
पिछले साल लाकडाउन के बाद देश ने दूसरे देशों की तुलना में अपने आपको संभाल लिया था।
कोरोना की दूसरी लहर का कोफ दिन पर दिन बढ़ता गया वह खतम भी नहीं हुआ है कि अब तीसरी लहर की आने की शुरुआत हो गई है और पिछले वर्ष की तुलना में कई ज्यादा भयावह है। कोरोना की दूसरी लहर भयावह , डरा देने वाली है, हर जगह मौत का मातम सा नजर आया।
कैरोना का बढ़ता प्रकोप कई घरों की खुशियों को छीन कर ले गया। इस बार के कोरोना का प्रभाव पिछले वर्ष की तुलना में कई ज्यादा डेंजर रूप में पैर पसारा फेला हुआ है। हम सोचे की वक्सिंग लगवा ली तो हम सैफ हो गए, हमें कोरोना नहीं होगा तो यह मूर्खता पूर्ण ही बात होगी । आज बढ़ते कोरोना को देखते हुए बाहोत जरूरी हो तो ही घर से बाहर निकलें अन्यथा नहीं। क्योंकि यह बहुत डेंजर रूप में फेल रहा है। इसका संक्रमण पहले शहरों तक ही सीमित हो पाया था , पर आज गावों में भी यह पैर पसार चुका है । गावों में इसका गंभीर असर देखा गया है। जहा गावों को भी पूरी सख्ती के साथ बन्द किया गया। ईधर प्राथना तो उधर प्राण निकल रहे थे ऐसे कई भयावह दृश्य देखे जा गए।
इसकी तीसरी लहर का असर सीधे बच्चो को चपेट में लेगा इसमें यह बाहोत जरूरी है कि वह चपेट में के उसके पहले उससे बचने के तरीकों को देख लिया जाए। क्योंकि मासूम बच्चे जो इस स्थिति से गुजरने में सक्षम न हो पाए। कोरोना की पहली लहर के कमजोर पड़ते ही हमने संयम के बजाय शादी , ब्याह , कुंभ मेला , सेर सपाट , राजनेतिक रेलियो को तरजीह दी। जिससे कोरोना की दूसरी लहर का भयावह रूप हमे देखने को मिला , और आज भी पूरा देश भुगत रहा है, लंबे लॉकडाउन से गुजरना पड़ रहा है।
कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है यह बस पहले के मुकाबले कमजोर हुआ है।कोरोना की दूसरी लहर से हम सीख जाए कि सब कुछ सरकारों के भरोसे न छोड़कर। हम हमारी जिम्मेदारियों का निर्वाह करे। हम हमारी गलतियों को डबल न दोहराएं तो इसकी तीसरी लहर से बचा जा सकता है।
इसके टीकाकरण के लिए कई व्यवस्था है , पर संतोषजनक नहीं है। इन केंद्रों पर सोशल दिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। भीड़ को नियंत्रित करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। इस अवस्था में कोरोना ज्यादा फैलेगा। टीकाकरण की अव्यवस्था नजर आ रही है। कही पर वैक्सिंग की कमी है। इस बीच युवा वर्ग का वेक्सिनेशन करना है।टीकाकरण में टिका बनने के बाद यह लोगो में विश्वास था कि भारत के हर व्यक्ति तक टिका पहुंचना कठिन नहीं होगा, किन्तु आज हर युवा व्यक्ति का वैक्सीनेशन हो पाएगा अभी पूर्ण रूप से नहीं कह सकते, क्योंकि आज लोगो को आज टीकाकरण केंद्रों से बाहर धकेला जा रहा है। टीकाकरण के लिए आनलाइन पंजीयन करवाना जरूरी कर दिया गया था , जिससे बहोत सो को अभी पता नहीं है कि ऑनलाइन पंजीयन को हटा दिया गया , जिसकी वजह से टीकाकरण के लिए नहीं जा रहे। दूसरा गावों में लोगो में टीकाकरण को लेकर बहोत डर फैला है कि इस इंजेक्शन को लगाने से मृत्यु हो रही है, जिससे टीकाकरण का कई गांव विरोध कर दे रहे हैं , जिसमे कई युवा वर्ग भी शामिल है ।
लोगो में जागरूकता लाना पड़ेगा , और टीकाकरण को बढ़ाना होगा , अभी वैक्सीन कि कमी भी चिंता का विषय है कि युवा वर्ग का वेक्सिनेशन हो भी पाएगा या नहीं।सतर्कता के नजारा कही देखा जाए तो शासकीय सुविधाओं की लाचार हालात से भी लोगो में भय पैदा हो रहा है।इस समय भी घबराने की जरूरत नहीं है , बल्कि परिस्थितियों के अनुसार अपने आपको ढालकर संभलने की जरूरत है । कोरोना की लहर को पहले भी हराया है और आगे भी मिलजुल कर कोरोना को हराना है।भारत ने चेचक , पोलियो जैसी बीमारियों से लड़ने में राह दिखाई है अब आगे भी भारत अपनी कुशलता का परिचय देगा।