मेरी माटी, मेरा देश : अमृतकाल से आजादी की शताब्दी की ओर 

0
160

मनोज कुमार

9 अगस्त से आरंभ हो रहे इस ‘मेरा माटी, मेरा देश’ अभिनव उत्सव अमृतकाल के समापन की बेला नहीं है बल्कि यह आजादी की शताब्दी की ओर बढ़ते जाने का शुभ संकेत है. इस अभियान का उद्देश्य उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों और वीरों का सम्मान करना है, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया. इसके तहत वीर सेनानियों की याद में देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायतों में वीर सेनानियों की याद में एक स्मारक का निर्माण होगा, जिसे ‘शिलाफलकम्’ नाम दिया गया है. इस पर उस क्षेत्र के सभी सेनानियों के नाम दर्ज किए जाएंगे.  

आजादी का अमृत महोत्सव यानी आज़ादी की ऊर्जा का अमृत, स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत, नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृत। इसीलिए, यह महोत्सव राष्ट्र के जागरण का महोत्सव है। ये महोत्सव, सुराज्य के सपने को पूरा करने का महोत्सव है। ये महोत्सव, वैश्विक शांति का, विकास का महोत्सव है। मेरी माटी, मेरा देश आयोजन का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों और शहीदों को याद करना है, प्रधानमंत्री के ‘पंच प्राण’ पर जनता को जागरूक करके अमृत काल के लिए तैयार करना है, इस अभियान से 75 हजार से अधिक युवाओं को जोडऩा है, सकारात्मकता, देशभक्ति, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के प्रति कृतज्ञता के उत्सव का यह माहौल देश की युवा आबादी को अमृत काल के दौरान अपनी युवा शक्ति को जगतगुरु के रूप में ‘इंडिया-2047’ की दिशा में निर्देशित करने के लिए ‘पंच प्राण’ की शपथ लेने के लिए प्रेरित करेगा।

उल्लेखनीय है कि स्वाधीनता संग्राम का अमृतकाल 12 मार्च, 2021 से आरंभ हुआ था. इस वर्ष 15 अगस्त, 2023 को अमृतकाल उत्सव का समापन हो रहा है. अमृतकाल को एक नवीन स्वरूप देते हुए ‘मेरा माटी, मेरा देश’ शीर्षक से देशव्यापी अभियान केन्द्र सरकार आरंभ करने जा रही है. देशभर की पंचायतों की मिट्टी से दिल्ली के कर्तव्य पथ पर ‘अमृत वाटिका’ बनेगी। देशभर की मिट्टी के कलश 27 अगस्त को कर्तव्य पथ पर पहुंचेंगे। उसके बाद कर्तव्य पथ पर ‘अमृत वाटिका’ बनेगी। यह स्वतंत्रता, एकता और अखड़ता में योगदान देने वाले नायकों को समर्पित ‘आजादी का अमृत महोत्सव स्मारक’ होगा। 

9 से 30 अगस्त तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत सभी पंचायतों और ब्लॉक स्तर पर ‘मेरी माटी -मेरा देश’ थीम पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनका समापन दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होगा। इसके अलावा गांवों में तालाबों के संरक्षण के मकसद से उनके किनारे देश व कर्तव्य के लिए जान देने वाले शहीदों के नाम पर स्मारक भी बनाए जाएंगे। इस दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रम में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों के अपने कर्तव्य पालन के पंच प्रण का आह्वान किया जाएगा। इसके अलावा अपने गांव, पंचायत और क्षेत्र और धरती को बचाने के लिए 75 स्वदेशी पौधे लगाये जाएंगे।

‘मेरी माटी -मेरा देश’ थीम पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा. जो जीवित नहीं हैं उनके परिजनों को सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा सेना और पैरा मिलिट्री से जुड़े लोगों को सम्मानित करने का भी कार्यक्रम है. इसके साथ ही उनका नाम शिलापट्ट पर लिखकर गांव में अमृत सरोवर के तट पर या ग्राम पंचायत भवन व स्कूल में लगाया जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक गांव में 75 पौधे लगाने का कार्यक्रम भी किया जाएगा. 16 अगस्त से 25 अगस्त तक शहरी क्षेत्रों में यह कार्यक्रम चलाये जायेंगे. इनमें स्वयंसेवक ब्लॉक स्तर पर जाकर गांव-गांव से मिट्टी एकत्रित करेंगे. जिसे 25 अगस्त तक एक निश्चित स्थान पर लाया जाएगा.

