राष्ट्रबंधुजी
मिला एक दिन दादाजी से,
वह दादा हैं राष्ट्रबंधुजी|
बच्चों की खातिर सब करने,
आमादा हैं राष्ट्रबंधुजी|
नहीं कोई छल छंद दिखावा,
बस, सादा हैं राष्ट्रबंधुजी,
बच्चों का संसार सुनहरा,
एक वादा हैं राष्ट्रबंधुजी|
मिला एक दिन दादाजी से,
वह दादा हैं राष्ट्रबंधुजी|
बच्चों की खातिर सब करने,
आमादा हैं राष्ट्रबंधुजी|
नहीं कोई छल छंद दिखावा,
बस, सादा हैं राष्ट्रबंधुजी,
बच्चों का संसार सुनहरा,
एक वादा हैं राष्ट्रबंधुजी|
लेखन विगत दो दशकों से अधिक समय से कहानी,कवितायें व्यंग्य ,लघु कथाएं लेख, बुंदेली लोकगीत,बुंदेली लघु कथाए,बुंदेली गज़लों का लेखन
प्रकाशन लोकमत समाचार नागपुर में तीन वर्षों तक व्यंग्य स्तंभ तीर तुक्का, रंग बेरंग में प्रकाशन,दैनिक भास्कर ,नवभारत,अमृत संदेश, जबलपुर एक्सप्रेस,पंजाब केसरी,एवं देश के लगभग सभी हिंदी समाचार पत्रों में व्यंग्योँ का प्रकाशन, कविताएं बालगीतों क्षणिकांओं का भी प्रकाशन हुआ|पत्रिकाओं हम सब साथ साथ दिल्ली,शुभ तारिका अंबाला,न्यामती फरीदाबाद ,कादंबिनी दिल्ली बाईसा उज्जैन मसी कागद इत्यादि में कई रचनाएं प्रकाशित|