शख्सियत समाज घट घट अंतर अनहद गरजै : कबीर June 23, 2016 by डॉ. मधुसूदन | 10 Comments on घट घट अंतर अनहद गरजै : कबीर डॉ. मधुसूदन (एक) कबीर-वाणी की विशेषता: कबीर जी की विशेषता है संक्षेप, एक लुहार के घाव जैसी शक्तिशाली चोट मारते हैं, और, सारा ज्ञान-सागर गागर में? जी नहीं, एक सीप में ले आते हैं! और चंद शब्दों की सीप पाठक को चकाचौंध कर रख देती है। विद्वान कहते हैं, “शब्द पेड के, पत्तों जैसे होते […] Read more » Featured Kabir Kabir Jayanti कबीर घट घट अंतर अनहद गरजै