विविधा विरोध का गिरता स्तर गोवध June 6, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment क्यों अन्य पशुओं जैसे भैंस बकरी ऊँटनी के दूध में मातृत्व के पूरक अंश नहीं पाए जाते? क्या गाय के अलावा किसी अन्य जीव के मल मूत्र में औषधीय गुण पाए जाते हैं? जब ईश्वर ने स्वयं गाय का सृजन मनुष्य का पालन करने योग्य गुणों के साथ किया है और आधुनिक विज्ञान भी इन तथ्यों को स्वीकार कर चुका है तो फिर वह गाय जो जीते जी उसे पोषित करती है तो क्यों हम उसे माँ का दर्जा नहीं दे पा रहे ? राजिस्थान हाई कोर्ट की सलाहानुसार अपने पड़ोसी देश नेपाल की तरह क्यों नहीं हम भी गाय को अपना राष्ट्रीय पशु घोषित कर देते उसे मारकर उसके ही माँस से पोषण प्राप्त करने की मांग कहाँ तक उचित है? Read more » Featured गोवध
राजनीति टण्डन चाहते थे गोवध को मानव वध के समान माना जाए June 2, 2016 / June 2, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन जी ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने गोवध को मानववध के समान दण्डनीय अपराध माना था। उन्होंने अपनी इस मान्यता को बलवती करने के लिए 22 जनवरी 1956 को कलकत्ता में आयोजित सर्वदलीय गोरक्षा सम्मेलन में बोलते हुए कहा था कि-गाय यद्यपि एक पशु है, किंतु हिंदू जाति और गौ का संबंध आदि […] Read more » Featured Rajarshi Purushottam Das Tandon गोवध मानववध राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन