धर्म-अध्यात्म ‘नित्य पठनीय एवं आचरणीय सर्वतोमहान धर्मग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश’ November 28, 2018 / November 28, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, परमात्मा ने इस सृष्टि और मनुष्य आदि प्राणियों को बनाया है। परमात्मा, जीवात्मा और प्रकृति का अखिल विश्व में स्वतन्त्र अस्तित्व है। यह तीनों सत्तायें मौलिक, अनादि, नित्य, अनुत्पन्न, अविनाशी गुणों वाली हैं। परमात्मा ने यह सृष्टि जीवों के कर्मों के सुख व दुःख रूपी फल प्रदान करने के लिये बनाई है। […] Read more » ‘नित्य पठनीय एवं आचरणीय सर्वतोमहान धर्मग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश’ अध्ययन-अध्यापन अर्थ उपाय काम बन्धन भक्ष्य व अभक्ष्य मनुष्य धर्म मोक्ष शिक्षा
धर्म-अध्यात्म “वेद और ऋषियों ने दिया पूरे विश्व को आत्मा के अविनाशी होने व पुनर्जन्म का सिद्धान्त” June 15, 2018 / June 15, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति कर सत्य व असत्य को जानना, असत्य को छोड़ना, सत्य को स्वीकार करना व उसे अपने आचरण में लाना है। सबसे पहला कार्य जो मनुष्य को करना है वह स्वयं को व इस संसार को अधिक सूक्ष्मता से न सही, सार रूप में जानना तो […] Read more » “वेद और ऋषियों ने दिया पूरे विश्व को आत्मा के अविनाशी Featured अनादि अनुत्पन्न अविनाशी चेतन पुनर्जन्म पूर्व जन्म पूर्वजन्म-जन्म-पुनर्जन्म बन्धन मोक्ष सुख व दुख होने व पुनर्जन्म का सिद्धान्त”
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा का अनादित्व एवं उसका अनेक बार मोक्ष प्राप्त करना November 27, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर, जीव तथा प्रकृति अनादि, नित्य, अविनाशी, अजर व अमर हैं। जीवात्मा ईश्वर से कर्मानुसार जन्म मरण प्राप्त कर कर्म-फलों को भोगता है। मनुष्य योनि उभय योनि है जिसमें मनुष्य पूर्व किये हुए कर्मों के फलों को भोगता भी है और नये कर्मों को करता भी है। मनुष्य जीवन में यदि मनुष्य […] Read more » जीवात्मा मोक्ष
चिंतन धर्म-अध्यात्म क्या हमारा पहले एक व अनेक बार मोक्ष हुआ है? March 25, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य योनि मोक्ष का द्वार है। मोक्ष दुःखों से सर्वथा निवृत्ति और जन्म-मरण के बन्धन से मुक्ति को कहते हैं। मनुष्य व अन्य प्राणियों की आत्माओं का जन्म उनके पूर्व मुनष्य जन्मों के शुभ व अशुभ कर्मों के फलों के भोग के लिए होता है। ऐसी शास्त्रीय मान्यता है कि जब मनुष्य […] Read more » मोक्ष
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा के मोक्ष विषयक महर्षि दयानन्द के शास्त्र सम्मत विचार May 28, 2015 / May 28, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- मनुष्य जीवन का उद्देश्य सत्कर्म करके धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति है। इस पुरूषार्थ चतुष्टय में मोक्ष का विवरण वेद, दर्शन व उपनिषदों आदि प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है। महर्षि दयानन्द जी ने अपने विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश में इसका विस्तार से वर्णन किया है जो कि अन्यत्र दुर्लभ […] Read more » fearured जीवात्मा जीवात्मा के मोक्ष विषयक महर्षि दयानन्द के शास्त्र सम्मत विचार महर्षि दयानन्द मोक्ष