विधि-कानून समाज उ. प्र. में न्याय पंचायतों का खात्मा एक अनुचित निर्णय January 13, 2018 by अरुण तिवारी | Leave a Comment स्वयं को भारतीय संस्कृति और परम्पराओं का पोषक दल बताने वाले भारतीय जनता पार्टी के विचारकों के लिए यह आइना देखने की बात है कि उत्तर प्रदेश की योगी केबिनेट ने समाज और संविधान की मान्यता प्राप्त न्याय पंचायत सरीखे एक परम्परागत संस्थान को खत्म करने का निर्णय लिया। उत्तर प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों तथा ग्रामसभाओं […] Read more » Featured nyaya panchayats unfair decision in UP to end nyaya panchayats अनुचित निर्णय उ.प्र न्याय पंचायत न्याय पंचायतों का खात्मा
राजनीति उ. प्र. पंचायती चुनाव September 28, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment सवाल भी, उम्मीद भी गौतमबुद्धनगर को छोङकर 74 जि़ले, 11.36 करोङ मतदाता, 78,596 मतदाता केन्द्र, एक लाख, 78,588 मतदाता बूथ और तीन लाख सुरक्षाकर्मी! मतगणना के चार चरण – 9,13,17 और 29 अक्तूबर, 2015; नतीजे का तिथि – एक नवंबर, 2015. इन आंकङों के साथ बीती 21 जुलाई को उत्तर प्रदेश में जिला और क्षेत्र […] Read more » Featured उ.प्र पंचायती चुनाव
राजनीति उ.प्र. का निराशाजनक राजनीतिक परिदृश्य August 7, 2011 / December 7, 2011 by सुनील अमर | 1 Comment on उ.प्र. का निराशाजनक राजनीतिक परिदृश्य सुनील अमर लोकतांत्रिक प्रणाली में प्रबल बहुमत क्या सत्तारुढ़ राजनीतिक दल के भविष्य के लिए बहुत मुफीद नहीं होता ? क्या ऐसा होना उन्हें प्रशासनिक निरंकुशता और सांगठनिक उदासीनता की दिशा में ले जाता है ? या राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र का समाप्त हो जाना ही इन सारी समस्याओं का कारण है ? देश […] Read more » uttar pradesh उ.प्र