नव सौम्या संवत्सर 2073

नव सौम्या संवत्सर 2073
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नव सौम्या संवत्सर 2073

डा.राधेश्याम द्विवेदी

भारत में चन्द्र कैलेण्डर के हिसाब से हिन्दू वर्ष तथा संवत्सर का आगमन होता है। उत्तर भारत के हिन्दी प्रमुख क्षेत्रों-विशेषकर उत्तर प्रदेश, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, विहार झारखण्ड, जम्बू काश्मीर, पंजाब, दिल्ली तथा छत्तीसगढ़ में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात इस बार 8 अप्रैल 2016 को यह मनाया जा रहा है। चैत्र अमावस के बाद से ही सौम्या नामक संवत्सर का आगमन हो रहा है।

गुजरात में 31 अक्तूबर 2016 को नया संवत शुरू होता है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, और कर्नाटका में शालिवाहन शक 1938  8अप्रैल 2016 को शुरू हो रहा है। हिन्दू घर्म के महान उन्नायक सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने ईसा पूर्व 57 ई. में शक संवत का शुभारम्भ किया था। उसने अपनी जीत की खुशी में इस संवत्सरका शुरूवात किया था। इसके साथ ही साथ उज्जैन आदि चार स्थलों पर कुम्भ मेला का प्रचलन शुरू हुआ था। हिन्दू कैलेन्डर में इसे विक्रम संवत के नाम से जाना जाने लगा। यह चन्द्र सौर कलेन्डर पर आधारित होता है। प्रत्येक नया माह पूर्णिमा के बाद प्रतिपदा से शुरू होता है। इसे पूर्णिमन्ता प्रणाली के रूप में जाना जाता है। अमन्त चन्द्र कैलेन्डर चैत्र माह के साथ शुरू होता है। उत्तर भारत में सभी प्रमुख हिन्दू त्योहार अमन्त चन्द्र कैलेन्डर के आधर पर निर्धारित होते हैं। जहां पूर्णिमन्ता प्रणाली का प्रचलन भी होता है वहां पर्वो व त्योहारों का निर्धारण अमन्त चन्द्र कैलेण्डर के अनुसार ही निर्धारित किया जाता है।

यह घ्यान देने योग्य है कि गुजरात प्रान्त में एक अलग कैलेन्डर प्रणाली का प्रचलन है वहां दिवाली के बाद के दिन से नये साल का शुरूवात होता है। इसे भी विक्रम कैलेन्डर कहा जाता है। वहां 31 अक्तूगर 2016 को कैलेन्डर बदल जाएगा । इसी तरह भारत कैलेन्डर, साका कैलेन्डर के अधिकारी सरकार चै़त्र माह में अपने साल को शुरू करते हैं। जो इस बार 21 या 22 मार्च को पड़ा है।

नव संवत्सर में ग्रहों की चाल: – ग्रहों की चाल जानने के उत्सुक लोगों के लिए अहम खबर है। ग्रहों की सत्ता इस बार शुक्र के हाथ में होगी। दोहरी जिम्मेदारी के रूप में वित्त मंत्रालय भी शुक्र को संभालना होगा। मंत्री का पद बुध के पास आ जाएगा। कानून.व्यवस्था भूमिपुत्र मंगल के जिम्मे होगी। सत्ता के इन चार महत्वपूर्ण पदों में से तीन की जिम्मेदारी सौम्य ग्रहों के पास रहेगी। अभी राजा का पद शनि व मंत्री का जिम्मा मंगल ने संभाल रखा है। नवसंवत्सर से सत्ता में बड़ा बदलाव हो रहा है। ग्रहों के नए मंत्रिमंडल में हर ग्रह की जिम्मेदारी बदल जाएगी। इससे पहले संवत 2069 में शुक्र प्रधानमंत्री बने थे।

ज्योतिषाचार्य पंडित चंद्रमोहन दाधीच के अनुसार 8 अप्रेल को विक्रम संवत 2073 शुरू होगा और नवसंवत्सर के पहले दिन से ही नया मंत्रिमंडल प्रभावी हो जाएगा। हालांकि प्रतिपदा एक दिन पूर्व 7 तारीख से शुरू हो जाएगी लेकिन सूर्योदय के समय प्रतिपदा 8 को रहने से नवसंवत्सर इस दिन से शुरू होगा।

नए मंत्रिमण्डल में सत्ता सौम्य ग्रह के पास होने के साथ सवंत्सर का नाम भी सौम्य ही होगा। इसी के साथ पुराने संवत्सर तिलक की विदाई हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि सौम्य के राज में जनता में भौतिक सुख.सुविधाओं से जीवन यापन करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। इस दौरान सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही में भी वृद्धि देखी जाएगी।

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