समाज विलुप्त होती जा रही नैतिकता और मानवता June 26, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी आज का मानव कहने को और भौतिक रुप में दिखने को बहुत ही आधुनिक तथा सम्पन्न हो गया है, परन्तु आन्तरिक रुप में वह बहुत ही खोखला और टूट सा गया है। उसमें सहनशीलता खत्म सी हो गयी है. दूसरों के अन्धानुकरण ने विश्व को बरबादी के कागार पर लाकर खड़ा कर […] Read more » नैतिकता मानवता
विविधा नैतिकता बची नहीं, भलमनसाहत जाती रही August 15, 2011 / December 7, 2011 by डॉ0 शशि तिवारी | Leave a Comment डॉ. शशि तिवारी कहने को तो स्वतंत्र हुए हम 64 बसंत देख चुके हैं लेकिन जब भी जालिम अंग्रेजों का ख्याल आता है तब-तब अनायास ही हमें अपने भारतीय जल्लाद तथाकथित नेता अनायास ही याद आ जाते हैं जब भी मैं दोनों के मध्य तुलना करती हूं तो भारतीय नेताओं को सबसे निचले पायदान पर […] Read more » Morality नैतिकता
विविधा क्या बेमानी हैं राजनीति में नैतिकता के प्रश्न ? March 29, 2011 / December 14, 2011 by संजय द्विवेदी | 3 Comments on क्या बेमानी हैं राजनीति में नैतिकता के प्रश्न ? -संजय द्विवेदी यह विडंबना ही है कि देश में एक महान अर्थशास्त्री, प्रधानमंत्री पद पर बैठे हैं और महंगाई अपने चरम पर है। संभवतः वे ईमानदार भी हैं और इसलिए भ्रष्टाचार भी अपने सारे पुराने रिकार्ड तोड़ चुका है। किंतु क्या इन संर्दभों के बावजूद भी देश के मन में कोई हलचल है। कोई […] Read more » Corruption नैतिकता भ्रष्टाचार