ओम जय मोबाइल देवा ,प्रभु जय मोबाइल देवा |
तुम सबकी करते हो प्रभु ,दिन रात हमारी सेवा || ओम जय —
तुम बिन आँख न खुलत है,तुम बिन न होत कलेवा |
इस तरह तुम जन जन की,आठो पहर करत सेवा || ओम जय —
तुम बिन कोई काम न होत जब तक तुम न होवा |
मात-पिता हो तुम मेरे ,पर बच्चो की करत हो सेवा || ओम जय —
तुम बिन चैट न होत है,तुम बिन मित्र नहीं बनते |
हम तो थक जाते है प्रभु,पर तुम कभी नही थकते || ओम जय—
तुम हो मेरे प्राण पिता ,तुमको बिसराऊ अब कैसे |
जब तुम नहीं होते हो ,मै तडफू जल बिन मीन जैसे || ओम जय —
भूल जाते है सब काम जग के,पर तुमको न भूलते |
कृपा करो प्रभु सब पर, हम तो तुम्हरी शरण रहते || ओम जय —
आर के रस्तोगी