राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

राम मेरे फिर आज हैं चोटिल
फैके गए हैं पत्थर उन पर
रोक लो, इससे पहले कि
राम पर पत्थर फैंकना
एक रिवायत बन जाए,
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

मैं सनातानी हिंन्दू हूं
हिन्दू होना, हिन्दुस्तान में
गुनाह ए अजीम जैसे हो गया
७० साल प्रतिक्षा के बाद, ये दिन आया
यह राष्ट्रद्रोहियों को सहन हुआ ना
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

मुझे मिटाने कि कोशिश हजारों वर्षों से हुई
मेरी हस्ती में राम है, जिनके नाम से पत्थर तैरते है
उस राम को तुम पत्थर से डराते हो
कितना दुर्भाग्य है इस राष्ट का
राम राष्ट में राम पर पत्थर
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

मोदी-अमितशाह मूक देखते
ममता-नीतिश खेल खेलते
कट्टरपंथियों के तुष्टिकरण में
राम नवमी पर हिन्दुस्थान की गलियां
फिर से लहुलुहान हुई,
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

बूढ़े-बच्चे, घायल हैं, मेरे
हाथ में लेकर पेट्रोल बम
विधर्मी फिर से वहशी है हुए
घर जलें, दुकानें आग के हवाले हुई
धर्म, संस्कॄति रोते रोते पागल हैं,
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

राम रहें तो हिन्दुस्थान रहेगा
विश्व में वसुधैव कुटुम्बकम का भाव रहेगा
राम को बचा लो, मेरे सनातन को बचा लो
रहें ना राम तो फिर राममंदिर का करोगे
हिन्दू राष्ट समय की मांग है
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

हर बार मेरी आस्था पर प्रहार हुआ है
धैर्य, सहनशीलता का मेरी अपमान हुआ
गंगा जमुना तहजीब की बातें क्या हुई
बंगाल में गंगा का आंचल लहुलुहान हुआ
नालंदा फिर से आग को सौप दिया
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

रामभक्त व्यथित बहुत है,
नेत्रों में अग्नि दहक रही
हर बार हमने माफ किया
हर बार यही कुकॄत्य हुआ
राम जन्म पर राम पर पत्थर
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

राजनीति की आड में
छुपकर राम पर वार हुआ
विधर्मियों के हाथ में बम हैं
राम पताका हाथ में थी
जब राम भक्तों पर पत्थर फैंके
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

चाहो तो तुम योगी जी से सीख लेलो
राम रक्षा की मांग है मेरी
मैं दुखी, विक्षिप्त सनातनी हिन्दू हूं
उपद्रवियों को सबक सिखाओ
बुलडोजर ही एक उपाय
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

हिन्दुस्तान में राम बचा लो
राम के सिर पर वार हुआ है
शत्रु देशों से फिर निपट लेना
घर के शत्रुओं को नाश करो
गॄहयुद्ध एक छिडा हुआ है,
राम मेरे फिर आज हैं चोटिल

आचार्या रेखा कल्पदेव

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