शिन्दे ने जो कहा ,उसके पीछे के षड्यंत्र को समझना होगा-

35_09_13_45_Sushilkumar_Shindeडा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री

सुशील कुमार शिन्दे ने जो हिन्दु आतंकवाद के बारे में कहा है , और दिग्विजय सिंह इस विषय पर जो आम तौर पर बोलते रहते हैं , उनके बीच के अन्तर को समझे बिना इसके पीछे के षड्यन्त्र को समझा नहीं जा सकता । दिग्विजय सिंह आतंकवाद में कुछ हिन्दुओं के भी लिप्त होने की बात करते हैं । उनका कहना है कि आतंकवाद में केवल मुसलमान ही शामिल हैं , यह कहना सही नहीं है । इसमें हिन्दु भी शामिल हैं । इसके बाद दिग्विजय का यह कहना है कि जो हिन्दु आतंकवाद में शामिल हैं , उनका कभी न कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ताल्लुक़ रहा है । यह बयान विवादास्पद हो सकते हैं , इनसे सहमत या असहमत भी हुआ जा सकता है , लेकिन ये कुल मिलाकर राजनैतिक बयानबाज़ी से ज़्यादा कुछ नहीं है । लेकिन सुशील शिन्दे की हिन्दुत्व को लेकर की गई व्याख्या राजनीति से कहीं आगे जाकर हिन्दुत्व की पहचान को पुन: पारिभाषित करने की राजनैतिक चेष्टा है । भारत का गृहमंत्री पहली बार आधिकारिक रुप से हिन्दु अथवा भगवा आतंकवाद की सूचना दुनिया भर को देता है । दुनिया में इस्लामी आतंकवाद शब्द रुढ़ हो चुका है और मीडिया आम तौर पर उसका प्रयोग भी करता है । इस्लामी आतंकवाद का अर्थ यह नहीं है कि आतंकवाद के कामों में मुसलमान लिप्त पाये गये हैं । आतंकवाद के काम में तो हिन्दु , मुसलमान , ईसाई कोई भी हो सकता है । उसका किसी मज़हब से कुछ लेना देना नहीं है । इस्लामी आतंकवाद का अर्थ है कि इस्लाम का वैचारिक आधार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला है । यह सच है या ग़लत है , यह अलग से बहस का विषय है । दुनिया में सैकडों साल का इतिहास ईसाइयों और मुसलमानों के मज़हबी युद्धों से भरा पड़ा है । इसलिये जब पश्चिम के मीडिया ने बीसवीं शताब्दी के अन्त में एक बार फिर इस्लामी आतंकवाद शब्द को प्रचलित करना शुरु किया और उसमें उन्हें सफलता भी मिली तो स्वभाविक ही मुसलमान बुद्धिजीवियों ने भी ईसाइ आतंकवाद शब्द प्रचलित करने की कोशिश की । लेकिन मीडिया पर जिस तरह से पश्चिमी ताक़तों का क़ब्ज़ा है , वहाँ मुसलमानों का यह प्रयास सफल नहीं हो सकता था ।

अब अचानक भारत के गृहमंत्री ने इस पूरी बहस को यह कह कर एक नया मोड़ दिया है कि आतंकवाद के केवल यही ध्रुव नहीं हैं बल्कि एक तीसरा ध्रुव हिन्दु आतंकवाद का भी है । लेकिन क्या सचमुच हिन्दुत्व का वैचारिक अधिष्ठान आतंकवाद पर अवस्थित है ? क्या हिन्दुत्व वैचारिक तौर पर आतंकवाद को प्रोत्साहित करता है ? हिन्दु ग्रन्थों का अध्ययन करने वाले विद्वान मानते हैं कि हिन्दुत्व अहिंसा को प्रश्रय देने वाला विचार है और इस मार्ग पर बुद्ध और जैन उस सीमा तक गये जिसमें मनुष्य तो क्या किसी कीट को मारना भी गुनाह है । सुशील शिन्दे उम्र के जिस मोड़ पर पहुँच चुके हैं , वे हिन्दुत्व के इस मूल स्वभाव को भी नहीं जानते होंगे , ऐसा मानने का कोई कारण नहीं है ।

लेकिन शिन्दे की नव व्याख्या का दूसरा हिस्सा षड्यंत्र की बू देना शुरु कर देता है । भगवा या हिन्दुत्व आतंकवादी है , यह कहने के पश्चात उनका कहना था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी हिन्दुत्व वादी युवकों को आतंकवाद का प्रशिक्षण देने के लिये बाक़ायदा कैम्प चलाती है । इसका अर्थ यह हुआ कि शिन्दे के बयान का पहला हिस्सा तो उसका सैद्धान्तिक पक्ष है और दूसरा हिस्सा उसका व्यावहारिक पक्ष । यानि हिन्दुत्व मूलत: आतंकवादी विचारधारा है , और भाजपा व संघ उसके आधार पर आतंकवाद के प्रशिक्षण कैम्प चलाते हैं । जब से पाकिस्तानी सेना द्वारा एक भारतीय सैनिक का सिर क़लम कर देने की घटना घटित हुई है , तब से यह चर्चा ज़ोर पकड़ने लगी थी कि भारत को सीमा पार पाकिस्तान द्वारा चलाये जा रहे आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर आक्रमण करना चाहिये । अब भारत सरकार ने उसका तोड़ निकाल लिया है । यदि पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं तो हिन्दुस्तान में भी तो हिन्दु आतंकवादी शिविर चल रहे हैं । पाकिस्तान में चल रहे आतंकवादी शिविरों के लिये तो फिर भी भारत को प्रमाण एकत्रित करने पड़ते थे , लेकिन पाकिस्तान सरकार को तो उसकी भी ज़रुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि यहाँ तो भारत सरकार का गृह मंत्री ख़ुद ही सार्वजनिक रुप से सबूत दे रहा है ।

लेकिन सोनिया कांग्रेस शिन्दे को मेहरा बना कर जो लड़ाई लड़ रही है , वह इससे भी आगे की है । २०१४ में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं । सोनिया कांग्रेस के भीतर की जो हालत है और यू पी ए की जो स्थिति बनती जा रही है , उससे लगने लगा है कि इस चुनाव में सोनिया कांग्रेस के लिये दोबारा सरकार बना लेना शायद सम्भव नहीं होगा । भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार बन सकती है , ऐसा कई पर्यवेक्षक अनुमान लगाने लगे हैं । इसलिये सोनिया कांग्रेस दुनिया भर के देशों को पहले ही बता देना चाहती है , कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की असलियत क्या है । अमेरिका ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि दुनिया में जहाँ कहीं भी आतंकवाद होगा , उसे समाप्त करनी उसकी ज़िम्मेदारी है । इसके लिये उसे किसी से पूछने की ज़रुरत नहीं है । अब मान लीजिये भारत में भाजपा सरकार आती है , और सोनिया कांग्रेस अमेरिका से शिकायत करती है कि देश पर आतंकवाद के समर्थकों का क़ब्ज़ा हो गया है , तो अमेरिका को क्या करना होगा ? अमेरिका ऐसे तत्वों को उखाडने के लिये कृत संकल्प है । रणनीति साफ़ है । २०१४ के चुनाव जीतने का प्रयास करो क्योंकि राहुल गान्धी को प्रधानमंत्री बना कर भारत पर राज करने का यह आख़िरी मौक़ा है । लेकिन साथ ही अभी से प्रचारित करना शुरु कर दो कि हिन्दुत्व और संघ भाजपा आतंकवादी हैं । हिन्दुत्व को आतंकवादी सिद्ध करने से देश में मतान्तरण अभियान में लगी ईसाइ मिशनरियों को सहायता मिलेगी और भाजपा संघ को आतंकवादी बताने से चुनाव के बाद अमेरिका की सहायता मिल सकती है । इस देश का दुर्भाग्य है कि इतिहास के हर कालखंड में किसी न किसी को सुशील शिन्दे जैसे मेहरे मिल ही जाते हैं ।

