धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द ने अपने गुरु को दिया वचन प्राणपण से निभाया” December 21, 2018 / December 21, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द (1825-1883) गुजरात राज्य के मोरवी जिले के टंकारा नामक ग्राम में एक शिवभक्त पौराणिक परिवार में जन्में थे। उनके पिता श्री कर्शनजी तिवाड़ी कट्टर शिवभक्त थे। 14 वें वर्ष में शिवरात्रि के दिन स्वामी दयानन्द जी को बोध हुआ था। वह सच्चे शिव और मृत्यु पर विजय पाने सहित […] Read more » आर्याभिविनय आर्योद्देश्यरत्नमाला ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका गोकरुणानिधि पंचमहायज्ञविधि पूना-प्रवचन व्यवहारभानुः संस्कारविधि
धर्म-अध्यात्म ‘भारत में उत्पन्न सब लोगों को देश की उन्नति तन, मन व धन से करनी चाहिये’ November 21, 2018 / November 21, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हम बहुधा देखते कि कुछ स्वदेशवासियों व संस्थाओं में स्वदेश भक्ति कम है अथवा नहीं है। देश और मातृभूमि को सबसे ऊंचा व बड़ा नहीं माना जाता। ऐसे भी लोग हैं जो विदेशी मत-मतान्तरों व उनके अनुसार जीवन जीने में ही अपने को गौरवान्वित अनुभव करते हैं। ऐसे लोगों का आचार, विचार […] Read more » आर्याभिविनय उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्य दर्शन प्रक्षेपरहित वेद सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द ने सभी मिथ्या आध्यात्मिक मान्यताओं एवं सभी सामाजिक बुराईयों का निवारण किया” November 8, 2018 / November 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द सर्वांगीण व्यक्तित्व के धनी थे। आध्यात्मिक दृष्टि से उन्हें देखें तो वह आध्यात्म व योग के ऋषि कोटि के विद्वान थे। उनके सामाजिक योगदान पर दृष्टि डालते हैं तो वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एक या दो सामाजिक दोषों पर ध्यान नहीं दिया अपितु सभी सामाजिक बुराईयों का उन्मूलन […] Read more » अध्यात्म आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द जीवात्मा ज्ञान पंचमहायज्ञविधि प्रकृति योग सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ‘ईश्वर, माता-पिता और आचार्य का जीवन में सर्वोपरि स्थान’ August 31, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य जीवन में सबसे महत्वपूर्ण क्या व कौन है, इसका विचार करने पर जो उत्तर मिलता है वह यह कि हमें अपने शरीर व स्वास्थ्य का ध्यान रखना है। इस शरीर को आसन-प्राणायाम-व्यायाम तथा आहार-निद्रा-ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए स्वस्थ रखना है। मनुष्य जीवन में सबसे महत्वपूर्ण ईश्वर है और उसके बाद […] Read more » Featured आर्याभिविनय ईश्वर उत्तम स्वास्थ्य ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ओषधि जीवात्मा धन एवं समृद्धि वस्त्र सत्यार्थप्रकाश सुख सृष्टि सेवा
धर्म-अध्यात्म ‘ऋषि दयानन्द ने देश और धर्म की रक्षा के लिए ही आर्यसमाज बनाया’ August 22, 2018 / August 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, 1875 ई. को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की थी। आर्यसमाज की स्थापना का कारण वैदिक धर्म एवं संस्कृति सहित देश की रक्षा करना था। यह सुविदित है कि प्राचीन वैदिक सनातन धर्म में महाभारत व उसके बाद विकृतियां आनी आरम्भ हो गईं थीं। इसका कारण महाभारत […] Read more » Featured आर्यसमाज आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द धर्म की रक्षा सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “चलो, स्वाध्याय करें” July 30, 2018 / July 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हमारा जहां तक ज्ञान है उसके अनुसार संसार में केवल वैदिक मत ही एकमात्र ऐसा धर्म वा मत है जहां प्रत्येक मनुष्य को वेद आदि सद्ग्रन्थों के स्वाध्याय को नित्य कर्तव्य कर्मों से जोड़ा गया है। वैदिक काल में प्रमुख ग्रन्थ ‘चार वेद’ थे और आज भी संसार के साहित्य में चार […] Read more » Featured अनेक वैदिक अपूर्व ग्रन्थों सत्यार्थप्रकाश आर्याभिविनय उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्य ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द चलो दर्शन भाष्यकार मनुस्मृति महाभारत रामायण वेदभाष्य सत्यार्थप्रकाश संस्कारविधि स्वाध्याय करें”
धर्म-अध्यात्म “हम ईश्वर के गुणों का साक्षात्कार कर उससे लाभ उठा सकते हैं” July 23, 2018 / July 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम अपने परिवार, मित्र मण्डली तथा पड़ोसी आदि अनेक लोगों को जानते हैं। हम से कोई पूछे कि क्या अमुक व्यक्ति को आप जानते हैं तो हमारा उत्तर होता है कि हां, हम उसे जानते हैं। हमारा यह उत्तर पूर्ण सत्य नहीं होता। हम न तो किसी मनुष्य के सभी गुणों को […] Read more » “हम ईश्वर के गुणों का साक्षात्कार कर उससे लाभ उठा सकते हैं” Featured आर्याभिविनय ईश्वर उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका गोकरुणानिधि चेतन ज्ञानवान् दर्शन व वेद निराकार व इंद्रियों से अगोचर पंचमहायज्ञविधि व्यापक सत्यार्थप्रकाश संस्कारविधि