धर्म-अध्यात्म वेद ईश्वर प्रदत्त स्वतः प्रमाण धर्मग्रन्थ है October 17, 2021 / October 17, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर और धर्म दो महत्वपूर्ण शब्द हैं। ईश्वर उस सत्ता का नाम है जिसने इस संसार को बनाया है और जो इसका संचालन कर रही है। धर्म उस सत्य और तर्कपूर्ण आचार संहिता का नाम है जिसका आचरण मनुष्य को करना होता है और जिसको करने से मनुष्य का जीवन दुःखों […] Read more » Vedas are self-evident scripture given by God वेद
धर्म-अध्यात्म सर्व प्राचीन वैदिक धर्म का आधार ईश्वर और उसका ज्ञान वेद June 11, 2021 / June 11, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में अनेक मत-मतान्तर प्रचलित हैं जो अपने आप को धर्म बताते हैं। क्या वह सब धर्म हैं? यह मत-मतान्तर इसलिये धर्म नहीं हो सकते क्योंकि धर्म श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव को धारण करने को कहते हैं। मनुष्य का कर्तव्य है कि श्रेष्ठ व अनिन्दित गुण, कर्म व स्वभावों को जाने व […] Read more » The basis of all ancient Vedic religion is God and his knowledge Vedas वेद
धर्म-अध्यात्म वेद अपौरुषेय ज्ञान एवं भाषा के ग्रन्थ हैं March 14, 2021 / March 14, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की संहिताओं में निहित मंत्रों व इनके सभी मन्त्रों में निहित ज्ञान को कहते हंै। वेदों का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी की यह सृष्टि पुरानी है। हमारे प्राचीन काल के मनीषियों से लेकर ऋषि दयानन्द (1825-1883) तक ने वेदों की उत्पत्ति, इसके रचयिता व ज्ञान […] Read more » The Vedas are texts of inauspicious knowledge and language. वेद
धर्म-अध्यात्म वेदों को मानने और विश्व का उपकार करने की भावना के कारण आर्यसमाज विश्व का श्रेष्ठ संगठन है February 23, 2021 / February 23, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ईश्वर एक सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान एवं सर्वज्ञ सत्ता है जबकि जीवात्मा एक एकदेशी, ससीम तथा अल्पज्ञ सत्ता है। अल्पज्ञ होने के कारण से जीवात्मा वा मनुष्य को अपने जीवन को सुखी बनाने एवं लक्ष्य प्राप्ति के लिये सद्ज्ञान एवं शारीरिक शक्तियों की आवश्यकता होती है। सत्यस्वरूप ईश्वर सर्वज्ञ है एवं वह […] Read more » The Arya Samaj is the best organization in the world due to the spirit of following the Vedas and favoring the world. वेद
धर्म-अध्यात्म वेद मनुष्य जन्म का कारण कर्म-फल भोग व मोक्ष प्राप्ति बताते हैं February 5, 2021 / February 5, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहम मनुष्य के रूप में जन्मे व जीवन जी रहे हैं परन्तु हमें यह पता नही होता कि हमारा जन्म क्यों हुआ तथा हमें करना क्या है? संसार के अधिकांश व प्रायः सभी मनुष्यों की यही स्थिति है। इस प्रश्न का उत्तर केवल वेद व वैदिक साहित्य से ही प्राप्त होता है जो […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म वेद सत्य पर आधारित जीवन शैली जीने की प्रेरणा करते हैं February 3, 2021 / February 3, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसंसार में किसी भी बात के दो पक्ष हो सकते हैं एक सत्य और दूसरा असत्य। अपने जीवन में हमें कई बार इन दोनों में से एक का चुनाव करना पड़ता है। कई बार असत्य कार्य करने पर हमें लाभ और सत्य को अपनाने पर हानि होती है। ऐसी स्थिति में अधिकांश लोग […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म वेद सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वज्ञ एवं सर्वव्यापक ईश्वर से उत्पन्न हुए हैं January 29, 2021 / January 29, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसूर्य, चन्द्र, पृथिवी तथा नक्षत्रों आदि से युक्त हमारी यह भौतिक सृष्टि मनुष्योत्पत्ति से बहुत पहले बन चुकी थी। अतः इसे मनुष्यों ने नहीं बनाया यह बात तो स्पष्ट है। मनुष्य एक, दो व करोड़ों मिलकर भी इस सृष्टि व इसके एक ग्रह को भी नहीं बना सकते। यदि ऐसा है तो फिर […] Read more » omniscient and omniscient God The Vedas are derived from Sachchidananda Swaroop वेद
धर्म-अध्यात्म वेद प्रतिपादित ईश्वर के सत्यस्वरूप में विश्वास से जीवन की सफलता October 5, 2020 / October 5, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का आत्मा सत्य व असत्य का जानने वाला होता है परन्तु अपने प्रयोजन की सिद्धि, हठ, दुराग्रह तथा अविद्या आदि दोषों के कारण वह सत्य को छोड़ असत्य में झुक जाता है। ऐसा होने पर मनुष्य की भारी हानि होती है। मनुष्य को सत्य को पकड़ कर रखना चाहिये और […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म वेद मानवता व नैतिक मूल्यों के प्रसारक विश्व के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं July 30, 2020 / July 30, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि का आरम्भ सर्वव्यापक एवं सर्वशक्तिमान ईश्वर से सभी प्राणियों की अमैथुनी सृष्टि के द्वारा हुआ था। सृष्टि के आरम्भ में मनुष्य को भाषा व ज्ञान भी परमात्मा से ही मिला। वैदिक संस्कृत भाषा सृष्टि की परमात्मा प्रदत्त आदि भाषा है तथा वेद ज्ञान मनुष्यों को परमात्मा से प्राप्त हुआ प्राचीनतम […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म ईश्वर और वेद ही संसार में सच्चे अमृत हैं July 4, 2020 / July 4, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य संसार में तीन सनातन, अनादि, अविनाशी, नित्य व अमर सत्तायें हैं। यह हैं ईश्वर, जीव और प्रकृति। अमृत उसे कहते हैं जिसकी मृत्यु न हो तथा जिसमें दुःख लेशमात्र न हों और आनन्द भरपूर हो। ईश्वर अजन्मा अर्थात् जन्म-मरण धर्म से रहित है। अतः ईश्वर मृत्यु के बन्धन से मुक्त होने […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म सर्वज्ञ ईश्वर से ही सर्गारम्भ में चार ऋषियों को चार वेद मिले थे July 1, 2020 / July 1, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना अपितु एक पूर्ण ज्ञानवान सर्वज्ञ सत्ता ईश्वर के द्वारा बना है। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, सर्वव्यापक, सर्वातिसूक्ष्म, एकरस, अखण्ड, सृष्टि का उत्पत्तिकर्ता, पालनकर्ता तथा प्रलयकर्ता है। जो काम परमात्मा ने किये हैं व करता है, वह काम किसी मनुष्य के वश की बात नहीं है। […] Read more » वेद
प्रवक्ता न्यूज़ ईश्वर, वेद, महर्षि दयानन्द और मूर्तिपूजा June 7, 2019 / June 7, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में ईश्वर, जीव और प्रकृति तीन अनादि तत्व हैं। ईश्वर अजन्मा और जीव जन्म-मरण के बन्धनों में बंधा हुआ है। जीवात्मा के जन्म व मरण का कारण कर्मों का बन्धन है। जीव में इच्छा, राग, द्वेष, सुख व दुःख, इन्द्रियो व अन्तःकरण के अनेक प्रकार के विकार होते हैं। इनसे […] Read more » ईश्वर महर्षि दयानन्द वेद