-आरके गुप्ता-
1. धर्म के आधार पर भारतीय सेना में जवानो की गिनती करना और मुस्लिमों की जनसंख्या के अनुपात में भरती की सिफारिश करना।
2. किसी समुदाय को धर्म के आधार पर बैंकों से कम से कम ब्याज दर पर ऋण देना, छात्र-छात्रों को छात्रवृृति देना, उच्च शिक्षा हेतु निःशुल्क कोचिंग देना, प्रवेश के उपरान्त शिक्षा भी निःशुल्क।
3. धर्मानुसार (विशेषतः मुस्लिम) व्यापार हेतु एक वर्ग को कम से कम ब्याज दर पर ऋण तथा दूसरे (हिन्दू) को अधिक ब्याज दर पर ऋण।
4. सरकार द्वारा अल्पसंख्यक (मुस्लिम) बहुल एवं बहुसंख्यक बहुल क्षेत्रो को चिन्हित कर उन क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता देना तथा उन क्षेत्रों के लिए बजट में अधिक राशि का प्रावधान करना।
5. योजना आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा करना की ‘देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों (विशेषतः मुस्लिम) का है।
6. केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा धर्म के आधार पर विभिन्न योजनाओं को लागू करना जो सिर्फ अल्पसंख्यकों (मुसलमानों) के लिए ही हो।
7. अल्पसंख्यकों संबंधी सभी घोषणाएं एवं निर्णय खुले भेदभाव के आधार पर हो रहे है। फला व्यक्ति अल्पसंख्यक है इसलिए इसे सरकारी चयन व अन्य समितियों में लिया जाता है।
8. धर्मनिरपेक्षता के नाम पर करदातों से संचित राजकोष का राजनीतिक दुरुपयोग केवल अल्पसंख्यक समुदाय विशेष के लिए किया जा रहा है।
9. धर्म विशेष के धार्मिक स्थलों (मस्जिदों) को बिजली मुफ्त में देना या उनका बिल माफ करना तथा दूसरे धर्म (हिन्दुओं) के मंदिरों को किसी भी प्रकार से कोई छूट नहीं।
10. हिन्दुओं द्वारा श्रद्धा से मन्दिरों में चढ़ाया गया धन मन्दिरों के तथा सामाजिक कार्यों एवं विकास में न लगाकर अल्पसंख्यकों को उनकी धार्मिक यात्रा हज के लिए, मस्जिदों, मदरसों तथा चर्चों को देना।
11. मुसलमानों को हज यात्रा के लिए हजारों करोड रुपये की सब्सिडी व अन्य सुविधाएं परन्तु हिन्दुओं की अमरनाथ एवं मानसरोवर यात्रा पर टैक्स।
12. मुस्लिमों की लड़कियों को शादी के लिए 50 हजार रुपये पर हिन्दुओं की गरीब कन्याओं को कुछ नहीं।
13. इस्लामी जिहादी आतंकवादी के लिये भारत सरकार द्वारा चालू की गई पुर्नवास योजना करने के बाद आजीवन पेनशन पर देश के शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को उनकी पेशंन के लिए धक्के।
14. इस्लामी आतंकवादियों के लिए देश के मानवाधिकारवादी संगठन तथा कथित सेक्यूलर राजनैतिक दल मानवाधिकार की बात करते है परन्तु इन आतंकवादियों द्वारा मारे गये देश के नागरिकों एवं सुरक्षा बलों के मानवाधिकार की कोई बात नहीं करते क्यों?
15. विवादित साम्प्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक 2011 जिससे देश का साम्प्रदायिक सौहार्द पूर्णतः नष्ट हो जायेगा, बनाने का कुटिल प्रयास करना।
16. केन्द्र व उत्तर प्रदेश की सरकारों द्वारा आतंकवादी गतिविधियों में सन्देह के आधार पर पकडे मुस्लिम युवकों को छोडने का प्रयास किया जा रहा है। क्यों?
सरकार द्वारा किसी भी धर्म, सम्प्रदाय को धर्म के नाम पर किसी भी प्रकार की विशेष सुविधाएं देना सर्वथा संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत है।
सम्पादकजी
आज भारत में धर्मनिरपेक्षता की जो परिभाषा निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा की जा रही है वह देश में भाईचारा को समाप्त कर देगी .इस देश में यदि कोई मुस्लिम है तो वह धर्मनिपेक्ष होगा ही जब कि यदि कोई हिदू है तो वह सांप्रदायिक ही होगा ,ऐसा माना जाने लगा है .इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं सामन्यतया हिन्दू सहिष्णु होते है पर यदि यही नीति रही तो परिद्रश्य बदल भी सकता है.
बिपिन कुमार सिन्हा