साथ कुछ अविस्मरणीय बातें हुई जिसके तहत पहले 126 रूप्ये की मांग की , उसके बाद कहा गया कि चार रूपये खुल्ला नही है आप छह रूप्ये लाइये । जब कहा गया कि आप 130 रख लीजिये तो कहा गया किहम फालतू पैसे नही लेते और सिम नही दिया गया। दूसरे दिन शुक्रवार था,उपभोक्ता ने 150 रूपये व छह रूप्ये लेकर गया तो कहा गया कि खुल्ले नही है और फिर बात बनी तो एक सौ पचास रूप्ये देकर सिम लिया तय यह हुआ कि 126 रूप्ये का सिम है और 24 रूप्ये टाक टाइम डाल देगें। यह बात एक दिन पहले भी हो सकती थी किन्तु सिम देने की प्रकिया एक दिन जानबूझ कर लेट कर दिया गया।
इसके बाद बीएसएनएल के कर्मचारियों की कारगुजारियां तो देखिये,नियमानुसार इस सिम को एक दिन में टेली वेरिफिकेशन के जरिये चालू होना था लेकिन तीस धंटे तक बीएसएनएल के टावर में नेटवर्क नही था उसके बाद उपभोक्ता से कहा गया था कि जब टावर आ जाय तो 5107 पर डायल करना लेकिन डायल करने पर बार बार जबाब मिला कि यह सुविधा अभी निलंबित है। शनिवार निकल गया और रविवार आ गया , यह जबाब बदल गया कि आपकी आउंटगोइंग की सुविधा बाड की हुई है। इनकमिंग पर जबाब सुनने को मिलता था कि इनकमिंग की सुविधा उपलब्ध नही है। रविवार का दिन इसी इंतजार में निकल गया कि सिम चालू होगा । इसके बाद सोमवार केा लगभग सात बजे सुबह दूसरे मांगे गये नम्बर पर मैसेज लाया कि आप 5107 पर फोन कर ले। फिर कस्टमर केयर पर बात करने की बात कही गयी । इसके बाद जब 5107 परफोन किया तो सारे कागजात की चेकिंग मौखिक रूप् से की गयी और लगभग दस बजे यह सिम चालू हो पाया। अब सवाल यह उठता है कि जिस बीएसएनएल के सिम में नेटवर्क न हो , सबसे महंगा हो और सबसे देर में चालू होता हो , उस सिम को उपभोक्ता क्या इसलिये लें कि मोदी जी ने कहा है जबकि पूरा का पूरा विभाग उनके बातों को जमींदोज करने में लगा है।
अब बारी एमटीएनएल की दिल्ली संचार हाट से एक सिम प्रीपेड का लिया गया जिसका नम्बर 9013030028 लिया गया उसे उसी दिन चालू कर दिया गया लेकिन जब उसके तीन बाद उसी आईडी से एक सिम पोस्ट पेड का लिया गया जिसका नम्बर 98682520021था।तो पन्द्रह दिन होने के बाद भी उसे चालू नही किया गया । कारण क्या है तो उन्होने बताया कि यह नही हो पायेगा लेकिन क्यो इस पर विभाग मौन है। कई दिनों की मशक्कत के बाद जब सीएमडी एन के यादव से बात की गयी तो उन्होने अधीनस्थ कर्मचारी से बात की और मामले की तह तंक जाने का प्रयास किया, उनसे कहा गया कि कागजात पूरे नही है जबकि जब कस्टमर के पास पहले से एमटीएनएल का प्रीपेड सिम है और अब वह पोस्ट पेड सिम लेना चाहता है तो इतनी मारा मारी क्यों? इस बात पर सीएमडी समेत सभी आला अधिकारी खामोश रहे । जब इस बाबत मंत्री से पूछा गया तो वह सिम जिसे लेकर हीला हवाली चल रही थी उसे आनन फानन में दूसरे ही दिन चालू कर दिया ।
अब सवाल यह उठता है कि टाई के नियमानुसार प्रीपेड व पोस्ट पेड सिम के लिये दस्तावेज संबंधी नियम एक है तो उस पर अपनी कारगुजारी थोपने का मतलब क्या है क्या इस तरह से भारत एक हो पायेगा या सरकारी विभाग मोदी के सपनो ंको पूरा करेगें।

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