मिलन सिन्हा
देश का बजट ।
चल भाई हट
मत कर
खटपट
करें काम
झटपट
क्यों करें
हम अपना
समय नष्ट
फिर पेश हुआ
देश का बजट ।
किसको मिला लाभ
हमें न बता
किसको होगी हानि
हमें है पता
गरीबों की
नहीं कोई खता
फिर भी बढ़ेगा
उनका कष्ट
फिर पेश हुआ
देश का बजट ।
लाखों – करोड़ों का
है लेखा -जोखा
विश्लेषक बतायेंगे
किसे मिला मौका
किसके साथ हुआ
फिर से धोखा
जो भी हो, सुखी रहेंगे
हैं जो देश में भ्रष्ट
फिर पेश हुआ
देश का बजट ।