विविधा दूषित सोच से लोकतंत्र का कमजोर होना July 1, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment हमारी विरोध की ताकत भी किन्हीं संकीर्णताओं की शिकार है। यही कारण है कि इन स्थितियों से गुरजते हुए, विश्व का अव्वल दर्जे का लोकतंत्र कहलाने वाला भारत आज अराजकता के चैराहे पर है। जहां से जाने वाला कोई भी रास्ता निष्कंटक नहीं दिखाई देता। इसे चैराहे पर खडे़ करने का दोष जितना जनता का है उससे कई गुना अधिक राजनैतिक दलों व नेताओं का है जिन्होंने निजी व दलों के स्वार्थों की पूर्ति को माध्यम बनाकर इसे बहुत कमजोर कर दिया है। Read more » Featured Tylene Lyngdoh ताइलिन लिंगदोह लोकतंत्र लोकतंत्र में गरीब