कविता साहित्य वाँशुरी ऐसी बजाई मोहन ! 4 years ago गोपाल बघेल 'मधु' वाँशुरी ऐसी बजाई मोहन, लूटि कें लै गए वे मेरौ मन; रह्यौ कोरौ सलौनौ सूने-…