राजनीति नेहरू-कांग्रेस के पाप का ठिकरा अम्बेदकर के मत्थे फोडे जाने की त्रासदी April 15, 2017 by मनोज ज्वाला | 2 Comments on नेहरू-कांग्रेस के पाप का ठिकरा अम्बेदकर के मत्थे फोडे जाने की त्रासदी यहां ध्यान देने की बात है कि २२ जनवरी १९४७ को, संविधान की प्रस्तावना को जिस दार्शनिक आधारशिला के तौर पर स्वीकार किया गया था उसे अखंड भारत के संघीय संविधान के परिप्रेक्ष्य में बनाया गया था वह भी इस आशय से कि इसे ब्रिटिश सरकार की स्वीकृति अनिवार्य थी क्योंकि २२ जनवरी १९४७ को भारत ब्रिटिश क्राऊन से ही शासित था । १५ अगस्त १९४७ के बाद से लेकर २६ जनवरी १९५० तक भी भारत का शासनिक प्रमुख गवर्नर जनरल ही हुआ करता था जो ब्रिटिश क्राऊन के प्रति वफादारी की शपथ लिया हुआ था न कि भारतीय जनता के प्रति । Read more » Featured अम्बेदकर नेहरू-कांग्रेस नेहरू-कांग्रेस के पाप का ठिकरा अम्बेदकर