राजनीति सामाजिक समरसता : राष्ट्र निर्माण का आधार September 22, 2025 / September 23, 2025 by पवन शुक्ला | Leave a Comment महात्मा गांधी ने कहा था—“हमारी एकता हमारी विविधता में ही है; जब तक हम मिलकर नहीं रहेंगे, तब तक भारत सशक्त नहीं हो सकता।” यह वाक्य केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि भविष्य का संकल्प भी है। भारत की असली ताक़त उसकी गंगा-यमुनी संस्कृति में है, जहाँ विभिन्न आस्थाएँ, भाषाएँ और परंपराएँ मिलकर जीवन की धारा […] Read more » Social harmony: the foundation of nation building सामाजिक समरसता
वर्त-त्यौहार विविधा सामाजिक समरसता और विश्वबंधुत्व को बढ़ावा देता है रक्षाबंधन August 17, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 18 अगस्त पर विशेष:- मृत्युंजय दीक्षित विविध संस्कृतियों के देश भारत में पर्वों की एक महान श्रृंखला चली आ रही है। पर्वों की उसी कड़ी में श्रावण शुक्ल मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व का भारतीय समाज व संस्कृतिमें अत्यंत महत्व है। रक्षाबंधन के पर्व का अर्थ बहन […] Read more » Featured rakshabandhan रक्षाबंधन विश्वबंधुत्व सामाजिक समरसता
समाज पुस्तिका का पूरा पाठ : श्री गुरुजी और सामाजिक समरसता June 22, 2012 / June 22, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरुजी सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे। उनका चिंतन हिंदू समाज के लिए पाथेय है।सुप्रसिद्ध लेखक-पत्रकार श्री रमेश पतंगे ने उनके विचारों का सम्यक अध्ययन कर एक पुस्तिका तैयार की थी। हम इस पूरी पुस्तिका को प्रवक्ता के पाठक के लिए यहां प्रस्तुत कर रहे हैं। […] Read more » राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ श्री गुरुजी सामाजिक समरसता