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समाज

 नर्मदा घाटी संदर्भ: आदिवासी दिवस व बाबासाहेब

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प्रवीण गुगनानी, जनजातीय समाज की प्रतिष्ठा, उसके रक्षण व विकास की भारत में प्राचीन परंपरा रही है. प्रकृति पूजन हमें वेदों से प्राप्त हुआ जिसके प्रति नगरीय समाज की अपेक्षा जनजातीय समाज अधिक आग्रही रहा. जनजातीय समाज रक्षण का पात्र नहीं अपितु शेष समाज का रक्षक भी रहा है ऐसी मान्यता का परिचय भी हमें प्राचीन भारतीय […]

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