व्यंग्य

केजरी का मुखरक्षक … मफलर

एल आर गांधी

हे राम …. अच्छा हुआ यह दिन देखने को आज बापू नहीं हैं ….गांधी टोपी धारी माडरन गांधी वादियों की ऐसी धुनाई … हे राम

kejriआज राजधानी के ‘अमन’ विहार के आम टैम्पो चालक ‘लाली ‘ ने केज़रीवाल जी

का मुंह नीला कर दिया … आँख पर चोट आयी … टैम्पो चालक ने आरोप लगाया

कि केजरी ने वादे पूरे नहीं किये … और हमें मझधार में छोड़ भाग खड़ा

हुआ … इतने कम समय में इतने ‘चांटे’ खाने का किसी राजनेता का यह अपना

रोकार्ड रहेगा ….

केजरीवाल जी राखी बिड़ला का रोड शो बीच में छोड़ छाड़ कर ‘बापू के मज़ार ‘ पर

जा बैठे … घंटा भर बापू से मौन वार्ताप्रलाप किया … बापू आज तेरे नाम

पर ‘राजपाठ ‘ पर काबिज़ ये सफेद पॉश तेरी किसी ‘नसीहत को नहीं मानते …

यहाँ तक कि तेरी दी हुई टोपी भी उतार फेंकी … मैंने तेरी टोपी पहनी और

पहनाई भी … आप ने अपने हाथ में झाड़ू ले कर ‘मैला ‘ साफ़ किया और हमने

उसी झाड़ू को अपना चुनाव चिन्ह बना कर सिर पर धारण कर लिया …

तेरे बताए अहिंसा के मार्ग पर चले … बापू आपने एक बार कहा था ‘यदि कोई

एक चांटा मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो … बापू आपने यह तो बताया ही नहीं

जब दुसरे के बाद … ३रा ,४था … और गाल पर आपकी ही बनाई पार्टी का ‘चुनाव

चिन्ह’ छप जाए … गाल सूज कर दुखने लगे … तो आम आदमी क्या करे …

मज़ार से एक ‘खामोश’ आवाज़ आयी . मूर्ख … मफलर मेरे से पूछ कर उतारा था…….