भारत-जापान के रिश्तों को नया आयाम देने वाली शख्सियत थे ‘शिंजो आबे’

दीपक कुमार त्यागी

शुक्रवार की सुबह जब हम लोग अपने दैनिक कार्यों को शुरू करने की तैयारी कर रहे थे, तब ही देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 5507 किलोमीटर दूर जापान के नारा शहर में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली मारने देने की झकझोर देने वाली घटना घटित हो गयी। चंद मिनटों में ही यह खबर पूरी दुनिया में फैल गयी। इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल जापान के बेहद लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे आखिर जिंदगी की यह जंग हार गये। विश्व के सबसे ताकतवर व विभिन्न महत्वपूर्ण राजनीतिक मंचों को सुशोभित करने वाला एक अनमोल हीरा अचानक ही क्रूर काल का ग्रास बनकर यूं एक ही पल में घटित गोलीबारी के हमले के चलते असमय दुनिया को अलविदा कह गया। अब दुनिया में शिंजो आबे की केवल अनमोल यादें ही शेष रह गयी हैं। हालांकि जापान के साथ-साथ विशेषकर भारत व दुनिया में जापान के सभी मित्र देशों के लिए भी यह एक बहुत बड़ी क्षति है। क्योंकि आज शिंजो आबे जैसी बुद्धिजीवी शख्सियत, शानदार कार्यशैली वाले, दूरदर्शी व उच्च विचार वाले राजनेताओं का विश्व पटल पर जबरदस्त रूप से अभाव है। आपको बता दें कि

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को पश्चिमी जापान के नारा शहर में चुनावी भाषण देने के दौरान पत्रकार बनकर आये एक हमलावर शख्स ने पीछे से दो गोली गर्दन व सीने में मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस घटना के बाद जापान के मीडिया हाउस ‘एनएचके’ ने इस घटना का एक वीडियो फुटेज प्रसारित किया था, जिसमें शिंजो आबे को गोली लगने के बाद सड़क पर स्पष्ट रूप से गिरते हुए देखा जा सकता है और कई सुरक्षाकर्मी उनकी ओर भागते हुए देखे जा सकते हैं। शिंजो आबे जब जमीन पर गिरे तो उन्होंने अपने सीने पर हाथ रखा हुआ था तथा उनकी कमीज पर खून लगा हुआ देखा गया था। 

हालांकि पुलिस ने तत्काल फुर्ती दिखाते हुए भागते हुए संदिग्ध हमलावर 41 साल के तेत्सुया यामागामी को तत्काल ही मौके से  गिरफ्तार कर लिया और हमले में इस्तेमाल हुई एक कैमरा का रूप दी गयी देसी शॉटगन को भी तुरंत ही घटनास्थल बरामद कर लिया है। जापान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार यह हमलावर जापान की समुद्री सेना का पूर्व सैनिक रहा है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की अब पूछताछ जारी है और हत्याकांड की मुख्य मंशा क्या थी इसके लिए जांच जारी है। शिंजो आबे पर यह जानलेवा हमला 8 जुलाई 2022 शुक्रवार के दिन जापान के स्थानीय समयानुसार दिन में लगभग 11:30 बजे के आसपास हुआ था यानी हमला भारतीय समयानुसार प्रातः 8:00 बजे के लगभग हुआ था। हालांकि इस हमले के तुरंत बाद ही जमीन पर गिरे हुए खून से लथपथ शिंजो आबे को बेहद गंभीर हालत में पास के नारा मेडिकल यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में उनके जीवन को बचाने के लिए चिकित्सकों ने भरसक प्रयास किये, लेकिन मीडिया सूत्रों के अनुसार गोली लगने के बाद उनको दिल का दौरा भी पड़ गया था, जिसके चलते शिंजो आबे की हालत बेहद गंभीर हो गयी थी। यहां आपको यह भी बता दें कि जापान में रविवार को उच्च सदन के चुनाव होने हैं, इसके चलते ही शिंजो आबे वहां पर लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में सड़क के पास चुनावी भाषण देकर के चुनावी प्रचार कर रहे थे। गोली लगने के बाद से ही शिंजो आबे के जीवन की रक्षा के लिए दुनिया में उनके शुभचिंतकों के द्वारा सर्वशक्तिमान ईश्वर से विशेष प्रार्थना की जा रही थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस झकझोर देने वाली घटना पर  सुबह ट्वीट किया था उन्होंने लिखा- मेरे प्यारे दोस्त शिंजो आबे पर हुए हमले से बहुत व्यथित हूं। हम सब की प्रार्थना उनके, उनके परिवार व जापान के लोगों के साथ हैं। लेकिन ईश्वर की इच्छा पर किसी भी व्यक्ति का कोई बस नहीं चलता है, शिंजो आबे इलाज के बाद भी जिंदगी की यह जंग हार गये।

