उन्नत, उज्ज्वल, भारतखण्ड |
सकल-समन्वित,श्रमशुचिताम, शीर्ष-सुशोभित,श्रंग-शताम |
विरल-वनस्पति, विश्रुतवैभव, पावन,पुण्य-प्रसून,शिवाम |
हरित-हिमालय, हिमनद-खण्ड |
उन्नत, उज्ज्वल, भारतखण्ड |
नासिक्, मथुरा, पंच-प्रयाग् ,भक्ति-भरित,भव-भूमिप्रभाग |
सोमनाथ, श्रीनगर, सांईजी, कन्या – अन्तरीप संभाग |
धीर, धवल-ध्वज, धराप्रखण्ड |
उन्नत, उज्ज्वल, भारतखण्ड |
सर्व-सुलभ, श्रुत-श्रेष्ठ विहार, केरल, कर्नाटक, हरिद्वार |
परम-प्रतिष्ठित, चतुष्धाम्-मय, द्वादश- ज्योर्तिलिंग, प्रसार |
तपोनिष्ठ ,तपभूमि , प्रचण्ड |
उन्नत, उज्ज्वल, भारतखण्ड
शौर्य, सत्य, शुचिता-संवास ,सर्वधर्म, समुदाय समास |
पावन-प्रेम, परस्पर-पूरित, मूल सहित,श्रमशील प्रवास |
भ्रातृभाव, भवभक्ति अखण्ड |
उन्नत, उज्ज्वल, भारतखण्ड |
Very good.
Much appreciated.
vande bharat mataram.
Shri
आप सरीखे विद्वान् का आशीर्वाद मेरे लिए एक सम्मान है | प्रयास सफल हुआ मेरे लिए यही सवसे बड़ी उपलब्धी है | आशा है आप स्नेह बनाए रखेगे |