घटनाओं की ताक पर “विकास की सड़क”: मेरा गाँव मेरी सड़क

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प्रदीप रावत-

गुप्तकाशी से अगर आप सल्या तुलंगा ल्वाणी के लिए सल्या- तुलंगा मोटर मार्ग से आप गुजर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए, आप कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. यह सड़क कहने को तो वर्ल्ड बैंक के अधीन है और पिछले चार वर्षों से लगातार सड़क के पक्कीकरण व डामरीकरण के पूर्ण करवाने का दावा कर रही है, लेकिन गड्ढे में सड़क है या सड़क पर गड्ढे इसका पता नहीं चलता है. बरसात का मौसम आते ही इस मोटर की इतनी बुरी स्थिति हो जाती है कि वाहन कई बार दुर्घटना होने से बाल बाल बच जाते है। वाहन में सवार, सवारी दुर्घटना का शिकार होने से बचने के लिए स्वयं ही हाथ-पैर बड़ाकर सड़क के गड्ढे भर लेते हैं. पिछले कई वर्षों से स्थानीय लोग जम कर विभाग को कोसते रहे है । इस सड़क पर आपदा के बाद 5 से ऊपर ठेकेदार बदल चुके है, लेकिन अभी तक कोई भी ऐसा महारथी ठेकेदार नही आया जो इस सड़क पर डामरीकरण का कार्य पूर्ण कर सके , ग्रामीणों की मानें तो वाहनों में सवार लोग अपनी जान को जोखिम में डाल कर सफर करने को बाध्य हैं. इस मोटर मार्ग पर कई ऐसे डेंजरस जोन है जहां वाहन ऐस हिलोरे खाते हैं कि अब पलटे कि तब पलटे. मालूम हो कि सल्या-तुलंगा-ल्वाणी खेड़ा का मुख्य मोटर मार्ग होने के कारण इस सड़क से प्रति दिन ग्रामीणों का दिन-रात आना-जाना लगा रहता है. जबकि शासन हो या प्रसाशन भलीभाँति जानता है कि सड़को की खराब स्थिति के कारण पिछले कुछ दिनों से राज्य के अलग अलग स्थानों पर बड़ी सड़क दुर्घटनाएं हुई है जिसमे पौड़ी गढ़वाल के बमसैंण

धुमाकोट में 48 लोगों की सड़क दुर्घटना में हुई मौत से राज्य ही नही बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। जिसके बाद सड़को की बुरी स्थिति पर सवालिया निशान लगने शुरु हो गए, धुमाकोट घटना से राज्य अभी भलीभाँति उभरा भी नही था कि चम्पावत में सड़क दुर्घटना में भी कई लोगों को जान गवानी पड़ी , लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रही लेकिन अभी भी गाँवो की सड़को की सुध लेना वाला कोई नही है ।

सल्या तुलंगा मोटर मार्ग से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह भी है कि अभी तक इस मोटरमार्ग पर कोई भी ठेकेदार एक साल भी नही टिक पाया। इस मोटर मार्ग पर वर्ल्ड बैंक की एक ही चीज़ स्थिर मिलेगी वो मिलेगा इनका बोर्ड जिस पर अंकित है “वर्ल्ड बैंक के अधीन मरम्मत कार्य प्रगति पर है” यह मरम्मत कार्य प्रगति की समयावधि साल दर साल बढ़ती जा रही है लेकिन निर्माण कार्य ज्यो का त्यों बना हुवा है लेकिन एक दूसरा सच चुनावों से ठीक पहले इस मोटर मार्ग से होकर कई जनप्रतिनिधि वोट के बहाने इस मोटरमार्ग का कार्य पूर्ण होने का आश्वाशन दिलाते रहे है लेकिन सच तो यह है कि इस मोटर मार्ग की बद्दतर स्थिति को सुधारने व सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत दुर्घटनाएं कम करने के लिए पिछले चार वर्षों से अभी तक विभागीय स्तर से से कोई भी कठोर कदम नही उठाया गया हैं।

वर्ल्ड बैंक के ठेकेदारों से परेशान होकर पिछले दिनों ग्रामीणों का एक युवा शिष्टमंडल राज्य के वित्त मंत्री श्री प्रकाश पन्त जी से मिला जिसके बाद वित्त मंत्री ने तुरन्त अधिकारियों के निर्देश देने के बाद जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा इस सम्बंध में संज्ञान लेकर ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई कर नए सिरे से टेंडर को मंजूरी प्रदान की। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के इस कठोर कदम की ग्रामीणों ने सराहना की है , लेकिन यह तो भविष्य के गर्त में छुपा है कि नए टेंडर डालने के बाद क्या इस मोटर मार्ग की स्थिति में कोई सुधार होगा। आशा है कि अगली बार नए ठेकेदारों को इसको पूरा न करने का कोई बहाना मिले ।

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