*”हालांकि दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में बेहद लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर हमले की यह दर्दनाक घटना विश्व की सभी तेजतर्रार सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक बेहद हैरान करने वाली व चुनौतीपूर्ण घटना है। क्योंकि जापान में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है, वहीं हथियारों की होड़ पर लगाम लगाने के लिए जापान की सरकार ने बंदूक नियंत्रण के सख्त कानून लागू कर रखें हैं, उसके बावजूद भी शांतिप्रिय जापान में एक पूर्व नौसैनिक के द्वारा देश के पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की घटना का घटित हो जाना चिंताजनक है।”*

जापान में अपनी लोकप्रियता के दम पर एक के बाद एक करके लगातार चुनावों में जीत हासिल करने वाले शिंजो आबे ने देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने के अपने चाचा के रिकार्ड को तोड़ने का कार्य किया था। लेकिन वर्ष 2020 में शिंजो आबे ने खराब स्वास्थ्य की वजह से जापान के प्रधानमंत्री पद से बड़े भारी मन से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि उस वक्त शिंजो आबे को जल्दी-जल्दी अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा था। प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद भी जापान की जनता के बीच शिंजो आबे बेहद लोकप्रिय थे। वह भारत में भी काफी लोकप्रिय हैं, जिसके चलते ही वर्ष 2021 में शिंजो आबे को भारत सरकार ने हिंदुस्तान के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित करने का कार्य किया था। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ घटित इस दुखद घटना से जितना दुखी जापान की जनता है, भारत के लोगों भी उतना ही दुखी हैं। क्योंकि शिंजो आबे एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने भारत व जापान के आपसी संबंधों को हर परिस्थिति में बेहद मजबूती प्रदान करते हुए बुलंदियों पर पहुंचाने का कार्य किया था, उन्होंने हमेशा भारत की विकास यात्रा में अपना  अनमोल योगदान देने का कार्य किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी दोस्ती के चर्चे तो पूरी दुनिया में होते थे। शिंजो आबे पीएम नरेंद्र मोदी को अपना बेहद खास घनिष्ठ दोस्त मानते थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनसे दोस्ती निभाने के लिए हर वक्त तत्पर रहते थे। शिंजो आबे ने वर्ष 2006-2007 में अपने पहले कार्यकाल में हुए भारत के दौरे दौरान भारतीय संसद में अपना संबोधन भी दिया था। वह जापान के पहले ऐसे प्रधानमंत्री रहे है जो कि वर्ष 2014 में मनमोहन सिंह की सरकार में भारतीय गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने वर्ष 2015 में भारत के साथ सिविल न्यूक्लियर की डील करके दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया था, उन्होंने ही वर्ष 2015 में भारत को बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया जो की अब धरातल पर जल्द ही पूरा होने के कगार पर है, उनके प्रयासों के चलते ही वर्ष 2015 में रक्षा उपकरण और टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण को लेकर एक बेहद महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति बनी थी। उनके कार्यकाल में ही देश में बहुत बड़े पैमाने पर जापानी निवेश हुआ था, जिसके चलते ही जापानी कंपनियां आज भी तेजी के साथ भारत में अपने यूनिट्स को लगाने का कार्य कर रही हैं। शिंजो आबे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना बेहद भरोसेमंद मित्र मानते थे, जिसके चलते ही उनको भारत व भारतीयता से बेहद लगाव था, वह भारतीय संस्कृति से बेहद प्रभावित थे, इस लगाव के चलते ही शिंजो आबे अपने कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा बार भारत का दौरा करने वाले जापान के  प्रधानमंत्री बने गये थे। शिंजो आबे ने ही वर्ष 2007 में जापान, भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक बृहद चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता शुरू करने का कार्य किया था, जिसको शिंजो आबे ने अगस्त 2007 में भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के लंबे इतिहास पर एक नए द्विपक्षीय एशियाई गठबंधन के लिए सहमति देकर रिश्तों को मजबूती देने का कार्य किया था। भारत के साथ-साथ दुनिया में भी शिंजो आबे को  इंडो-पैसिफिक और क्वाड में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए हमेशा याद रखा जायेगा। लेकिन आज भारत ने अपने सच्चे मित्र शिंजो आबे को हमेशा के लिए खो दिया, हम भारतवासी शिंजो आबे को कोटि-कोटि नमन करते हुए अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

13,690 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress