प्रभात की नई कार्यकारिणी से मजबूत भाजपा

-डॉ. मयंक चतुर्वेदी

संगठन गढे चलो सुपंथ पर बढे चलो की तर्ज पर अपने वायदे के मुताबिक तय तारीख पर आखिरकार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा ने अपनी नई टीम की घोषणा कर दी। भाजपा की बनी इस नई प्रदेश कार्यकारिणी की विशेषता यह है कि अधिकारों और दायित्व निर्वहन करने के लिए पदों का विकेन्द्रीकरण इतनी योजना और व्यवस्था के साथ किया गया है कि सूबे में कहीं से भी पार्टी के भीतर असंतोष की ज्वाला न भडक सके।

इस नई टीम की घोषणा के साथ प्रभात झा ने यह संकेत सभी को दे दिए कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं किसी के रबड स्टाम्प नहीं। जिसका इस्तेमाल लोग अपने हितसाधन में कर सकें। उन्होंने अपनी टीम में जिसे चाहा उसे रखा है और जो उनकी ह्ष्टि में खरे न उतरे उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस नई प्रदेश कार्यकारिणी की सूची को देखकर निश्चिततौर पर यही कहना होगा कि एक लम्बे अर्से के बाद मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की ऐसी कार्यकारिणी बनी है जिसमें व्यवस्था और कार्य विभाजन की ह्ष्टि से व्यक्तिसापेक्ष योग्यता के अनुरूप पदों का बटवारा किया गया है। संगठन के लिए कोई एक नहीं सभी महत्वपूर्ण हैं की तर्ज पर बनाई इस प्रदेश कार्यकारिणी से अब उम्मीद की जा सकती है कि वह प्रदेश में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार लाने में सफल होगी।

नई कार्यकारिणी में अनेक खास बिन्दू हैं जो इसे विशेष बनाते हैं। इस कार्यकारिणी में युवा और नए चहरों को पर्याप्त अवसर प्रदान किया गया हैं। पहली बार भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के इतिहास में ऐसा हुआ है कि पदाधिकारियों की सूची में आठ महिलाओं को सम्मिलित कर उन्हें महत्वपूर्ण पद सौंपे गए। निश्चित ही 102 सदस्यीय कार्यकारिणी में प्रमुख 25 पदाधिकरियों में आठ महिलाओं का शामिल होना यह दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी ने जो वायदा देश की जनता के सामने 33 प्रतिशत महिला आरक्षण के संदर्भ में किया वह उसे अमल में लाने के लिए पूरी तरह संकल्पित है।

जातिगत समीकरण बैठाने के हिसाब से भी प्रभात झा की यह कार्यकारिणी सफल कही जा सकती है। इसके प्रमुख पदाधिकारियों में सात बाह्मण, छ: पिछडा वर्ग, पाँच क्षत्रीय, व पाँच अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने बडी सूझ-बूझ के साथ आगे आवश्यकतानुसार पदाधिकारियों का स्थान सुनिश्चित किया जा सके इसके लिए तीन स्थान एक उपाध्यक्ष एक महामंत्री और एक मंत्री का खाली पद रख छोडा है। अब जिसकी घोषणा इसी माह के अंत तक करने की बात कही जा रही है। प्रभात झा ने बडे ही व्यवस्थित ढंग से कार्यकारिणी में प्रदेश के सभी संभागों व जिलों के कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व संभव हो ऐसा समन्वय बनाया है। उन्होंने सन्तुलन के हिसाब से सूबे के सभी जिला प्रतिनिधित्वों को अपनी कार्यकारिणी में स्थान दिया है। ”ना किसी को ज्यादा न किसी को कम”। श्री झा को इस सफल कियान्वयन से भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। कार्यकारिणी की घोषणा होने के बाद प्राय: सभी का यही सामुहिक मत बना है कि योग्यता और क्षमता के अनुरूप ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस नई कार्यकारिणी में अपना स्थान बनाया है।

