धर्म-अध्यात्म “श्राद्ध और तर्पण – ज्ञानपूर्वक किया गया कर्म ही फल दायक होता है अन्य नहीं” October 2, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आजकल देश में श्राद्ध एवं तर्पण का पक्ष चल रहा है। श्राद्ध के बारे में मान्यता है कि भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष में मृतक माता-पिता, दादी-दादा व परदादी-परदादा का का श्राद्ध करने से वह तृप्त होते हैं। इसके लिये पण्डितों व ब्राह्मणों को भोजन कराने सहित यज्ञ-हवन व दान-पुण्य का महत्व […] Read more » अन्धविश्वासों अन्न आचार्य चाचा ताऊ दादा दादी दुग्ध धार्मिक कर्मकाण्डों फल फूफा बहिन बुआ भाई मामा मौसी
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्मी सभी बुराईयों से मुक्त अनुशासित,बलवान, क्षमतावान व देशभक्त होते हैं’ July 23, 2018 / July 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक धर्मी का अर्थ होता है कि ईश्वरीय ज्ञान वेद को जानने वाला व उसकी शिक्षाओं को मन, वचन व कर्म से अपने जीवन में धारण व पालन करने वाला। वेद सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा द्वारा मनुष्यों को अपने कर्तव्य व अकर्तव्यों की पूर्ति का ज्ञान कराने के लिए प्रदान […] Read more » Featured अभक्ष्य पदार्थों का सर्वथा त्याग क्षमतावान व देशभक्त होते हैं’ गोघृत गोदुग्ध दधि पौष्टिक भोजन फल बलवान यज्ञ वैदिक धर्मी सभी बुराईयों से मुक्त अनुशासित शुद्ध अन्न सोच
धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज का उद्देश्य संसार का उपकार करना” April 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य समाज की एक इकाई है। मनुष्य का अभिप्राय स्त्री व पुरुष दोनों से होता है। इन दोनों के समूहों से मिल कर समाज बनता है। समाज का अर्थ होता कि सभी मनुष्य स्त्री व पुरुष परस्पर समान अथवा बराबर हैं। पृथिवी के किसी भूभाग पर समाज के द्वारा ही देश का […] Read more » Featured अग्नि अन्न आकाश ओषिधियां जल दुग्घ फल फूल मनुष्य वनस्पतियां वायु समाज