कविता पचास के उस पार April 29, 2015 / April 29, 2015 by बीनू भटनागर | Leave a Comment -बीनू भटनागर- माना कि यौवन के वो पल, खो गये कुछ उलझनों में, मैं वही हूं तुम वही हो, फिर न क्यों जी लें कभी, उन्माद के वो क्षण। तुम मेंरे हो शांत सागर लक्ष्य मेंरा , मैं नदी बहती हुई तुमसे मिली थी, बांहे फैला दो मै तो अब भी वही हूं। तुम हो […] Read more » Featured कविता पचास के उस पार यौवन कविता