लेखक विवेक कुमार पाठक

ट्विटर पर साड़ी ट्रेंड चल रहा है। हिन्दुस्तान से इजराइल, इंग्लैण्ड से अमेरिका तक से साड़ी पहनें युवतियां और महिलाएं ट्विटर पर दिखाई दे रही हैं। सोमवार से शुरु हुए इस ट्रेंड को राजनीति से लेकर सिने जगत, रंगमंच से लेखन वर्ग सभी ने हाथों हाथ लिया है। बात कुछ यूं गूंजी है कि देश की पुरानी पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी भी ट्विटर पर साड़ी पहने तस्वीर के साथ ट्रेंंड कर रही हैं।
ट्विटर व ये ट्रेंड कैसे जगा सबसे पहले ये जाना जाए। बात कोई बहुत पुरानी नहीं है। बस न्यूयार्क टाइम्स के एक लेख से इस मामले को हवा मिली है। अमरीका के इस प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने बीते दिनों एक लेख छापा कि साड़ी का इतिहास इतना पुराना है। भारत में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिन्दूवादी सरकार होने के कारण भारतीय परिधान के रुप में साड़ी को तो बढ़ाया जा रहा है मगर बाबजूद इसके खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र बनारस की बनारसी साड़ी उपेक्षा का शिकार है। लेख में साड़ी को लेकर तमाम कमतर पक्ष भी सामने रखे गए थे।
इस लेख के बाद ट्विटर जगत में साड़ी की खूबियों पर केन्द्रित हैशटेग साड़ी ट्विटर ट्रेंड होना शुरु हो गया। सोमवार से शुरुआत क्या हुई हिन्दी सिनेमा की अभिनेत्री दिव्या दत्ता, शबाना आजमी, रेणुका शहाणे अलग अलग अंदाज में साड़ी पहनकर ट्विटर पर अवतरित हुंई। सिलसिला चल निकला। लेखिका रिचा अनिरुद्ध, नंदिता अपनी मनपसंद साड़ी में साड़ी की खूबसूरती बयां करती नजर आयीं तो राजनीति से भी देर नहीं हुई। आम चुनाव में उत्तरप्रदेश के शहर शहर घूमीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी दादी के अंदाज में साड़ी पहने तस्वीर ट्विटर पर साझा की। कांग्रेस से शिवसेना में पहुंची प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी एवं नगमा ने भी साड़ी का कारवां आगे बढ़ाया।
ट्विटर पर हैशटेग साड़ी ट्विटर ने देश दुनिया में लोकप्रिय भारतीय परिधान साड़ी को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। गर सिनेमा की बात करें तो यह चर्चा साड़ी को वहां भी चर्चा में लाएगी। भूमंडलीकरण के दौर में जैसे जैसे विदेशी टीवी चैनल आते गए वैसे वैसे हमारा जीवन रहन सहन परिधान सभी उदारवाद के प्रभाव में आए। मीना कुमारी, हेमामालिनी, रेखा श्रीदेवी जयाप्रदा से लेकर माधुरी दीक्षित तक पर्दे पर साड़ी खूब चमकी। यश चोपड़ा की सिलसिला, इंद्रकुमार की बेटा में नायिकाओं ने जो साड़ियां पर्दे पर पहनीं वो बाजार में ट्रेडमार्क हो गयीं। यश चोपड़ा पश्चिम से प्रभावित रहे मगर उनकी नायिकाएं भी स्विटजरलैण्ड में सिफॉन साड़ी में समय समय पर नजर आयीं। फिल्मों में नायिकाओं के लिए भारतीय परिधानों को तय करने में संजय लीला भंसाली का कोई मुकाबला नहीं है। उनकी देवदास में हमने माधुरी और ऐश्वर्या को बंगाली वैभव के साथ साड़ी में देखा। महंगी साड़ियां पहनाकर नायिकाओं का राजसी किरदार रचा गया। बाजीराव मस्तानी में हमने प्रियंका चोपड़ा को काशीबाई के किरदार महाराष्ट्रीय साड़ी में देखा तो दीपिका पादुकोण भी पिंगा पोली पिंगा गीत में भारी भरकम साड़ी के साथ नजर आयीं। सिनेमा में साड़ी को हालांकि पश्चिमी परिधानों से लगातार चुनौतियां मिली हैं मगर साड़ी अपनी गरिमा और वजन बनाए हुए है। दरोगा चुलबुल पांडे की दबंग फिल्म में हमने सोनाक्षी सिन्हा को कई रंगों के साथ साड़ी पहने देखा। सोनाक्षी अपनी पहली फिल्म से अगली कई फिल्मों तक साड़ीपसंद नायिका के अवतार में नजर आयीं। ऐसे समय में जब निर्देशक और निर्माता झट कामयाबी के लिए अंग प्रदर्शन और एक्सपोज को अपना हथियार बना रहे हों तब साड़ी पहने नायिका भारतीयता फैलाती नजर आती है। साड़ी है ही कुछ खास कि करण जौहर भी कभी खुशी कभी गम में विदेश में रह रही काजोल को पूजा की थाली लिए साड़ी के साथ दिखाते हैं तो गौरी शिन्दे जैसी निर्देशिका अंग्रेजी सीख चुकी श्रीदेवी को कांजीवरम साड़ी पहने ही विदेशी मेहमानों के साथ नाचती गातीं दिखाती हैं। साड़ी सदियों से पहनी जा रही है। समय समय पर उसमें बदलाव हुए होंगे मगर आज भी वो जीवट और मनभावन परिधान है। कांस तक साड़ी का जलवा है। कंगना रनौत जब कुछ बदलाव करके भी जब कांस के रेडकारपेट पर साड़ी पहनती हैं तो हम सबको कुछ अच्छा फील होता है। साड़ी सिनेमा में चल रही है तो हालिया राजनीति में उसकी चमक फीकी नहीं है। मुस्लिम सांसद नुसरत जहां लोकसभा में साड़ी पहनकर जब पहुंचती हैं तो देश का मीडिया इसे प्राइम टाइम में दिखाता है। साड़ी इंदिरा गांधी ने भी पहनी और उनकी विदेशी बहू सोनिया गांधी ने भी। निश्चित ही साड़ी की गरिमा, उसके संस्कार और उसे पहनकर मिलने वाली आत्म अनुभूति सोनिया गांधी बहुत गहराई से जानती और मानती होंगी तो साड़ी का सिलसिला बहुत शानदार है इसे यूं ही बढ़ाते रहिए। ये देश के तमाम हुनरमंद बुनकरों की कला को देश विदेश में रोशन करने वाला है।