समावेशी शासन की प्राथमिकता

डॉ.बालमुकुंद पांडेय

समावेशी शासन के लिए सरकार ने ‘ सेवा ,सुशासन एवं गरीब कल्याण’ के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह 11 वर्ष गरीबों का कल्याण करने, मध्यम वर्ग को सुविधानुकूल वातावरण प्रदान करने, महिलाओं को सशक्त बनाने, किसानसमर्थक नीतियों को क्रियान्वित करने, देश के युवाओं को शैक्षणिक एवं रोजगारनुमुख माहौल देने, पड़ोसी देशों के साथ शांति, सहयोग ,स्थिरता एवं सौहार्द की नीति को क्रियान्वित करने ,वैश्विक पटल पर भारत को सम्मान दिलाने, देश के भीतर उपद्रव उत्पन्न करने वालों को त्वरित दंड की प्रक्रिया को उपलब्ध करवाने एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में अव्वल रहने के द्वारा सरकार ने पूरे किये हैं। 11 सालों के समग्र मूल्यांकन से यह पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर भारत का सम्मान एवं गौरव उन्नयन हुआ है। प्रत्येक भारतीय का जीवन सुखमय , बेहतर और सुरक्षित हुआ है।

                                             विगत 11 वर्षों में सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंची हैं ,साथ ही  सरकारी योजनाओं एवं आधारभूत संरचना परियोजनाओं के कार्यान्वयन में एक आदर्श परिवर्तन देखा गया हैं कि दशकों से विलंबित आधारभूत परियोजनाओं के पूरा होने से लेकर बुनियादी मौलिक सुविधाएं मुहैया कराने तक, जो पहले की सरकार प्रदान करने में असफल  रहे हैं परंतु वर्तमान सरकार के तहत भारत सरकार एवं शासन में बदलाव आया है। सरकार ने विभिन्न  उपेक्षित समूहों  के लिए  अपरिवर्तनीय  सशक्तिकरण सुनिश्चित किया हैं जिससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा कवच प्रदान करके आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली हैं । सरकार ने हमेशा यह सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया हैं कि बुनियादी सुविधाओं से कोई वंचित न हों। विगत 11 वर्षों में लोक कल्याणकारी पहुंच बृहद पैमाने पर विस्तार ने भारत को अंततः शत – प्रतिशत परिपूर्णता को प्राप्त करने पर जोर दिया है।

                                           बैंकिंग ,शौचालय ,एलपीजी सिलेंडर, नल से जल ,विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या एवं स्वास्थ्य जैसी बुनियादी मौलिक सुविधाएं सभी को प्राप्त हो रहे हैं। सरकार की मजबूत इच्छा शक्ति एवं अथक प्रयासों से अब 21वीं सदी में यह मूलभूत सुविधाएं सभी भारतीयों तक आसानी से पहुंच रही हैं। सरकार ने 2014 में प्रारंभ की गई सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी भारतीयों तक व्यापक स्तर पर पहुंच रहा हैं ।सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि लोगों को यह बुनियादी सुविधाएं लोगों का चुनाव, धर्म ,जाति, लिंग, क्षेत्र, आर्थिक स्थिति एवं राजनीतिक पसंद के आधार पर करने के बजाय प्रत्येक हकदार को योजनाओं का पूरा लाभ मिले। अब योजनाओं की परिपूर्णता शत – प्रतिशत लक्ष्य की तरफ बढ़ने पर केंद्रित हो रही हैं। इससे सभी भारतीयों की बुनियादी मौलिक सुविधाओं तक सभी भारतीयों तक परिपूर्णता की प्राप्ति सरकार के अथक प्रयासों की देन है। सरकार ने सार्वजनिक सेवाओं का लाभ लोगों तक पहुंचने में होने वाले रिसाव (लीकेज ) को रोकने में सफलता प्राप्त की है। सरकार के कल्याणकारी योजनाओं के सरकारी उपायों एवं गरीबी उन्मूलन के प्रयासों पर वैश्विक स्तर के संस्थानों ने स्वीकृति प्रदान की हैं । अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक हालिया शोध पत्र में भारत से अत्यधिक गरीबी को खत्म करने का श्रेय वर्तमान सरकार को दिया गया है।

                                     समावेशी शासन के अथक प्रयासों एवं सद इच्छा से सभी भारतीयों में प्रसन्नता की भावना आ रही हैं । 81.75 करोड़ लोगों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के जरिए मुफ्त अनाज प्रदान किया गया हैं ।15 करोड़ परिवारों को नल से जल कनेक्शन प्रदान किया गया हैं जिससे उनके जीवन में गुणात्मक परिवर्तन एवं संतुष्टि प्राप्त हो रही है। सरकार ने रेहड़ी – पटरी वालों को पीएम स्वनिधि से लोन प्रदान किया हैं ,जो उनके जीवन में भौतिक सुख, संतुष्टि एवं जीवन में गुणात्मक सुख प्रदान कर रहा हैं।

