विविधा

साध्वी को लेकर हिटलरशाही रवैया

-विनोद कुमार सर्वोदय-

pragya thakur

सुदर्शन चैनल ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर हो रहे सरकारी अत्याचारों का जो दर्दनाक रहस्य उजागर किया है उसने  देश क्या संपूर्ण दुनिया को भी झकझोर दिया है । सुदर्शन चैनल इसके लिए बधाई का पात्र है ,जबकी उससे अधिक सामर्थ वाले सैकड़ों इलेक्ट्रॉनिक चैनल व हज़ारों पत्र पत्रिकाएं भरे हुए हैं, परंतु इस राक्षसी वर्ताव के सच को (कुछ अपवाद) किसी ने भी उजागर करने का साहस नहीं किया, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण  है। साध्वी प्रज्ञा को बिना आरोप लगाए न्याय के नाम पर पुलसिया अत्याचारों की पराकाष्ठा  को कोई भी सभ्य समाज स्वीकार नहीं करेगा।

(एक विदेशी ईसाई) सोनिया गांधी  जिसकी कृपा से कांग्रेस सरकार चला रही थी, कि चाटुकारिता के लिए ही संविधान की शपथ को झुठलाते हुए विभिन्न सरकारी अधिकारियों व नेताओं ने  भगवा आतंकवाद को परिभाषित करने के लिए ही साध्वी प्रज्ञा को बिना आरोप के लगभग पिछले 7 वर्षों से  जेल मेंं डाल कर भयंकर शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना देने से  क्या न्याय के उच्च  सिद्धान्तों का मर्दन नहीं किया ? नार्को, ब्रैंमेंपिंग,लाईडीटेक्टर आदि अनेक परीक्षण कई बार करके दुर्दांत आतंकवादी अजमल कसाब से भी अधिक भयानक अपराधी का सा व्यवहार साध्वी जी  को सहना पड़ा।
यहाँ यह भी सोचना चाहिये कि क्या एक  झूठा आरोप सिद्ध न होने पर दूसरे झूठे आरोप को थोपने के कुप्रयास मेंं भी सफल न होने के कारण इस हिटलरशाही  प्रकरण मेंं लिप्त अधिकारियों को अब साध्वी जी को जेल मेंं बिना अपराध के रखने व उन पर अमानवीय अत्याचार करने के अपराध मेंं फंसने का भी भय सता रहा होगा ? संभवतः इसीलिये साध्वी जी को न्याय मिलने मेंं जानबूझ कर देर भी की जा रही हो ? इस सम्पूर्ण प्रकरण मेंं देर -सबेर  लिप्त सभी दुष्टो को मानवीय न्यायालय उचित न्याय करें या न  करें पर भगवान के घर देर हे अंधेर नहीं और उसके निर्णय को कोई टाल नहीं सकता । फिर उसमें चाहे इटेलियन सोनिया हो या फिर उसके चाटुकार नेता व क्रूर अधिकारी हो ।

क्या हमारा देश लोकतंत्र के नाम पर इतना दुर्बल हो गया है कि वह एक साध्वी पर जब  कई वर्षों से क्रूरतम अत्याचारो का कहर वरपाया जाता आ रहा हो और उस ओर कोई भी सामाजिक व राजनैतिक संगठन कोई संज्ञान ही न ले ?  वाह क्या विडम्बना है कहाँ है मेंगसासे पुरस्कार विजेता अन्ना हजारे, मेंघा पाटेकर, तीस्ता जावेद व अरुदंधि राय  आदि तथाकथित समाजसेवियों की  टीमेंं जो न जाने किसके एजेंडों पर बड़े-बड़े आंदोलन करते रहते है पर  एक साध्वी पर हो रही निर्दयता से उनको कोई सरोकार नहीं ? कहाँ है मानवाधिकार व महिला आयोग वाले जो आतंकवादियो पर भी  हस्तक्षेप करने मेंं कोई चूक नहीं करते ? क्या साध्वी जी के हिन्दू राष्ट्रवादी होने के कारण  उनके मानवीय मूल्यों में कोई भेद आ गया जिससे वे सभी के लिए अछूत हो गयी है? क्या वह ढोंगी धर्मनिरपेक्षता की वेदी पर अपनी बलि देने को विवश हो जाय ? क्यो उनको बहुसंख्यक हिन्दू समाज का प्रतिनिधि मानकर उनपर ही सारी निर्दयता अपना कर मानवता का नाग नाच किया जा रहा है ? अनेक प्रश्न उठ रहे हैं, हृदय चीत्कार कर रहा है, पर कान से बेहरी व आंखों से अंधी व्यवस्था मेंं कोई संवेदना ही नहीं ।जब मानव मूल्यों की विश्व मेंं स्थापना करने वाला हमारा भारत ही कुटिल राजनीति के इतने गहरे अन्धकार मेंं घिर जाएगा तो विश्व कल्याण की बात करना तो बेमानी हो जायेगी ?

आज अगर बीजेपी की राष्ट्रवादी  सरकार भी अगर साध्वी जी के प्रति संवेदनशील नहीं होती और उनको निष्पक्ष न्याय नहीं दिलवाती तो यह और भी बड़ी भूल  हो जायेगी और बीजेपी को देश की जनता के साथ विश्वासघात का भी पाप भोगेना पड़ेगा। सुदर्शन चैनल पहले भी राष्ट्र रक्षा व धर्म रक्षा के सन्दर्भ मेंं कई ज्वलंत विषय उठाकर समाज को चेताने व सावधान होने के लिए जागृत करता आ रहा है।अतःलोकतंत्र की परम्परा को बनाए रखने के लिए अन्य इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया को भी आगे आकर ऐसे नारकीय अत्याचारों की सत्यता को उजागर करना चाहिए।