आर्थिकी समाज रामदेव के स्वदेशी मॉडल से पेट में मरोड़ क्यों? April 27, 2016 by प्रवीण दुबे | 2 Comments on रामदेव के स्वदेशी मॉडल से पेट में मरोड़ क्यों? प्रवीण दुबे बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान अपनी बिक्री 5,000 करोड़ रुपये के पार जाने तथा इस वर्ष का लक्ष्य 10,000 करने की घोषणा क्या की कुछ लोगों के पेट में मरोड़ उठने लगी। आश्चर्य की बात यह है कि बाबा रामदेव की इस उपलब्धि पर कपड़े फाडऩे वालों […] Read more » Featured पेट में मरोड़ रामदेव रामदेव के स्वदेशी मॉडल स्वदेशी मॉडल
विविधा दोनों ही पक्ष आत्म-मंथन करें May 4, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 4 Comments on दोनों ही पक्ष आत्म-मंथन करें सिद्धार्थ शंकर गौतम बाबा रामदेव की संसद एवं सांसदों के प्रति की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर बबाल थमता नज़र नहीं आ रहा है| गौरतलब है कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में अपने अभियान की शुरुआत करते हुए रामदेव ने कहा कि संसद के भीतर कुछ लोग अच्छे हैं, लेकिन ज्यादातर लुटेरे और जाहिल […] Read more » अरविंद केजरीवाल रामदेव
राजनीति विधि-कानून रामलीला मैदान कांड: अदालती निर्णय पर होती राजनीति February 26, 2012 by तनवीर जाफरी | 5 Comments on रामलीला मैदान कांड: अदालती निर्णय पर होती राजनीति तनवीर जाफरी दिल्ली के रामलीला मैदान में गत् वर्ष 4 व 5 जून 2011 की मध्यरात्रि में हुए लाठीचार्ज पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुना दिया है। जस्टिस बी एस चौहान तथा जस्टिस स्वतंत्र कुमार की संयुक्त पीठ ने गत् वर्ष जून में बाबा रामदेव के समर्थकों पर हुई बर्बर पुलिस कार्रवाई को गलत […] Read more » रामदेव रामलीला मैदान
विविधा पश्चिमी देशों में जमा काला धन की वापसी के ये पैरोकार February 25, 2011 / December 15, 2011 by निर्मल रानी | 19 Comments on पश्चिमी देशों में जमा काला धन की वापसी के ये पैरोकार निर्मल रानी हमारा देश जहां महारानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप, टीपू सुल्तान, भगतसिंह तथा चंद्रशेखर आज़ाद व इन जैसे हज़ारों देश भक्त सूरमाओं का देश कहा जाता है वहीं जयचंद और मीर जाफर जैसे ग़द्दार भी हमारे देश की देन थे। यह देश का दुर्भाग्य ही है कि समय के आगे बढऩे के साथ-साथ सच्चे […] Read more » Black Money कालाधन भ्रष्टाचार रामदेव
कविता कविता : रोकते क्यों हो-मैं रामदेव हूं September 26, 2009 / December 26, 2011 by स्मिता | Leave a Comment रोकते क्यों हो रूक पाऊँगा इतनी शक्ति नहीं तुम मुझको रोको माँ के आँचल में पिता के स्नेह में घर के आँगन में सात किताबें पढे हो चापलूसी और परिक्रमा से आठ सीढियां चढ़े हो गरीबों की रोटी छीन अपनी कोठियां भरे हो घमंड इसका, जरा सोच मातृछाया से दूर परमपिता की छांह में खुले […] Read more » Ramdev रामदेव