गरीबों एवं वंचितों के जीवन में गुणात्मक एवं भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए चार करोड़ पक्के मकानों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई हैं जिससे उनके जीवन में गुणात्मक संतुष्टि प्राप्त हो । सरकार की जनहित हितैषी अनगिनत योजनाएं वर्तमान में प्रत्येक गरीब का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा रही हैं ।यह भौतिक चेतना की उत्क्रांती ही वास्तविक विकास है। वर्तमान में भारत के 64 % आबादी यानी 95 करोड़ लोगों को किसी – ना – किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है।

                                               सरकार ने 2014 में ‘ सबका साथ, सबका विकास और सब का विश्वास ‘ के मूल मंत्र से अपने शासन का श्री गणेश किया। यह समावेशी शासन का नवीन स्वरूप हैं । समाज के सभी वर्गों  विशेषकर पिछड़ों एवं दलितों को सत्ता में सहभागिता दिया जा रहा है। सरकार की शासकीय स्थिरता सभी वर्गों की सहभागिता से होती हैं ।महिलाओं ,किसानों, गरीबों, दलितों एवं अल्पसंख्यकों को आर्थिक मजबूती के लिए शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन इन वर्गों तक किया जा रहा है। सरकार ने अनेक जनहित कार्य योजनाओं की धनराशि सीधे जन- धन खातों में हस्तांतरित कर उनका आर्थिक उन्नयन किया है। बिना भेदभाव के सभी वर्ग लाभान्वित हो रहे हैं।

                                          सरकार ने हमेशा यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया हैं कि विकास की प्रक्रिया में सभी की सहभागिता हों । शासकीय योजनाओं एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके। व्यक्तियों को सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच हो सकें। 11 वर्षों के मजबूत एवं स्थिर शासकीय व्यवस्था के द्वारा कल्याणकारी योजनाओं की परिपूर्णता शत – प्रतिशत हो रही है। सुशासन एवं जाति भेद विहीन  शासकीय प्रणाली परिपूर्णता की नीति को सफल बना रहे हैं।

                                           पिछले 11 वर्षों में सरकार के अथक प्रयासों से भारतीय संस्कृति, मूल्योंत एवं आदर्शों को उचित मान्यता प्राप्त हुआ है, एवं दुनिया भर में भारत की समृद्ध एवं उन्नत  सभ्यतागत विकास एवं ऐतिहासिक विरासत को उन्नयन किया जा रहा हैं ।सरकार के प्रयासों से कल्याण से लेकर संस्कृति तक, व्यापार के सुगम पहुंच से राष्ट्रीय सुरक्षा तक, आर्थिक विकास से लेकर जीवन यापन की सुगमता तक चहुमुखी विकास हो रहा है। सरकार के प्रयासों से भारत वैश्विक स्तर पर उभरता महाशक्ति, उदीयमान आर्थिक विकास वाला देश,सामरिक क्षेत्र में ताकतवर एवं घरेलू स्तर पर आत्मनिर्भर भारत बन रहा हैं ।विकास की गति लोकतांत्रिक स्तर पर लोगों की प्रसन्नता एवं सामरिक स्तर पर सफलता………. 2047 में विकसित भारत की सफलता की आधारशिला को मजबूती दे रहा है।

                              समावेशी शासन के लिए निम्न सुझाव हैं:-

1.) समावेशी शासकीय नीतियों से ही भारत सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ-साथ वैश्विक स्तर का वृहद सर्वश्रेष्ठ लोकतंत्र बन सकता है; 2.) समावेशी शासन के द्वारा भारत की जनता लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक शासकीय संस्थाओं के प्रति संतोषजनक, प्रसन्न , सहभागी और विश्वास की अभिव्यक्ति कर रही है; 3.) इन नीतियों के क्रियान्वयन से भारत 2047@ विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा; 4.) समावेशी शासकीय नीतियों के कारण राष्ट्रीय आपदा एवं राष्ट्रीय असुरक्षा के वातावरण में सभी राजनीतिक दल एक स्वर में सरकार के साथ खड़े हैं; एवं 5.)समावेशी शासन के द्वारा ‘ सबका साथ ,सबका विश्वास एवं सबका विकास ‘ के मूल मंत्र को सार्थक एवं प्रासंगिक सिद्ध हो रहा है।

डॉ.बालमुकुंद पांडेय

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