जब शिन्दे द्वारा की गई हिन्दुत्व की इस नव व्याख्या का देश भर में विरोध होने लगा तो उसने अपने इस बयान पर ंअफसोस ज़ाहिर करते हुये एक अत्यन्त चालाकी भरा दूसरा बयान जारी कर दिया । शिन्दे के अनुसार आतंक को किसी मज़हब से नहीं जोड़ा जा सकता । मेरे बयान से यदि कुछ ऐसा आभास मिलता था तो मुझे दुख है । शिन्दे को कौन कहता है कि उन्होंने किसी मज़हब को आतंक से जोड़ा ? हिन्दु आतंक शब्द का उन्होंने प्रयोग किया था । हिन्दु में तो सैकडों मज़हब हो सकते हैं । शिन्दे ने उनमंे से किसी को आतंक के साथ नहीं जोड़ा । उन्होंने तो पूरे भारतीय अथवा हिन्दु समाज को ही आतंक के साध जोड़ दिया । शिन्दे पाकिस्तान व अमेरिका की वैचारिक लड़ाई में किसी न किसी तरह हिन्दु आतंकवाद शब्द प्रचलित करवाना चाहते थे । उनका बयान उसी का प्रयास था । वे यह भी जानते ही थे कि राजनैतिक कारणों से इसे वापिस भी लेना पड़ेगा । लेकिन उनसे बयान दिलवाने वाले यह भी जानते थे कि जब देश का गृहमंत्री इस शब्द का प्रयोग करेगा तो इस पर छिड़ी बहस के बलबूते ही इसे प्रचलित करना कहीं आसान हो जायेगा । अपने खेद प्रकट करने वाले बयान के दूसरे हिस्से में उन्होंने कहा कि जिन संगठनों पर आतंकवादी कैम्प लगाने की बात कही थी , उसका कोई आधार नहीं है । क्या शिन्दे बतायेंगे कि इस उम्र में आकर भी वे आधारहीन आरोप किस के इशारे पर लगाते हैं और इसका अन्तिम लाभ कौन लेता है ? बयान देने और उसके कारण उठने वाले विरोध , और उस विरोध के कारण खेद प्रकट करने वाले बयान , ये सभी एक ही श्रृंखला और रणनीति का हिस्सा होता है । यह ठीक समय पर बीजारोपण करना है जो ठीक समय आने पर पर फलता है । शिन्दे का पहला बयान और खेद प्रकट करने वाला दूसरा बयान एक बड़े उद्देश्य को ध्यान में रखते हुये , दिये गये एक दूसरे के पूरक ही हैं । पड़ताल केवल इस बात की करनी होगी कि इसके पीछे कौन है ? लगता है राहुल गान्धी को प्रधानमंत्री बनाने की जल्दी में पर्दे के पीछे नक़ाबपोश सक्रिय हो गये हैं और उन्होंने देश की मूल पहचान हिन्दुत्व पर ही हमला करना शुरु कर दिया है । इसलिये इस प्रकार के राष्ट्रघाती बीज को अभी ज़मीन में से निकाल फेंकना होगा , अन्यथा इस के काँटे गहरी चुभन पैदा करेंगे ।

Previous articleबाधाओं के बीच बजट-सत्र
Next articleआसान नहीं होगी अगले पोप की राह
डॉ. कुलदीप चन्‍द अग्निहोत्री
यायावर प्रकृति के डॉ. अग्निहोत्री अनेक देशों की यात्रा कर चुके हैं। उनकी लगभग 15 पुस्‍तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। पेशे से शिक्षक, कर्म से समाजसेवी और उपक्रम से पत्रकार अग्निहोत्रीजी हिमाचल प्रदेश विश्‍वविद्यालय में निदेशक भी रहे। आपातकाल में जेल में रहे। भारत-तिब्‍बत सहयोग मंच के राष्‍ट्रीय संयोजक के नाते तिब्‍बत समस्‍या का गंभीर अध्‍ययन। कुछ समय तक हिंदी दैनिक जनसत्‍ता से भी जुडे रहे। संप्रति देश की प्रसिद्ध संवाद समिति हिंदुस्‍थान समाचार से जुडे हुए हैं।

4 COMMENTS

  1. कोंग्रेस अपनी दूषित विचारों की फुलझड़ी छोड़ती रहती है और मीडिया उसको बार बार घुमा घुमाकर दिखाता रहता है जनता को भ्रमित करने के लिए ताकि लोगो उसी मे उलझे रहे |देश मे इस बार एतिहासिक परिवर्तन की बयार बह चली है |२०१३ मे इनकी तेरही हो जायेगी |

  2. YE SAB JAN CHUKE HAI KI UNKA BHANDA FOD HOONE ME AB BAHOT KAM VAKT RAH GAYA HAI IS LIYE YE LOG JISKE GULAM HAI UN AAKAO KO KHUS KARNE KE LIYE OR KONGRES KI MUKHIYA KI MANSA KO PURI KARNE KE LIYE JIS DESH KA KHATE HAI USAKA BHI BURA KARNE SE BAZ NAHI AATE >>>.

    AB UNKA VAKTA KHATAM HO GAYA HAI BOKHLA GAYE HAI SARE KE SARE KONGRESI

  3. अपनी विफलताओं को छिपाने का यही एक मात्र तरीका है,क्या होगा इस मुल्क का सब अँधेरे में छिपा है.,यह नेता इसे कब कहाँ ले जा कर छोड़ेंगे ?कब जनता को इनसे मुक्ति मिलेगी?समाज के वातावरण को शायद तार तार करने के बाद.

  4. हिंदु कभी आतंकवादी नहीं होता यह कांग्रेस की सॊची समझी रणनीति का हिस्सा है जो शिंदे से ऐसा ब्यान दिलाया

Leave a Reply to prabhudayal Cancel reply

Please enter your comment!
Please enter your name here