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हम सभी पूरे उत्साह से ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं। ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान देश में करीब-करीब दो लाख कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। ये कार्यक्रम एक से बढक़र एक रंगों से सजे थे, विविधता से भरे थे। इन आयोजनों की एक खूबसूरती ये भी रही कि इनमें रेकॉर्ड संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया। पीएम ने कहा कि आज जब देश में, चारों तरफ ‘अमृत महोत्सव’ की गूंज है, 15 अगस्त पास ही है तो देश में एक और बड़े अभियान की शुरुआत होने जा रही है। शहीद वीर-वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू होगा। ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान में हिस्सा लेकर हम इन ‘पंच प्राणों’ को पूरा करने की शपथ भी लेंगे। 

पीएम ने कहा कि मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत देशभर में अमृत कलश यात्रा भी निकाली जाएगी। देश के गांव-गांव से कोने-कोने से 7500 कलशों में मिट्टी लेकर ये यात्रा देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेगी। यात्रा देश के अलग-अलग हिस्सों से पौधे भी लेकर आएगी। 7500 कलशों में आई माटी और पौधों से मिलाकर नेशनल वॉर मैमोरियल के समीप अमृत वाटिका का निर्माण किया जाएगा। जैसे पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए पूरा देश एक साथ आया था, वैसे ही हमें इस बार भी फिर से, हर घर तिरंगा फहराना है, और इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाना है। 

उन्होंने कहा कि बारिश का यही समय ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए जरुरी है. आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है। अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल रहा है। हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ ‘जल संरक्षण’ के लिए प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हम न केवल अपनी विरासत को अंगीकार करें, बल्कि, उसे जिम्मेदारी से साथ विश्व के सामने प्रस्तुत भी करें। ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानि कुछ समय बाद महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे। 

आजादी का अमृत महोत्सव अब शताब्दी की ओर है। ‘मेरी माटी मेरा देश’ देश के उन गुमनाम वीर-वीरांगनाओं के पुण्य स्मरण का एक प्रकल्प है। निश्वित रूप से देश की नयी पीढ़ी को अमृतकाल से शताब्दी की ओर ले जाते स्वाधीनता संग्राम के विविध प्रसंग राष्ट्रभक्ति की भावना जगाएंगे. 

Previous articleदिल्ली बिल से लोकतंत्र जीता, आप हारी
Next articleवृद्धाश्रमों का बढ़ता चलन चिंताजनक है
मनोज कुमार
सन् उन्नीस सौ पैंसठ के अक्टूबर माह की सात तारीख को छत्तीसगढ़ के रायपुर में जन्म। शिक्षा रायपुर में। वर्ष 1981 में पत्रकारिता का आरंभ देशबन्धु से जहां वर्ष 1994 तक बने रहे। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से प्रकाशित हिन्दी दैनिक समवेत शिखर मंे सहायक संपादक 1996 तक। इसके बाद स्वतंत्र पत्रकार के रूप में कार्य। वर्ष 2005-06 में मध्यप्रदेश शासन के वन्या प्रकाशन में बच्चों की मासिक पत्रिका समझ झरोखा में मानसेवी संपादक, यहीं देश के पहले जनजातीय समुदाय पर एकाग्र पाक्षिक आलेख सेवा वन्या संदर्भ का संयोजन। माखनलाल पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी पत्रकारिता विवि वर्धा के साथ ही अनेक स्थानों पर लगातार अतिथि व्याख्यान। पत्रकारिता में साक्षात्कार विधा पर साक्षात्कार शीर्षक से पहली किताब मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी द्वारा वर्ष 1995 में पहला संस्करण एवं 2006 में द्वितीय संस्करण। माखनलाल पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से हिन्दी पत्रकारिता शोध परियोजना के अन्तर्गत फेलोशिप और बाद मे पुस्तकाकार में प्रकाशन। हॉल ही में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित आठ सामुदायिक रेडियो के राज्य समन्यक पद से मुक्त.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here