जन-जागरण विविधा जल ही जीवन हैं April 9, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment महेश तिवारी जल ही जीवन हैं,यह कहावत ही नहीं हैं लेकिन जब इसके लिए ही आपसी कटुता और वैमनस्य का भाव उत्पन्न हो जाए और इसके लिए धारा 144 को लगाना पडें तो यह मालूमात करना काफी आसान हो जाता है कि देश में जलसंकट की समस्या कितनी भयावह रूप लेती जा रही है। एक […] Read more » Featured water problem in Maharashtr जल ही जीवन है
विविधा जल ही जीवन है June 8, 2013 by डॉ.प्रेरणा चतुर्वेदी | 1 Comment on जल ही जीवन है जिस देश को ‘सोने की चिड़िया ’ कहा जाता था। जहाँ दूध की नदियाँ बहती थीं। उसी देश में अब दूध तो दूर दो बूँद पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है । क्योंकि प्रकृति द्वारा प्रदत्त इस अपार, अकूत और बहुमूल्य तोहफे का इंसान लगातार अपने स्वार्थ के लिए दुरूपयोग करता ही जा […] Read more » जल ही जीवन है