राजेश कुमार पासी
12 साल में आयोजित होने वाले कुंभ का भारतीय धर्म और संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है । इस बार का कुंभ तो 12 कुंभों के बाद होने वाला महाकुंभ है, इसलिए इसका विशेष महत्व है । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसी को देखते हुए इस आयोजन की जबरदस्त तैयारी की थी । लगभग 25 दिनों से कुंभ चल रहा है और यहां आने वाले श्रद्धालु इस आयोजन की जबरदस्त तारीफ कर रहे हैं । सरकार द्वारा किये गये इंतजामों से बेहद खुश दिखाई दे रहे हैं । मौनी अमावस्या के दिन सबसे बड़ा अमृत स्नान था जिसमें लगभग 12 करोड़ लोगों ने स्नान किया । इस दिन एक भगदड़ में दर्जनों लोगों के घायल होने के अलावा 30 लोगों की जान चली गई । एक छोटे शहर के कुछ हिस्से में 10 करोड़ लोग इकट्ठे थे, इसलिए अगर वहां भगदड़ मच गई तो ये स्वाभाविक सी घटना है लेकिन यह नहीं होना चाहिए था । इस भगदड़ के कारण सरकार के इंतजामों पर सवाल खड़ा हो गया है । यह सवाल इसलिए खड़ा हो गया है क्योंकि सरकार को पता था कि इस दिन इतने लोग वहां आ सकते हैं । सरकार को पता था इसलिए सरकार ने इंतजाम भी किये थे । भगदड़ होने का मतलब है कि सरकार के इंतजामों में कहीं कोई कमी थी । विपक्ष को यह अधिकार है कि वो इस सम्बन्ध में सरकार से सवाल करें और लोकतंत्र में ऐसा होता भी है । विपक्षी दल इस घटना को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार को घेर रहे हैं । संसद में भी यह मामला उठाया गया है । लोकतंत्र में यह एक सामान्य बात है कि ऐसी घटनाओं पर विपक्ष सरकार से सवाल-जवाब करे लेकिन विपक्ष इस मामले में जैसी राजनीति कर रहा है, वो बहुत ही शर्मनाक है ।
29 जनवरी को इस मामले पर विपक्ष ने संसद में जबरदस्त हंगामा किया और सरकार पर आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया । देखा जाये तो यह आरोप भी ज्यादातर विपक्ष ऐसी दुर्घटनाओं को लेकर सरकार पर लगाया करता है लेकिन जैसा आरोप लगाया गया है, वो बेहद आपत्तिजनक है । राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में कहा कि 29 जनवरी को महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गये हजारों लोगों को मेरी श्रद्धांजलि है । राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने उन्हें बयान वापिस लेने को कहा तो उन्होंने कहा कि यह मेरा अनुमान है । अगर आंकड़े सही नहीं है तो सरकार को बताना चाहिए । इसके अलावा लोकसभा में भी विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया और सरकार को कहा कि वो कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा जारी करे । समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा है कि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भगदड़ में हजारों लोग मारे गये हैं । उनका कहना है कि लोगों को दफना दिया गया है, जो लोगों को बाद में मिलेंगे । उन्होंने कहा है कि हिन्दुओं को दबा दिया गया है ।
समाजवादी पार्टी की नेता और सांसद जया बच्चन ने कहा है कि इस मेले में गंगा का पानी सबसे दूषित है क्योंकि भगदड़ में मारे गये लोगों के शव नदी में फेंक दिये गये हैं । उन्होंने कहा कि कुंभ में करोड़ों लोग आ ही नहीं सकते, सरकार झूठ बोल रही है । उनका कहना है कि इतने लोग एक जगह कैसे इकठ्ठा हो सकते हैं । यही बात समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कही थी कि सभी रेलगाड़िया खाली आ रही है, सरकार झूठ बोल रही है कि कुंभ में इतने लोग आ रहे हैं । इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री योगी पर तंज कसा है कि जो सच छुपाये वो योगी नहीं हो सकता । आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा है कि कुंभ में ट्रक भरकर मोबाइल मिले हैं, इनके मालिक कहां है । इसके अलावा कई नेता ऐसी ही बातें कर रहे हैं और सरकार को सच बताने को कह रहे हैं । सोशल मीडिया में विपक्षी समर्थक अपने नेताओं की बातों को आगे बढ़ा रहे हैं । यह अफवाह फैलाई जा रही है कि कुंभ में हजारों लोग मर गये हैं ।
दूसरी तरफ सरकार ने घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है, जो मामले की जांच करके बता देगा कि सरकार की कहां कमी रही और इसके लिए कौन जिम्मेदार है । इसके अलावा योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए एसटीएफ का भी गठन किया है क्योंकि सरकार को घटना में साजिश की बू आ रही है । कहा जा रहा है कि घटनास्थल पर घटना के समय 16000 सक्रिय मोबाइल फोन बंद हो गये है । घटनास्थल पर मौजूद इतने मोबाइल फोनों का अचानक बंद हो जाना सरकार को एक साजिश लगता है । इसके अलावा प्रत्यक्षदर्शियों ने बयान दिया है कि घटना से पहले वहां बसों में भरकर युवा आये थे और वो हुड़दंग कर रहे थे । कहा जा रहा है कि घटना इन लोगों के हुड़दंग के कारण ही हुई । मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है क्योंकि यह राज्य सरकार की प्रतिष्ठा का सवाल है । योगी सरकार कई महीनों से इस आयोजन की तैयारी कर रही थी और दुर्घटना से पहले आयोजन सफलतापूर्वक चल रहा था और घटना के बाद भी चल रहा है । मेरा मानना है कि जल्दी ही सरकार देश के सामने सच्चाई पेश कर देगी । आज हर हाथ में मोबाइल है और इसके अलावा घटनास्थल पर मौजूद सीसीटीवी भी अपराधियों को सामने लाने की सरकार की मदद करेंगे । आप सोचिए कि जब हर हाथ में मोबाइल है तो किसी भी सरकार के लिए लोगों की मौत छुपाना कैसे संभव हो सकता है। पूरी दुनिया में इतना बड़ा आयोजन नहीं होता है, इसलिये पुलिस और प्रशासन इस आयोजन को करने के लिए प्रशंसा के पात्र हैं। इसके बावजूद भगदड़ में हुई मौतों के लिए जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिये लेकिन महीनों से दिन-रात काम कर रहे पुलिस और प्रशासन के लोगों की मेहनत पर पानी फेरना ठीक नहीं है।
खड़गे और अन्य विपक्षी नेता कह रहे हैं कि हज़ारों लोगों की मौत हो गई है तो सवाल उठता है कि उनकी लाशें कहाँ गयीं। वैसे देखा जाए तो इसका भी जवाब उन्होंने खुद दे दिया है। राजद नेता मनोज झा कह रहे हैं कि उनको दफना दिया गया है और जया बच्चन कह रही हैं कि लाशों को सीधा गंगा नदी में बहा दिया गया इसलिये गंगा प्रदूषित हो गई है। ऐसा लगता है कि विपक्ष ने लाशों को ठिकाने लगाने के बारे में बयान देने से पहले आपस में बात नहीं की है। सरकार को घेरने का अच्छा तरीका तो यह था कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की फौज गंगा नदी में उतरकर लाशों को बाहर निकाल देती और देश के सामने पूरी सच्चाई आ जाती । दूसरी तरफ राजद के कार्यकर्ता गंगा नदी किनारे दबाए गए लोगों को निकाल कर जनता के सामने ला सकते थे। खड़गे पहले कह रहे हैं कि हज़ारो लोग मारे गए हैं, उनकी पार्टी भी इसमें मदद कर सकती थी। विपक्षी नेताओं की बुद्धि कहाँ चली गई है जो ऐसे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। अगर उन्हें अपनी बात सिद्ध करनी है तो हज़ारो नहीं तो कुछ लोगों के शव तो ढूंढ ही सकते थे। मनोज झा कहते हैं कि ट्रक भरकर मोबाइल मिले हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि ट्रक में तो लाखों मोबाइल आ सकते हैं। अगर इतने मोबाइल वालों की मौत हो चुकी है तो उनके परिजन कहाँ हैं और वो उनको क्यों नहीं ढूंढ रहे हैं ।
विपक्ष कुम्भ पर शर्मनाक राजनीति कर रहा है और एक दुर्घटना के नाम पर पूरे कुंभ को बदनाम कर रहा है। इससे पहले भी कुंभ में भगदड़ होती रही है लेकिन ऐसी ओछी राजनीति नहीं की गई। हो सकता है कि कुम्भ में हुई मौतों में कुछ और लोग शामिल हों लेकिन जब तक इसकी पुष्टि नहीं हो जाती तब तक विपक्ष को सरकारी आंकड़ों पर भरोसा करना चाहिए। कुंभ जैसे धार्मिक आयोजन को बदनाम करने की कोशिश विपक्ष की हिन्दू विरोधी मानसिकता को दर्शाती है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान गर्मी से 1500 हजयात्रियों की मौत हो गई थी लेकिन किसी ने हजयात्रा पर सवाल नहीं खड़े किए । एक दुर्घटना के कारण विपक्ष कुम्भ को बदनाम कर रहा है जबकि एक भगदड़ के अलावा पूरा कुंभ बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। देश की जनता देख रही है कि विपक्ष को लोगों के मरने से नहीं बल्कि कुंभ के सफलतापूर्वक चलने से परेशानी हो रही है। ऐसा महसूस हो रहा है कि विपक्ष को करोड़ों लोगों का आस्था और श्रद्धा से परिपूर्ण होकर गंगा में डुबकी लगाना बहुत चुभ रहा है. यही कारण है कि विपक्ष इस मामले पर शर्मनाक राजनीति कर रहा है
राजेश कुमार पासी