समाज बाजार जी! संभावनाएं यहां मत टंटोलिए -जयप्रकाश सिंह July 24, 2009 / December 27, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on बाजार जी! संभावनाएं यहां मत टंटोलिए -जयप्रकाश सिंह ‘घर से निकलते ही, कुछ दूर चलते ही’ आजकल अधिकांश व्यक्तियों का सामना बाजार से हो जाता है। मेरा भी आमना-सामना उनके अगणित रूपों में से किसी न किसी के साथ प्रतिदिन होता रहता है। मिलने पर बकवासी बुद्धिजीवियों की तरह मैं भी उनसे बतियाने की कोशिश करता हूं। वे भी मुझे अन्य व्यवहारिक लोगों […] Read more » market बाजार