घास की रोटी खाकर भी युद्ध को तैयार पाकिस्तान।

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इतिहास गवाह है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ हमेशा दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। और एक अच्छे पड़ोसी देश के रूप में  तमाम कड़वाहटों को भूल कर संबंध अच्छे बनाने की पहल की है ।पंडित नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तथा अटल बिहारी वाजपेई तक सबने अपने-अपने समय में पाकिस्तान के साथ रिश्तो को सुधारने की कोशिश की है मगर पाकिस्तान ने हमेशा से ही भारत के साथ धोखा किया है। है। आजादी से पूर्व मुस्लिम लीग से लेकर वर्तमान पाकिस्तान ने हमेशा ही भारत के साथ विश्वासघात ही किया है यह कड़वाहट और तेज होने लगी है जब से 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से 370 धारा को समाप्त किया है ।पाकिस्तान आग बबूला हो गया है और विश्व स्तर पर वह भारत को बदनाम करने की हरसंभव कोशिश में लगा हुआ है ।यहां तक की गरीबी की हालत से जूझता हुआ पाकिस्तान आज भारत के साथ परमाणु युद्ध करने की धमकी दे रहा है। अटल बिहारी बाजपेई कहां करते थे “हम दोस्त बदल सकते हैं मगर पड़ोसी नहीं “।आजादी से पूर्व मुस्लिम लीग से लेकर वर्तमान पाकिस्तान ने हमेशा ही भारत के साथ विश्वासघात किया है शिमला सम्मेलन 1945 में मुस्लिम लीग के अड़ियल रवैए के कारण सफल नहीं हो सका ।16 अगस्त 1946 को मुस्लिम लीग द्वारा अलग इस्लामिक राष्ट्र के लिए सीधी कार्यवाही दिवस या प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस की घोषणा की गई जिसमें हजारों लोग मारे गए खून खराबा हुआ यह भविष्य के पाकिस्तान में आतंकवाद की नींव डालने जैसा था और यही पाकिस्तान कर रहा है। हमेशा प्रत्यक्ष रूप से हमारी सीमा में युद्ध जैसी ही स्थिति बनाए हुए हैं और हजारों सैनिक शहीद हो चुके हैं। पाकिस्तान ने भारत पर 3 युद्ध थोपे है प्रथम 1965,दूसरा 1971 तथा तीसरा  1999 कारगिल युद्ध पर हर बार उसको हार का मुंह देखना पड़ा है और मुंह की खानी पड़ी है। भारत ने जब जब दोस्ती का हाथ बढ़ाया पाकिस्तान ने हमारे पीठ पर खंजर ही भोंका है। 27 जुलाई 1972 को भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच शिमला समझौता हुआ मगर पाकिस्तान हमेशा ही संधि का उल्लंघन करता आ रहा है ।जुल्फिकार अली भुट्टो भारत की प्रति ज़हर उगलते हुए कहते थे कि “घास की रोटी खाकर भी भारत से हजार साल तक जंग करने की कसम खाते हैं” ठीक यही स्थिति आज इमरान खान के सामने भी आ रही है वह देश में भैंसों को बेचकर,, गाड़ियों को बेच कर देश को संभालने की कोशिश में लगे हुए हैं और दूसरी ओर भारत के साथ युद्ध करने की भी तैयारी में लगे हुए हैं। वह कसम पाकिस्तान अभी तक निभा रहा है और कश्मीर पर हमेशा युद्ध की स्थिति पाकिस्तान बनाए हुए है ।भारत ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने के लिए सदा -ए- सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की जिसमें खुद प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई यात्री के रूप में लाहौर गए मगर भारत को इसके बदले में पाकिस्तान ने कारगिल में घुसपैठ कर युद्ध छेड़ दिया ।इसके बाद 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन पर पाकिस्तान द्वारा आतंकी हमला किया गया जिसमें लश्कर-ए-तैयबा तथा जैसे मोहम्मद नामक आतंकी संगठन लिप्त थे। हाफिज सईद जो लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है , कुछ समय पहले पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में जमात-उद-दावा पार्टी बनाकर चुनाव लड़ चुका है ।इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को सत्ता में भागीदार बनाकर भारत के खिलाफ साजिश रचने की हर संभव कोशिश करता रहता है ।26 /11/2008  मुंबई हमला और जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमले और सेना पर हमले पाकिस्तान के लिए आम बात हो गई है।भारत मे आम चुनाव से पहले फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवानों को पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मारा गया ।और तब से लगातार भारत और पाकिस्तान के बीच कड़वाहट और तेज हो चुकी थी। इसी का परिणाम है कि भारत ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्द को समाप्त कर एक भारतीय गणतंत्र और भारतीय संविधान के अधीन लाने के लिए धारा 370 को समाप्त कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश के रूप में भारतीय संघ की मान्यता दी है ।जिस पर पाकिस्तान अपनी आपत्ति जता रहा है हमारे सैनिकों के सिर काट कर क्रूर कृत्य पाकिस्तान के द्वारा किया गया है कितने ही भारतीय युद्ध बंदियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है ।सब जानते हैं ।कहा जाता है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती फिर भी भारत हमेशा पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश करता रहता है ।वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नवाज शरीफ से मिलने पाकिस्तान गए थे मगर पाकिस्तान की आदत हमेशा धोखे से वार करना ,और आतंकवाद का सहारा लेकर भारत को अस्थिर करने की रही है ।पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री इमरान खान को भी भारत के खिलाफ बोलने पर ही वहां की जनता ने बहुमत दिया है। पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि जो भी नेता भारत विरोधी बयान देता है और जनता को भारत के विरुद्ध भड़काता है, उसको पाकिस्तान की जनता चुनाव में जिताती रही है। भारत के खिलाफ आतंकवाद और जम्मू कश्मीर पर अशांति फैलाने की उसकी आदत बन चुकी है ।भारत को उसके साथ अब दोस्ती का हाथ बंटाना उचित नहीं। लेकिन पाकिस्तान जिस हद तक अब गिरता जा रहा है , उसेसे दो -दो हाथ करना भी खतरे से कम नहीं है। क्योंकि उसके पास भी परमाणु हथियार हैं ।”इंटरनेशनल फिजिक्स फार दी प्रीवेंशन आफ न्यूक्लीयर वार” द्वारा जारी रिपोर्ट में” परमाणु  अकाल दो अरब लोगों को खतरा” में कहा गया है कि यदि भारत पाकिस्तान में युद्ध और हुआ और उसमें परमाणु हथियारों का प्रयोग किया गया तो शायद पृथ्वी पर मानव सभ्यता का ही अंत हो जाएगा। युद्ध किसी भी देश के लिए अच्छा नहीं है मगर एक तरफा वार को भी सहन करना उचित नहीं ।अभी रास्ते बंद नहीं हुए हैं भारत तो हमेशा वसुधैव कुटुंबकम की नीति का पालन हार रहा है। जिस पाकिस्तान का निर्माण ही कत्लेआम, खून खराबा, आग की लपटों के बीच हुआ हो उससे शांति की उम्मीद करना नासमझी ही कहि जाएगी। भारत ने कभी भी रिश्तो को बर्फ नहीं बनने दिया हमेशा रिस्तो में जमी बर्फ को पिघलाने की कोशिश की है। पाकिस्तान ने रिश्तो के तापमान को शून्य डिग्री से भी नीचे गिरा दिया है ।ऐसे में पाकिस्तान की हरकतों को देखकर लगता है रिश्तो की पहल करना “आ बैल मुझे मार” कहावत को सिद्ध करने जैसा होगा।

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