प्रभु से प्रार्थना

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जो जग का करता है लालन पोषण
कभी किसी का करता नहीं शोषण
उस प्रभु की सदा आरती हम उतारे
उसको हम कभी भी नहीं बिसरावे

कोरोना काल में ही कर रहा रक्षा
शायद लेे रहा हो हमारी वह परीक्षा
उसकी परीक्षा में सफल हम हो जाए
उसे सदा हम अपना शीश झुकाए।।

जो लिखने की देता है हमें शक्ति
उसकी सदा करे हम सब भक्ति
उसकी भक्ति में हम लीन हो जाए
अच्छे कर्मो में हम सदा ध्यान लगाए।।

शायद इसमें भी कुछ अच्छा होगा
उसने हमें घर में बंद रक्खा होगा
इसमें ही हो हम सबकी कोई भलाई
स्वप्न में न करे हम उसकी कोई बुराई।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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