राजनीति रामराज्य की परिकल्पना पर आधारित है आत्मनिर्भरता September 30, 2022 / September 30, 2022 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह हिन्दू संस्कृति में राम द्वारा किया गया आदर्श शासन रामराज्य के नाम से प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में रामराज्य का प्रयोग सर्वोत्कृष्ट शासन या आदर्श शासन के रूप (प्रतीक) के तौर पर किया जाता है। रामराज्य, लोकतन्त्र का परिमार्जित रूप माना जा सकता है। वैश्विक स्तर पर रामराज्य की स्थापना गांधीजी […] Read more » Self-reliance is based on the concept of Ram Rajya आत्मनिर्भरता रामराज्य
राजनीति समाज तीन बहनों की मौत से उपजे सवाल July 27, 2018 / July 27, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- राष्ट्रीय राजधानी में भूख से तीन बच्चियों की मौत की दर्दनाक एवं शर्मनाक घटना ने समूचे राष्ट्र की चेतना को झकझोर दिया है। यह दिल दहला देने वाली घटना जहां आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा गरीबों के लिए कई तरह की सुविधाएं देने के दावों को कठघरे में खड़ा करती है, वहीं यह […] Read more » Featured अभावग्रस्त अशिक्षित तीन बहनों की मौत से उपजे सवाल बीमार भुखमरी और गरीबी भूख रामराज्य लोक राज्य सुराज्य स्वराज्य
कला-संस्कृति विविधा राम और रामराज्य April 3, 2017 / April 3, 2017 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment गांधीजी कहते थे- ‘‘अपराधी से नहीं अपराध से घृणा होनी चाहिये।’’ कितना भी बड़ा अपराध क्यों न हो, उसे एहसास करनें वाला, लज्जित होने वाला अपराध का परिमार्जन कर देता है। निश्चित रूप से अपराधबोध से ग्रस्तव्यक्ति का व्यक्तित्व भी विभाजित होगा और ऐसे व्यक्ति एक आदर्श समाज बनाने मे सहायक नहीं हो सकते। श्री राम को यह बात अच्छी तरह पता है। यद्यपि सत्ता के लिये निकटतम सम्बंधियों की हत्याओं से इतिहास भरा पड़ा है। मुस्लिमों की परम्पराओं पर इस सम्बंध में अलग से कुछ कहने की जरूरत नहीं है। वहीं सिंहासन की जगह वनवास दिलाने वाली कैकेयी को श्री राम लज्जित समझकर सबसे पहले उसी से मिलकर उसे अपराध बोध से मुक्त कराते हैं। इस तरह से श्रीराम जैसे उदात्त दृष्टि वाले शासक अथवा अग्रणी व्यक्ति होंगे, तभी इस धरती पर रामराज्य संभव है। Read more » राम राम और रामराज्य रामनवमी रामराज्य
राजनीति पंचायती राज मतलब रामराज्य – भाग2 April 5, 2016 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment हमने बिहार के पंचायत चुनावों में बंदूक के दम पर चुनाव लड़ते और जीतते उम्मीदवार देखे हैं| बंदूक के दम पर बूथ कैप्चरिंग होते देखी है तो वही गोलियों की तरतराहट के बीच वोगस वोटिंग और पुलिसकर्मियों को कोने में दुबकने की हकीकत देखी है| इन दबंगों की दबंगई रोकने के लिए सरकार ने वार्डवार, […] Read more » Featured पंचायती राज रामराज्य
समाज साहित्य रामराज्य – एक आदर्श राजविहीन राज्य October 12, 2015 by सुरेन्द्र नाथ गुप्ता | 2 Comments on रामराज्य – एक आदर्श राजविहीन राज्य सुरेन्द्र नाथ गुप्त राम राज्य की कल्पना सर्वप्रथम महाराज मनु ने की थी जब मनु-शतरूपा ने तप करके भगवान से वर मांगा था कि तुम्हारे समान पुत्र हो। मनु-शतरूपा निसंतान नहीं थे, उनके दो पुत्र उत्तानपाद व प्रियव्रत और एक पुत्री देवहूती थी, फिर भी भगवान से पुत्र मांगा और वह भी बिल्कुल उन्ही के […] Read more » Featured रामराज्य