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भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान की रैली में 11 प्रस्ताव पास!

रैली के बाद उद्योग मैदान स्टेच्यू सर्किल, जयपुर में सभा को सम्बोधित करते डॉ. पुरुषोत्तम मीणा

वर्ष 1993 में स्थापित और 1994 से भारत सरकार अधीन दिल्ली से पंजीबद्ध ‘भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)’ के देश के 18 राज्यों में सेवारत पांच हजार से अधिक आजीवन सदस्यों की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम मीणा के नेतृत्व में 18 अगस्त, 2011 को शहीद स्मारक से स्टेच्यू सर्किल तक रैली निकाली गयी| रैली के बाद आयोजित सभा को ‘बास’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ने सम्बोधित किया और सर्व-सम्मति से निम्न प्रस्ताव पारित किये गये गये:-

1. अन्ना हजारे को गिरफ्तार करके भारत सरकार ने संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदत्त मूल अधिकारों का और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानव अधिकारों का मजाक उड़ाया है| जिसकी हम कड़ी निन्दा करते हैं| भ्रष्टाचार, अत्याचार एवं नाइंसाफी से देश को निजात दिलाने हेतु प्रस्तावित जन लोकपाल बिल का हम पुरजोर समर्थन करते हैं|

2. भारत सरकार से मांग करते हैं कि अन्ना हजारे टीम द्वारा प्रस्तावित जन लोकपाल विधेयक को संसद के चालू सत्र में ही संसद के विचार हेतु पेश किया जाये और यदि इसमें कोई संवैधानिक अड़चन हो तो उसे दूर करने के लिये इसी सत्र में संविधान संशोधन बिल पेश किया जाये|

3. भारत सरकार से मांग करते हैं कि सरकारी लोकपाल बिल में निम्नतम लोक सेवक से प्रधानमन्त्री तक और न्यायपालिका के विरुद्ध लोकपाल द्वारा जॉंच करने के लिये लोकपाल बिल में स्पष्ट प्रावधान किया जावे और मूल लोकपाल बिल में ही देश के सभी राज्यों में लोकायुक्त नियुक्त किये जाने का स्पष्ट प्रावधान भी किया जावे और लोकपाल तथा लोकायुक्त व्यवस्था देशभर में एक साथ लागू की जावे|

4. दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 तत्काल समाप्त की जावे|

5. भ्रष्टाचार का एक बड़ा कारण हैं-असमान और मंहगी उच्च शिक्षा तथा गम्भीर रोगों के उपचार की खर्चीली चिकित्सा व्यवस्था| अत: भारत सरकार से मांग करते हैं| देश में सभी लोगों के शिक्षा एवं चिकित्सा को संविधान के भाग तीन में नागरिकों का मूल अधिकार बनाया जावे|

6. भ्रष्टाचार का एक बड़ा कारण हैं-अयोग्य, अकुशल और असक्षम प्रशासनिक तथा पुलिय अफसरों की नियुक्ति! अत: भारत सरकार से मांग करते हैं कि सभी अफसरों की चयन प्रक्रिया में आमूलचूल बदलाव कर योग्य तथा कुशल अफसर नियुक्त किये जावें|

7. सरकार से मांग करते हैं कि नागरिकों के मानव अधिकारों के हनन के लिये जिम्मेदार ठहरायी जाती रही देश की पुलिस के सबसे छोटे कर्मी ‘‘सिपाही’’ को अनिवार्य रूप से साप्ताहिक विश्राम और पर्याप्त वेतन दिया जाना सुनिश्‍चित किया जावे| जिससे ‘‘सिपाही’’ को भी पर्याप्त मानसिक तथा शारीरिक आराम मिल सके और वह अवसाद और कुण्ठा से मुक्त होकर आम जनता के साथ सद्व्यवहार करते हुए अपनी ड्यूटी कर सके|

8. भारत सरकार से मांग करते हैं कि प्रत्येक मामले और घटना की एफआईआर दर्ज करना पुलिस का बाध्यकारी कानूनी कर्त्तव्य घोषित किया जावे और हर एक जिले में सर्वाधिक एफआईआर दर्ज करने वाले पुलिस थाने को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जावे|

9. भारत सरकार से मांग करते हैं कि सूचना अधिकार कानून में-

(1) जुर्माना लगाने में विवेक का मनमाने तरीके से उपयोग नहीं हो,

(2) प्रथम अपील अधिकारी को दण्डित करने का प्रावधान किया जावे तथा

(3) द्वितीय अपील के निर्णय की 45 दिन अधिकतम समय सीमा निर्धारित की जावे|

10. राजस्थान राज्य सरकार से भी मांग करते हैं कि वर्ष 2005 में लागू राजस्थान पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत ‘पुलिस जवाबदेही समितियों’ का तत्काल गठन किया जावे| जिससे पुसिल की तानाशाही एवं मनमानी पर अंकुश लग सके|

11. प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह की सिफारिश पर दिल्ली के ‘विंडसर प्लेस’ का भगतसिंह को फांसी दिलाने वाले शोभा सिंह के नाम पर ‘सर शोभा सिंह प्लेस’ करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव की हम कड़ी निन्दा करते हुए, इसका कड़ा विरोध करते हैं|

बास की उक्त रैली बास के जिला अध्यक्ष पृथ्वीराज सोनी के संयोजन तथा संदीप सोगानी के संचालन में आयोजित की गयी| रैली में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष तरुण चावड़ा, राष्ट्रीय सचिव गजेन्द्र शर्मा, राष्ट्रीय सहायक कोषाध्यक्ष मधुसूदन जिन्दल, राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रदेश सलाहकार धीरेन्द्र सिंह सहित बास के कई सौ कार्यकर्ताओं तथा बास की नीतियों के समर्थक स्थानीय लोगों ने भी बढचढकर हिस्सा लिया|