धर्म-अध्यात्म स्वामी शंकराचार्य के ईश्वर के अस्तित्व पर शास्त्रार्थ का खोजपूर्ण वर्णन March 21, 2021 / March 21, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य लगभग 23-24 सौ वर्ष पूर्व सनातन धर्म लुप्त प्रायः होकर देश में सर्वत्र नास्तिक मत छा गया था। इस अवधि में देश में स्वामी शंकराचार्य जी का प्रादुर्भाव होता है। वह वेद ज्ञान व विद्या से सम्पन्न थे। उन्होंने जैनमत के आचार्यों से उनकी अविद्यायुक्त मान्यताओं और वैदिक मत की सत्य […] Read more » स्वामी शंकराचार्य
धर्म-अध्यात्म ‘आर्यसमाज की पुरानी पीढ़ी के यशस्वी शीर्ष भजनोपदेशक June 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आजकल श्रीमद्दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, पौन्धा-देहरादून का वार्षिकोत्सव चल रहा है। यह उत्सव 3 जून, 2018 को समाप्त होगा। इस गुरुकुल पौन्धा की स्थापना आर्यजगत के विख्यात संन्यासी स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी ने 18 वर्ष पूर्व सन् 2000 में की थी। श्री ओम् प्रकाश वम्र्मा, युमनानगर स्वामी जी के साथी व सहयोगी […] Read more » Featured ऋषि दयानन्द डा. सोमदेव शास्त्री नवीन वेदान्त ब्रह्म-समाज सत्यार्थप्रकाश स्वामी शंकराचार्य
धर्म-अध्यात्म स्वामी शंकराचार्य जी का वैराग्य विषयक वैदिक मान्यताओं के अनुरूप उपदेश January 5, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ‘विवेक चूडामणि’ स्वामी शंकराचार्य जी का लगभग दो हजार वर्ष पूर्व लिखा गया उनके सभी ग्रन्थों में एक प्रधान ग्रन्थ है। यह ग्रन्थ मोक्षाभिलाषी एवं स्वाध्याय प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसका लाभ तभी हो सकता है जब कि हम वैदिक त्रैतवाद के सिद्धान्त को भली प्रकार से समझते हों। ग्रन्थ […] Read more » स्वामी शंकराचार्य