नई कार्यकारिणी की घोषणा के बाद प्रभात झा ने जो बात सामूहिक रूप से कही, वह इस कार्यकारिणी के सम्बन्ध में ठीक लगती है। उनका कहना है कि उनकी इस टीम में ऊर्जा और अनुभव का बेहतर समन्वय है। उनके द्वारा अनुभवी लोगों को प्रदेश टीम में स्थान देने के साथ सामाजिक सन्तुलन बनाने का प्रयास किया गया है। कई पुराने पदाधिकारियों को अपनी नई टीम में शामिल न करने के पीछे श्री झा का तर्क था कि प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा उनके अकेले का नहीं बल्कि सामुहिक निर्णय है। कार्यसमिति की संख्‍या सीमित होती है। सीमित संख्‍या में सभी को शामिल करना संभव नहीं। फिर पार्टी के संविधान के अनुसार पुरानी कार्यसमिति में से पच्चीस प्रतिशत को बदलना अनिवार्य था।

श्री झा के इस तर्क ने उन सभी का मुँह बंद कर दिया है जो यह संदेश देना चाह रहे थे कि उन्होंने पुराने पदाधिकारियों की पूरी तरह चिंता नहीं की। पुराने पदाधिकारियों में विजेन्द्र सिंह सिसोदिया, फग्गन सिंह कुलस्ते, चंद्रमणि त्रिपाठी, रामोराम गुप्ता और श्रीमती सुधा जैन को विशेष: दायित्व मुक्त किया गया है। हालांकि इनमें कुलस्ते, त्रिपाठी और सिसोदिया को नई कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है किन्तु कार्यकारिणी सदस्य के रूप में। जिसे लेकर हाल-फिलहाल उनके समर्थक नहीं पचा पा रहे हैं, लेकिन वक्त के साथ आगे यह भी तय हो जाएगा कि तात्कालीन परिस्थितियों में लिया गया यह निर्णय समय बीतने के साथ कितना सार्थक सिद्ध हुआ है।

फग्गन सिंह कुलस्ते को मुख्‍य पदाधिकारियों में स्थान न देकर श्री झा ने इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि भाजपा जैसी केडर बेस पार्टी में व्यक्ति सापेक्ष नहीं बल्कि संगठन सापेक्ष कार्यप्रणाली है। इसलिए यहाँ व्यक्ति का नहीं पार्टी का निर्णय सबसे अहम है। संगठन से बडकर कोई नहीं। वस्तुत: प्रभात झा की इस नई टीम से उम्मीद की जा सकती है कि यह प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की तीसरी बार सरकार बनाने में आवश्य सफल होगी।

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मयंक चतुर्वेदी
मयंक चतुर्वेदी मूलत: ग्वालियर, म.प्र. में जन्में ओर वहीं से इन्होंने पत्रकारिता की विधिवत शुरूआत दैनिक जागरण से की। 11 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय मयंक चतुर्वेदी ने जीवाजी विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के साथ हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर, एम.फिल तथा पी-एच.डी. तक अध्ययन किया है। कुछ समय शासकीय महाविद्यालय में हिन्दी विषय के सहायक प्राध्यापक भी रहे, साथ ही सिविल सेवा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को भी मार्गदर्शन प्रदान किया। राष्ट्रवादी सोच रखने वाले मयंक चतुर्वेदी पांचजन्य जैसे राष्ट्रीय साप्ताहिक, दैनिक स्वदेश से भी जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय मुद्दों पर लिखना ही इनकी फितरत है। सम्प्रति : मयंक चतुर्वेदी हिन्दुस्थान समाचार, बहुभाषी न्यूज एजेंसी के मध्यप्रदेश ब्यूरो प्रमुख हैं।

2 COMMENTS

  1. प्रभात जी वास्तव मैं अच्छा काम कर रहें हैं परन्तु कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहाँ विधायकों का वन मेन शो चल रहा है . पुराने कार्यकर्ताओं को कुंठित जीवन बिताना पड़ रहा है . मेहनती कार्यकर्ताओं की कोई पूछ नहीं हैं बस चापलूसों की भरमार है . जो विधायकों का खास है वही बीजेपी का सदस्य है ,जो उनकी जी हजूरी करता है वही पार्टी का पदाधिकारी बन सकता है . प्रभात जी समझदार हैं , इशारा ही काफी है . जय माई की. शैलेन्द्र सक्सेना “सर” गंज बासोदा.म.प. ०९८२७२४९९६४.

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